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तमिलनाडु के 7 मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद, गरीबी की मार झेल रहे परिवारों को अभी तक कोई राहत नहीं!

पिछले साल दिसंबर 2023 में गुजरात से समुद्र में मछली पकड़ने गए तमिलनाडु के 7 मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.

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जेल में बंद मछुआरों के परिवार ने बयां किया दर्द (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 12, 2024, 7:36 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु के 7 मछुआरे अवैध तरीके से समुद्री सीमा में घुसकर मछली पकड़ने के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. खबर के मुताबिक, दिसंबर 2023 में गुजरात के एक मछली पकड़ने वाले बंदरगाह से तमिलनाडु के ये मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने गए थे. उनके परिवार को जानकारी मिली है कि उन्हें 28 दिसंबर को सीमा पार मछली पकड़ने के लिए पाकिस्तानी नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया.

बताया जा रहा है कि, पाकिस्तानी नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों के परिवारों ने उन्हें छुड़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक उस पर किसी ने कोई सुध नहीं ली है और न ही कोई कार्रवाई हुई है. इस स्थिति में, ऑल फिशरमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष नंजिल रवि ने एक याचिका दी है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि, केंद्र और राज्य सरकारें पाकिस्तान की जेलों में बंद मछुआरों को छुड़ाने के लिए कदम उठाएं.

पाकिस्तान की जेल में बंद मछुआरे अशोक की पत्नी जमुना ने ईटीवी भारत से कहा कि, उनके पति बच्चे के जन्म के 15वें दिन मछली पकड़ने के लिए समुद्र में चले गए थे. उसके बाद से पिछले 11 महीनों से उनके (अशोकन) बारे में कोई जानकारी नहीं है. पत्नी ने बताया कि,ऐसी स्थिति में उनकी घर की माली हालत काफी खराब हो गई है. उनके पास बच्चों के लिए दूध खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, उनकी सास भी बीमार रहती हैं, इस वजह से वह अपने पति और परिवार को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

वहीं, पाकिस्तान की जेल में बंद अरुलदास की पत्नी धनबक्याम ने कहा कि, जब उन्हें जानकारी मिली कि उनके पति जेल में हैं, तो वे पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई. साथ ही उन्होंने थाने में पति को छुड़ाने की गुहार भी लगाई. साथ ही उन्होंने चेन्नई में गैर निवासी तमिलों के पुनर्वास और कल्याण के आयुक्त के पास जाकर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई. इसके कारण, हम एझिलाकम गए और अपने पति को छुड़ाने के लिए कार्रवाई करने के लिए वहां शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज करने के 3 महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि, मत्स्य विभाग सहित सभी स्थानों पर शिकायत दर्ज कराने के बावजूद उनके पति को बचाने के लिए कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई.

ऑल फिशरमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष नंजिल रवि ने ईटीवी भारत से कहा, पिछले साल दिसंबर 2023 में गुजरात से मछली पकड़ने गए तमिलनाडु के 7 मछुआरे जिनमें एक कन्याकुमारी और 6 कासिमेदु के हैं. साथ ही गुजरात के 8 मछुआरे भी सीमा पार कर मछली पकड़ने चले गए. जेल में बंद मछुआरों ने अपने परिजनों को बताया कि उन्हें मछली पकड़ने के आरोप में पाकिस्तान की नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया है.

नंजिल रवि ने कहा कि, अवैध तरीके से पाकिस्तान की समुद्री सीमा में घुसने के आरोप में तमिलनाडु के 7 लोग एंटनी राज, अरुल दास, करुणाकरण, अशोक, बालामुरुगन, मुरुगन और राजन गिरफ्तार हुए हैं और जेल में हैं. हालांकि उनके परिजनों ने कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें छुड़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पिछले 11 महीनों से उनका काम सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना रह गया है. उन्होंने आगे कहा कि, "अगर आप तमिलनाडु के समुद्री तट पर मछली पकड़ने जाते हैं तो आपको हर महीने 30 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की आमदनी हो सकती है." नंजिल रवि ने आगे कहा कि, मछुआरे गुजरात जैसे राज्यों में काम करने पर उन्हें कम से कम 1 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि, विदेशी जेलों में बंद तमिलनाडु के मछुआरों के परिवारों को मुख्यमंत्री की प्रत्यक्ष निगरानी में जिला कलेक्टरों को व्यक्तिगत रूप से प्रभावित परिवारों से मिलना चाहिए और उन्हें 350 रुपये प्रतिदिन की सहायता राशि प्रदान करनी चाहिए. हालांकि, उनके परिवारों का कहना है कि, उन्हें कोई दैनिक भत्ता नहीं दिया गया है जो पिछले 11 महीने से प्रभावित हैं. उनका कहना है कि, साथ ही पीड़ित परिवारों की शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है और अभी तक कोई सांसद या विधानसभा सदस्य उनसे मिलने नहीं गया है. "इसलिए, हमने ऑल फिशरमैन एसोसिएशन की ओर से पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों को छुड़ाने का अनुरोध किया है. विदेश मंत्री जयशंकर भी जोर दे रहे हैं कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से बात करके मछुआरों को छुड़ाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए."

ये भी पढ़ें: श्रीलंका नौसेना के जहाज से टकराने के बाद भारतीय मछुआरे की मौत, श्रीलंका के उच्चायुक्त को तलब किया

चेन्नई: तमिलनाडु के 7 मछुआरे अवैध तरीके से समुद्री सीमा में घुसकर मछली पकड़ने के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. खबर के मुताबिक, दिसंबर 2023 में गुजरात के एक मछली पकड़ने वाले बंदरगाह से तमिलनाडु के ये मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने गए थे. उनके परिवार को जानकारी मिली है कि उन्हें 28 दिसंबर को सीमा पार मछली पकड़ने के लिए पाकिस्तानी नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया.

बताया जा रहा है कि, पाकिस्तानी नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों के परिवारों ने उन्हें छुड़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक उस पर किसी ने कोई सुध नहीं ली है और न ही कोई कार्रवाई हुई है. इस स्थिति में, ऑल फिशरमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष नंजिल रवि ने एक याचिका दी है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि, केंद्र और राज्य सरकारें पाकिस्तान की जेलों में बंद मछुआरों को छुड़ाने के लिए कदम उठाएं.

पाकिस्तान की जेल में बंद मछुआरे अशोक की पत्नी जमुना ने ईटीवी भारत से कहा कि, उनके पति बच्चे के जन्म के 15वें दिन मछली पकड़ने के लिए समुद्र में चले गए थे. उसके बाद से पिछले 11 महीनों से उनके (अशोकन) बारे में कोई जानकारी नहीं है. पत्नी ने बताया कि,ऐसी स्थिति में उनकी घर की माली हालत काफी खराब हो गई है. उनके पास बच्चों के लिए दूध खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, उनकी सास भी बीमार रहती हैं, इस वजह से वह अपने पति और परिवार को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

वहीं, पाकिस्तान की जेल में बंद अरुलदास की पत्नी धनबक्याम ने कहा कि, जब उन्हें जानकारी मिली कि उनके पति जेल में हैं, तो वे पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई. साथ ही उन्होंने थाने में पति को छुड़ाने की गुहार भी लगाई. साथ ही उन्होंने चेन्नई में गैर निवासी तमिलों के पुनर्वास और कल्याण के आयुक्त के पास जाकर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई. इसके कारण, हम एझिलाकम गए और अपने पति को छुड़ाने के लिए कार्रवाई करने के लिए वहां शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज करने के 3 महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि, मत्स्य विभाग सहित सभी स्थानों पर शिकायत दर्ज कराने के बावजूद उनके पति को बचाने के लिए कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई.

ऑल फिशरमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष नंजिल रवि ने ईटीवी भारत से कहा, पिछले साल दिसंबर 2023 में गुजरात से मछली पकड़ने गए तमिलनाडु के 7 मछुआरे जिनमें एक कन्याकुमारी और 6 कासिमेदु के हैं. साथ ही गुजरात के 8 मछुआरे भी सीमा पार कर मछली पकड़ने चले गए. जेल में बंद मछुआरों ने अपने परिजनों को बताया कि उन्हें मछली पकड़ने के आरोप में पाकिस्तान की नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया है.

नंजिल रवि ने कहा कि, अवैध तरीके से पाकिस्तान की समुद्री सीमा में घुसने के आरोप में तमिलनाडु के 7 लोग एंटनी राज, अरुल दास, करुणाकरण, अशोक, बालामुरुगन, मुरुगन और राजन गिरफ्तार हुए हैं और जेल में हैं. हालांकि उनके परिजनों ने कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें छुड़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पिछले 11 महीनों से उनका काम सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना रह गया है. उन्होंने आगे कहा कि, "अगर आप तमिलनाडु के समुद्री तट पर मछली पकड़ने जाते हैं तो आपको हर महीने 30 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की आमदनी हो सकती है." नंजिल रवि ने आगे कहा कि, मछुआरे गुजरात जैसे राज्यों में काम करने पर उन्हें कम से कम 1 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि, विदेशी जेलों में बंद तमिलनाडु के मछुआरों के परिवारों को मुख्यमंत्री की प्रत्यक्ष निगरानी में जिला कलेक्टरों को व्यक्तिगत रूप से प्रभावित परिवारों से मिलना चाहिए और उन्हें 350 रुपये प्रतिदिन की सहायता राशि प्रदान करनी चाहिए. हालांकि, उनके परिवारों का कहना है कि, उन्हें कोई दैनिक भत्ता नहीं दिया गया है जो पिछले 11 महीने से प्रभावित हैं. उनका कहना है कि, साथ ही पीड़ित परिवारों की शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है और अभी तक कोई सांसद या विधानसभा सदस्य उनसे मिलने नहीं गया है. "इसलिए, हमने ऑल फिशरमैन एसोसिएशन की ओर से पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों को छुड़ाने का अनुरोध किया है. विदेश मंत्री जयशंकर भी जोर दे रहे हैं कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से बात करके मछुआरों को छुड़ाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए."

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