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दो बार यूपी के सीएम, पांच महीने के पीएम, पढ़िए चौधरी चरण सिंह की 10 खास बातें

Chaudhary Charan Singh: केंद्र सरकार ने जाटों के सबसे बड़े नेता और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की है. आईए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 2:02 PM IST

Updated : Feb 9, 2024, 3:27 PM IST

लखनऊ: चौधरी चरण सिंह को आज भारत रत्न घोषित कर दिया गया. देश के पांचवें प्रधानमंत्री और सबसे बड़े किसान व जाट नेता को देश का सबसे बड़ा सम्मान मिलने के बाद चारों ओर खुशी की लहर है. इसको लेकर चौधरी चरण सिंह के पोते और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करके खुशी जाहिर की है. इसमें उन्होंने लिखा है कि मोदी ने दिल जीत लिया.

चौधरी चरण सिंह के जीवन की प्रमुख बातें

  • चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के नूरपुर में एक जाट परिवार में हुआ था.
  • आजादी के आंदोलन के समय ही चौधरी चरण सिंह राजनीति में आ गए थे. उन्होंने 1925 एमएससी करने के बाद लॉ की भी पढ़ाई की थी.
  • चौधरी चरण सिंह पहली बार 1937 में विधायक बने. छपरौली विधानसभा सीट से वे पांच बार विधायक चुने गए थे.
  • चौधरी चरण सिंह देश के पहले ऐसे जाट और किसान नेता थे जो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और एक बार देश के प्रधानमंत्री.
  • चौधरी चरण सिंह पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे. हालांकि, उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा. वे सिर्फ पांच महीने ही प्रधानमंत्री रह पाए थे. 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक वे प्रधानमंत्री रहे.
  • अपने दो बार के मुख्यमंत्री रहते हुए चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई बड़े काम किए. इसमें सबसे महत्वपूर्ण काम रहा चकबंदी कानून, जिसे उन्होंने ही देश में लागू कराया.
  • चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बनने के पहले केंद्र सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री भी रहे. उन्होंने कृषि और कानून मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
  • चौधरी चरण सिंह अपने जीवन में कई किताबें भी लिखीं. इसमें दो किताबें तो उन्होंने बरेली की जेल से लिखीं थीं. स्वाधीनता आंदोलन में वे जेल गए थे.
  • चौधरी चरण सिंह की प्रमुख किताबों में India's Economic Policy, The Gandhian Blueprint, Economic Nightmare of India शामिल हैं.
  • चौधरी चरण सिंह का निधन 29 मई 1987 को हुआ था. दिल्ली में किसान घाट नाम से उनकी समाधि बनी है. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया.

अखिलेश यादव ने दी बधाई: चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान की घोषणा पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि चौधरी साहब को भारत रत्न देने के लिए समाजवादी पार्टी ने भी मांग की थी. आज जिनको-जिनको भारत रत्न से नवाजा गया है मैं उनको और उनसे जुड़े लोगों को बधाई देता हूं.

सीएम योगी ने दी बधाई: किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान की घोषणा का यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बधाई संदेश में लिखा है-जननेता, किसानों के मसीहा, गांवों, अन्नदाता किसानों, शोषितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को 'भारत रत्न' प्रदान करने की घोषणा अभिनंदनीय है. वे सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक थे. यह गौरव राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदानों का सम्मान है.

मायावती ने सरकार के फैसले का किया स्वागत: बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है- वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा जिन भी हस्तियों को भारतरत्न से सम्मानित किया गया है उसका स्वागत है, लेकिन इस मामले में ख़ासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं. सरकार इस ओर भी जरूर ध्यान दे. बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर को लम्बे इंतजार के बाद वीपी सिंह की सरकार द्वारा भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया. दलित व उपेक्षितों के मसीहा कांशीराम का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं. उन्हें भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाए.

ये भी पढ़ेंः पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन को भारत रत्न

लखनऊ: चौधरी चरण सिंह को आज भारत रत्न घोषित कर दिया गया. देश के पांचवें प्रधानमंत्री और सबसे बड़े किसान व जाट नेता को देश का सबसे बड़ा सम्मान मिलने के बाद चारों ओर खुशी की लहर है. इसको लेकर चौधरी चरण सिंह के पोते और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करके खुशी जाहिर की है. इसमें उन्होंने लिखा है कि मोदी ने दिल जीत लिया.

चौधरी चरण सिंह के जीवन की प्रमुख बातें

  • चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के नूरपुर में एक जाट परिवार में हुआ था.
  • आजादी के आंदोलन के समय ही चौधरी चरण सिंह राजनीति में आ गए थे. उन्होंने 1925 एमएससी करने के बाद लॉ की भी पढ़ाई की थी.
  • चौधरी चरण सिंह पहली बार 1937 में विधायक बने. छपरौली विधानसभा सीट से वे पांच बार विधायक चुने गए थे.
  • चौधरी चरण सिंह देश के पहले ऐसे जाट और किसान नेता थे जो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और एक बार देश के प्रधानमंत्री.
  • चौधरी चरण सिंह पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे. हालांकि, उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा. वे सिर्फ पांच महीने ही प्रधानमंत्री रह पाए थे. 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक वे प्रधानमंत्री रहे.
  • अपने दो बार के मुख्यमंत्री रहते हुए चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई बड़े काम किए. इसमें सबसे महत्वपूर्ण काम रहा चकबंदी कानून, जिसे उन्होंने ही देश में लागू कराया.
  • चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बनने के पहले केंद्र सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री भी रहे. उन्होंने कृषि और कानून मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
  • चौधरी चरण सिंह अपने जीवन में कई किताबें भी लिखीं. इसमें दो किताबें तो उन्होंने बरेली की जेल से लिखीं थीं. स्वाधीनता आंदोलन में वे जेल गए थे.
  • चौधरी चरण सिंह की प्रमुख किताबों में India's Economic Policy, The Gandhian Blueprint, Economic Nightmare of India शामिल हैं.
  • चौधरी चरण सिंह का निधन 29 मई 1987 को हुआ था. दिल्ली में किसान घाट नाम से उनकी समाधि बनी है. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया.

अखिलेश यादव ने दी बधाई: चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान की घोषणा पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि चौधरी साहब को भारत रत्न देने के लिए समाजवादी पार्टी ने भी मांग की थी. आज जिनको-जिनको भारत रत्न से नवाजा गया है मैं उनको और उनसे जुड़े लोगों को बधाई देता हूं.

सीएम योगी ने दी बधाई: किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान की घोषणा का यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बधाई संदेश में लिखा है-जननेता, किसानों के मसीहा, गांवों, अन्नदाता किसानों, शोषितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को 'भारत रत्न' प्रदान करने की घोषणा अभिनंदनीय है. वे सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक थे. यह गौरव राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदानों का सम्मान है.

मायावती ने सरकार के फैसले का किया स्वागत: बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है- वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा जिन भी हस्तियों को भारतरत्न से सम्मानित किया गया है उसका स्वागत है, लेकिन इस मामले में ख़ासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं. सरकार इस ओर भी जरूर ध्यान दे. बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर को लम्बे इंतजार के बाद वीपी सिंह की सरकार द्वारा भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया. दलित व उपेक्षितों के मसीहा कांशीराम का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं. उन्हें भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाए.

ये भी पढ़ेंः पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन को भारत रत्न

Last Updated : Feb 9, 2024, 3:27 PM IST
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