मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति से बड़ी खबर सामने आ रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से सिल्वर ओक में भेंट की. इस मुलाकात के पीछे क्या वजह है? इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई है. मंत्री छगन भुजबल ने सिल्वर ओक में एनसीपी संस्थापक शरद पवार से बातचीत की. उनकी बातचीत का ब्यौरा अभी सामने आना बाकी है.
इस बात की चर्चा है कि छगन भुजबल ने आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक में न जाने के लिए बारामती से फोन आया था. क्या इस बात का कोई सबूत है कि सांसद सुप्रिया सुले ने भुजबल को ऐसा फोन किया था? ऐसा कहा गया. वहीं, जितेंद्र आव्हाड ने भुजबल को चिढ़ाते हुए कहा था कि जब तक वह पवार का नाम नहीं लेते, तब तक कोई नोटिस नहीं लेता. जब ऐसे आरोप लग रहे थे, तब भुजबल शरद पवार से मिलने क्यों गए? क्या नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे? इस संभावना ने राज्य की राजनीति में सरगर्मी पैदा कर दी है.
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें छगन भुजबल और शरद पवार के बीच हुई मुलाकात के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं अभी पुणे में हूं. मैं आपको उनकी यात्रा के बारे में बताऊंगी. मैं आपको अभी मुंबई में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में नहीं बता सकती. यहां के मुद्दे मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं. कटराज चौक के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. कटराज घाट के नहीं.'
महागठबंधन को कोई खतरा नहीं होगा: छगन भुजबल और शरद पवार की मुलाकात पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रतिक्रिया दी. बावनकुले ने कहा, 'छगन भुजबल महागठबंधन का अहम हिस्सा हैं. वे ऐसा कोई जोखिम नहीं लेंगे जिससे महागठबंधन को खतरा हो. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे शरद पवार से मिले हैं. हम भी शरद पवार से अक्सर मिलते रहते हैं. उन्होंने क्यों मुलाकात की? इसका कारण भुजबल ही बता पाएंगे.