लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णानंद त्रिपाठी चुनावी मैदान में उतर गये हैं. राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले दिग्गज कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी डाल्टनगंज के विधायक के साथ-साथ झारखंड सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. कृष्णानंद त्रिपाठी क्षेत्र में अच्छी पकड़ के साथ-साथ सकारात्मक राजनीति के लिए जाने जाते हैं.
कांग्रेस द्वारा उन्हें चतरा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ईटीवी भारत संवाददाता राजीव कुमार ने उनसे खास बातचीत की. बातचीत के दौरान कृष्णानंद त्रिपाठी ने चतरा संसदीय क्षेत्र की खराब स्थिति के लिए अब तक के प्रतिनिधियों को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र का विकास और यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराना उनका पहला मुद्दा है. उन्होंने कहा कि यह पलामू प्रमंडल और चतरा का दुर्भाग्य रहा है कि आज तक इसे दिल्ली में मान्यता तक नहीं मिल पायी है. चतरा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकतर लोग अनुभवहीन थे. उन्हें न तो विधायिका का ज्ञान था और न ही राज्य में सरकार चलाने का अनुभव. इसी वजह से यहां के सांसद चुनाव जीतकर संसद में जाते हैं और बैक बेंचर बन जाते हैं.
उन्होंने कहा कि स्थानीय समस्याओं को लेकर सांसद कभी भी मुखर नहीं रहे, जिसके कारण यह क्षेत्र आज तक पिछड़ा हुआ है. चतरा संसदीय क्षेत्र और पलामू प्रमंडल का कुछ हिस्सा वर्षों से दिल्ली में पड़ा हुआ है. पूरा इलाका सूखे और अकाल की चपेट में है. और यहां राहत पहुंचाने के लिए आया हिस्सा दिल्ली में बैठे हुक्मरान खा रहे हैं. स्थानीय लोगों को उनका हिस्सा दिलाना पहला लक्ष्य होगा.
खनिज संपदा प्रचुर, फिर भी रोजगार नहीं
कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णानंद त्रिपाठी ने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र खासकर लातेहार और चतरा जिला खनिज संपदा से समृद्ध है. यहां कई कोयला कंपनियां काम कर रही हैं. कानून है कि कंपनियों में 75 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों को देनी होंगी. लेकिन आज स्थिति यह है कि किसी भी कोलियरी में कोई स्थानीय व्यक्ति काम करता नजर नहीं आता. इस क्षेत्र में उद्योग लगाकर युवाओं को रोजगार देने समेत कई योजनाओं को दिल्ली में बैठे लोग जमीन पर नहीं उतरने दे रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दिल्ली के बड़े नेता अनुभवी हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में बड़े उद्योग स्थापित किए हैं.
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से कोयला और अन्य खनिज संसाधनों के अलावा मानव संसाधन भी जाता है, लेकिन बदले में हमें मजदूरों की लाशें ही मिलती हैं. वह इस प्रवृत्ति को बदलने के उद्देश्य से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. चुनाव जीतने के बाद अगले 5 वर्षों तक पूरे चतरा संसदीय क्षेत्र में आवश्यकतानुसार उद्योग स्थापित कर युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा.
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में नदी और पानी की कोई कमी नहीं है, फिर भी आज तक खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है. इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि यहां के जन प्रतिनिधियों ने कभी भी कृषि को बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. दिल्ली में बैठे हुक्मरान सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के बदले इलेक्टोरल बांड लेने में लगे हैं. यदि इलेक्टोरल बांड का एक हिस्सा भी क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाता तो पूरा क्षेत्र सिंचित हो जाता.
पिछले 10 साल सबसे खराब
कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णानंद त्रिपाठी ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों में क्षेत्र में कुछ काम हुआ होगा, लेकिन पिछले 10 वर्षों में पूरे क्षेत्र में एक भी काम नहीं हुआ है. दिल्ली में बैठे लोग सिर्फ चुनाव के दौरान सरकारी पैसा खर्च कर योजनाओं का शिलान्यास करने का नाटक कर जनता को धोखा देते रहे, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि उन्हें जनता के इन हक और अधिकारों के लिए लड़ना होगा और जनता को उनका हक दिलाना होगा.
उन्होंने कहा कि लातेहार, चतरा और पलामू प्रमंडल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है. केंद्र सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती रही, लेकिन धरातल पर आने के बाद देखा जा सकता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है. चतरा संसदीय क्षेत्र में एक भी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल नहीं है. उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों तक उन्हें इस क्षेत्र में दिन-रात काम करना है, ताकि यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई के साथ-साथ रोजगार के बेहतर साधन उपलब्ध हो सकें.
अनुकूल है माहौल
कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णानंद त्रिपाठी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र का माहौल इंडिया गठबंधन के लिए काफी अनुकूल है. उन्हें जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. क्षेत्र के विकास के लिए जनता उनका समर्थन कर रही है. कार्यकर्ता तन-मन-धन से चुनाव जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं.