चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार, 8 फरवरी को चंडीगढ़ नगर निगम पर ताला लगाने आए यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इससे पहले बुधवार, 7 फरवरी को बीजेपी कार्यालय के घेराव करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था. इस दौरान पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज भी किया था.
चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के बाहर धक्का मुक्की: चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती उठाकर बस में ले गई है. इस दौरान कुछ कार्यकर्ता सड़क पर ही लेट गए.
पवन बंसल का चंडीगढ़ प्रशासन पर गंभीर आरोप: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने कहा कि प्रशासन कांग्रेस पार्टी के साथ जबरदस्ती कर रहा है. उन्होंने कहा कि जहां उनके कांग्रेस भवन के बाहर से ही पुलिस उन्हें उठाकर ले जा रही है. वहीं, नगर निगम के बाहर सिर्फ ताला लगाने के लिए हमारे कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे, जिन्हें नगर निगम के गेट तक भी पहुंचने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि भारी पुलिस बल के चलते उन्हें जबरदस्ती बसों में डालते हुए थाने ले जाया गया. हम अपना प्रदर्शन करते रहेंगे. जब तक चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर एक स्पष्ट फैसला नहीं लिया जाता.
चंडीगढ़ में दोबारा मेयर चुनाव होंगे- अलका लांबा: अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि चंडीगढ़ लोकतंत्र की हत्या का केंद्र बन चुका है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट की टिप्पणी के बाद उम्मीद जताई जा रही थी इससे सबक लिया होगा, लेकिन सबक नहीं लिया. यह घटनाक्रम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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