रायपुर: ओडिशा में 25 सालों से चली आ रही बीजू जनता दल की नवीन पटनायक सरकार का अंत बीजेपी ने जीत के साथ कर दिया है. अब बीजेपी में कमल का राज है. ओडिशा में बीजेपी की जीत में छत्तीसगढ़ की बड़ी भूमिका रही है. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने ओडिशा की जनता से जो वादे किए थे उसे 100 दिन में पूरा करने का टास्क भी मिल गया है. विष्णु देव साय ने जिस तरह से सरकार बनने के बाद 100 दिनों के भीतर किए गए वादों को पूरा करना शुरु कर दिया. उसी तर्ज पर अब ओडिशा में भी 100 दिनों के भीतर बीजेपी अपने किए चुनावी वादों को पूरा करने की तैयारी में है.
ओडिशा में फॉलो होगा छत्तीसगढ़ का 100 डेज मॉडल: सबसे अहम बात यह है कि यह टास्क विपक्ष ने नहीं बल्कि भाजपा के नेता ही ओडिशा सरकार को दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ''ओडिशा की जीत में छत्तीसगढ़ का अहम रोल है. खास तौर से 100 दिनों के भीतर छत्तीसगढ़ में जो काम हुए थे और नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में काम करने का जो भरोसा दिया है यह दोनों चीजें जनता के मन में विश्वास बनाने का काम करती है.'' यह माना जा रहा है छत्तीसगढ़ के मॉडल के आधार पर ओडिशा की सरकार भी काम करेगी.
मोहन माझी के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे सीएम: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ये अहम बातें ओडिशा रवाना होने से पहले कही. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ओडिशा में मोहन माझी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. सीएम ने कहा कि ''ओडिशा में जो बीजेपी को जीत मिली है उसमें छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका रही है. खासतौर से छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए जो काम गया है उस बात को ओडिशा के किसानों के बीच भी रखा गया. आज पूरे देश में नक्सल विरोधी अभियान को लेकर छत्तीसगढ़ की चर्चा हो रही है.''
नक्सल विरोधी अभियान को लेकर सरकार की तगड़ी रणनीति: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह सहित सभी बड़े नेताओं ने नक्सलवाद पर करार प्रहार किया. जनता के बीच ये मैसेज दिया कि नक्सलवाद विकास की राह में सबसे बड़ी समस्या है. ओडिशा के कुछ इलाके भी नक्सलवाद से प्रभावित हैं ऐसे में नक्सलावाद के खात्मे को लेकर सरकार का ये सख्त संदेश वहां की जनता के बीच भी पहुंचा. ओडिशा में बन रही बीजेपी सरकार में छत्तीसगढ़ का भी योगदान रहा है इसका क्रेडिट लेना अब बीजेपी ने शुरु कर दिया है.
समानता और योजना वाली चर्चा: ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बहुत सारी समानताएं हैं. खासतौर से नक्सल समस्या छत्तीसगढ़ और ओडिशा में समान है. खेती किसानी में भी बहुत सारी चीजें दोनों राज्यों में एक जैसी है. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, ऐसे में धान के किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल धान की खरीदी किसानों में बड़ा भरोसा जगाती है. धान किसानों के लिए साय सरकार ने जो मॉडल पेश किया उसी मॉडल को को ओडिशा में भी स्वीकार किया जाएगा इसकी पूरी तैयारी है. छत्तीसगढ़ की धान खरीदी मॉडल को आने वाले दिनों ओडिसा की मोहन माझी सरकार भी आगे लेकर जाएगी.
सुरक्षा से समझौता नहीं: छत्तीसगढ़ और ओडिशा में नक्सली समस्या एक ही तरह की है. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरीके से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने अभियान चलाया है उसका बड़ा फायदा मिला. अभियान में 120 से ज्यादा नक्सली मारे गए. 500 से ज्यादा नक्सलियों ने हथियार डाले. सैंकड़ों नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. फोर्स के एक्शन से नक्सली न सिर्फ बैकफुट पर गए बल्कि उनकी कमर भी टूट गई. नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को अब ओडिशा में भी हाथों हाथ लिया जाएगा.
पीएम और गृहमंत्री की गारंटी वाली बात: 2024 में नरेंद्र मोदी ने नक्सल समस्या के खात्मे की गारंटी ली. अमित शाह ने भी प्रचार के दौरान कहा कि दो सालों के भीतर माओवादियों का सफाया कर दिया जाएगा. पीएम और गृहमंत्री के इस बयान से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए ये बड़ी बात थी. नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादी विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए हैं. नक्सलियों के खात्मे से ओडिशा को भी फायदा होगा और वहां भी विकास की गति बढ़ेगी.
''निश्चित तौर पर ओडिशा की जनता ने भाजपा के लिए एक बड़ा जनमत दिया है. 25 सालों से चली आ रही सरकार को ओडिशा की जनता ने बदल दिया है. यह बीजेपी के लिए बड़ी उपलब्धि की बात है. इसमें नरेंद्र मोदी की गारंटी हो या छत्तीसगढ़ के मॉडल की गारंटी, सबका योगदान है. फिलहाल छत्तीसगढ़ का मॉडल ओडिशा में सरकार बनाने की वजह बना कि नहीं बना यह नहीं कहा जा सकता. लेकिन बीजेपी का काम सरकार के बनने की वजह है. अब वह काम केंद्रीय नेतृत्व ने किया है, पड़ोसी राज्य ने किया है, वहां की भाजपा पार्टी ने किया है. यह सब कुछ अपने-अपने अनुसार भाजपा के बताने के लिए है. जिन मूल समस्याओं से ओडिशा जूझ रहा है, जो नक्सलियों की समस्या है उसके सफाए की बात होती है तो उसका फर्क पड़ेगा और विकास की गति बढ़ेगी. ओडिशा में एक नई शुरुआत होगी. अभी ये इंतजार का वक्त है, ये देखना होगा कि सरकार आगे किस तरह से चलती है. जो वादे पार्टी ने किए हैं उसे आगे लेकर जाते हैं तो ये सुखद बात होगी.'' - दुर्गेश भटनागर, राजनीतिक समीक्षक
जनता के वादों पर खरा उतरने की चुनौती: ओडिशा में 100 दिनों के छत्तीसगढ़िया मॉडल को फॉलो करने की तैयारी है. भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी को राज्य सरकार ने पूरा किया उसी तर्ज पर ओडिशा में भी पूरा किया जाए.