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'आम' की मोहब्बत में दीवाना शिक्षक, कई बार किया घर मॉडिफाइड पर नहीं काटने दिया पेड़ - CHHATARPUR TREE LOVER

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक युवा शिक्षक ने अनोखी मिसाल पेश की है. एक पेड़ को बचाने के लिए अपने घर को भले ही मॉडिफाइड करा लिया हो पर अपने बचपन के मित्र आम के पेड़ को कटने नहीं दिया है.

CHHATARPUR TEACHER SAVE TREE
पेड़ प्रेमी शिक्षक हरि गोपाल (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 11:49 AM IST

Updated : Aug 7, 2024, 11:59 AM IST

छतरपुर: पेड़ की छाया मां की ममता की तरह होती है, क्योंकि यह दोनों बिना शर्त प्यार देते हैं. दुनिया में कई ऐसे ट्री लवर हैं, जिनके जुनून की वजह से धरती पर हरियाली बनी हुई है. ऐसे ही वृक्ष प्रेमी हैं छतरपुर जिले के शिक्षक हरि गोपाल प्रागी. जिन्होंने आम के पेड़ को बचाने के लिए अपने घर को कई बार मॉडिफाइड करवाया, लेकिन पेड़ को काटने नहीं दिया. हरि गोपाल पेड़ को अपने जिगर का टुकड़ा समझते हैं.

आम के पेड़ को बचाने घर किया मॉडिफाइड (ETV Bharat)

20 साल पहले लाया था आम का पौधा, आज दे रहा फल
दरअसल छतरपुर जिले के चौका गांव में रहने वाले युवा शिक्षक हरि गोपाल प्रागी, जिन्हें घर में अशोक नाम से बुलाया जाता है. जब कक्षा 3 तीसरी में पढ़ता था तब वह स्कूल जाते वक्त अपने भाई के साथ खेल खेल में अपने घर में आम का एक पौधा ले आया था. जिसे उसने अपने घर के आंगन में लगा दिया था. हरि बताते हैं कि ''जब वह 9 साल का था तब वह आम के पौधे को घर लाया था. आज आम के पेड़ को लगभग 20 वर्ष हो गए और वह अच्छी किस्म के मीठे और रसीले आम दे रहा है. हमारे घर के अलावा मोहल्ले के लोग भी आम खाते हैं.''

CHHATARPUR TEACHER SAVE TREE
पूरे घर में छाया हुआ है आम का पेड़ (ETV Bharat)

तीन बार मॉडिफाइड हुआ घर, फिर भी नहीं कटने दिया पेड़
अशोक का कहना है कि, ''जब घर में आम का पौधा लाए थे तब से लेकर आज तक घर तीन बार मोडिफाइड हो चुका है. कई बार घर में काम करने वाले कारीगरों ने आम के पेड़ को काटने की बात कही. लेकिन हम लोगों ने मना कर दिया. आम का पेड़ अभी हमारे घर के हॉल में लगा हुआ है, जिसे धीरे धीरे दीवार में छेद करके छत पर लाया गया है. फिलहाल आम फल दे रहा है और साल इसी मौसम में आम फल देता है. फल बेहद रसीले और मीठे होते हैं.''

CHHATARPUR TEACHER SAVE TREE
रसीले और मीठे फल दे रहा पेड़ (ETV Bharat)

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फलदार पेड़ था इसलिए नहीं काटा
अशोक की मां प्रेम बाई का कहना है कि, ''उनका छोटा बेटा हरि उर्फ अशोक स्कूल से आते वक्त आम का एक पौधा लाया था, जिसे घर के आंगन में लगाया गया था. फलदार पेड़ था इसी लिए मैंने नहीं काटने दिया. भले ही उसे टेढ़ा मेढ़ा कर छत पर कर दिया है.'' एक ओर जहां इस बार बुंदेलखंड में भीषण गर्मी हुई है और लगातार कट रहे पेड़ों को ग्लोबल वार्मिंग की वजह मना जा रहा है. ऐसे में एक युवा शिक्षक के द्वारा 20 साल तक एक पेड़ को सुरक्षित और संरक्षित रखना अपने आप में एक अनोखी पहल है.

छतरपुर: पेड़ की छाया मां की ममता की तरह होती है, क्योंकि यह दोनों बिना शर्त प्यार देते हैं. दुनिया में कई ऐसे ट्री लवर हैं, जिनके जुनून की वजह से धरती पर हरियाली बनी हुई है. ऐसे ही वृक्ष प्रेमी हैं छतरपुर जिले के शिक्षक हरि गोपाल प्रागी. जिन्होंने आम के पेड़ को बचाने के लिए अपने घर को कई बार मॉडिफाइड करवाया, लेकिन पेड़ को काटने नहीं दिया. हरि गोपाल पेड़ को अपने जिगर का टुकड़ा समझते हैं.

आम के पेड़ को बचाने घर किया मॉडिफाइड (ETV Bharat)

20 साल पहले लाया था आम का पौधा, आज दे रहा फल
दरअसल छतरपुर जिले के चौका गांव में रहने वाले युवा शिक्षक हरि गोपाल प्रागी, जिन्हें घर में अशोक नाम से बुलाया जाता है. जब कक्षा 3 तीसरी में पढ़ता था तब वह स्कूल जाते वक्त अपने भाई के साथ खेल खेल में अपने घर में आम का एक पौधा ले आया था. जिसे उसने अपने घर के आंगन में लगा दिया था. हरि बताते हैं कि ''जब वह 9 साल का था तब वह आम के पौधे को घर लाया था. आज आम के पेड़ को लगभग 20 वर्ष हो गए और वह अच्छी किस्म के मीठे और रसीले आम दे रहा है. हमारे घर के अलावा मोहल्ले के लोग भी आम खाते हैं.''

CHHATARPUR TEACHER SAVE TREE
पूरे घर में छाया हुआ है आम का पेड़ (ETV Bharat)

तीन बार मॉडिफाइड हुआ घर, फिर भी नहीं कटने दिया पेड़
अशोक का कहना है कि, ''जब घर में आम का पौधा लाए थे तब से लेकर आज तक घर तीन बार मोडिफाइड हो चुका है. कई बार घर में काम करने वाले कारीगरों ने आम के पेड़ को काटने की बात कही. लेकिन हम लोगों ने मना कर दिया. आम का पेड़ अभी हमारे घर के हॉल में लगा हुआ है, जिसे धीरे धीरे दीवार में छेद करके छत पर लाया गया है. फिलहाल आम फल दे रहा है और साल इसी मौसम में आम फल देता है. फल बेहद रसीले और मीठे होते हैं.''

CHHATARPUR TEACHER SAVE TREE
रसीले और मीठे फल दे रहा पेड़ (ETV Bharat)

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अशोक की मां प्रेम बाई का कहना है कि, ''उनका छोटा बेटा हरि उर्फ अशोक स्कूल से आते वक्त आम का एक पौधा लाया था, जिसे घर के आंगन में लगाया गया था. फलदार पेड़ था इसी लिए मैंने नहीं काटने दिया. भले ही उसे टेढ़ा मेढ़ा कर छत पर कर दिया है.'' एक ओर जहां इस बार बुंदेलखंड में भीषण गर्मी हुई है और लगातार कट रहे पेड़ों को ग्लोबल वार्मिंग की वजह मना जा रहा है. ऐसे में एक युवा शिक्षक के द्वारा 20 साल तक एक पेड़ को सुरक्षित और संरक्षित रखना अपने आप में एक अनोखी पहल है.

Last Updated : Aug 7, 2024, 11:59 AM IST
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