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चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में चुनाव अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, बताया लोकतंत्र की हत्या - Supreme Court Hearing

Chandigarh Mayor election Case: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने चुनाव अधिकारी अनील मसीह को फटकार लगाते हुए पूरे चुनाव को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. अब मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी.

Chandigarh Mayor election Case
चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 5, 2024, 4:56 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 7:40 PM IST

सुप्रीम कोर्ट की फटकार, बताया लोकतंत्र की हत्या

चंडीगढ़/नई दिल्ली : आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव अधिकारी अनील मसीह को फटकार लगाते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लोकतंत्र के साथ मजाक और लोकतंत्र की हत्या करार दिया. अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी.

'लोकतंत्र के साथ मजाक' : सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से वीडियो फुटेज का पेन ड्राइव मांगा. सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले से ही ये निर्देश था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए. सिंघवी ने कोर्ट में बोलते हुए कहा कि‌ हमें चुनाव में पहले से गड़बड़ी की आशंका थी. चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा वीडियो चलाकर सुप्रीम कोर्ट में दिखाया गया. सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से कहा कि आप नए सिरे से चुनाव कराएं. सीजेआई ने कहा कि वीडियो में जो कुछ नज़र आ रहा है, वो लोकतंत्र के साथ मजाक है.

'लोकतंत्र की हत्या' : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चुनाव को सही तरीके से कराने में असफल रहा है. सीजेआई ने चुनाव अधिकारी पर सवाल उठाते हुए वकील मनिंदर सिंह से कहा कि‌ ये स्पष्ट है कि चुनाव के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. वे कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं. वकील साहब ये लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या है. अदालत पूरी घटना से आश्चर्यचकित है. क्या एक रिटर्निंग ऑफिसर का ये बर्ताव सही है. रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उस पर नजर रख रहा है. सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए. रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी करते हैं कि वो रिकॉर्ड सौंप दें.

अरविंद केजरीवाल ने भी जारी किया था वीडियो : आपको बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह और इलेक्शन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था और लिखा था कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोट टैम्परिंग का पूरा वीडियो. मेयर के चुनाव में तो ये लोग रंगे हाथों पकड़े गए, ये वीडियो सामने आ गया। अभी तक देश में ना जाने कितने चुनावों में इन्होंने इस क़िस्म के फ़र्ज़ीवाड़े किए होंगे, ना जाने कितने चुनाव इस तरह बेईमानी से जीते होंगे?

12 फरवरी को सुनवाई : सीजेआई ने आदेश में आगे कहा कि एसजी मेहता का कहना है कि पूरा रिकॉर्ड चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को सौंप दिया गया है. डिप्टी कमिश्नर इसे रजिस्ट्रार जनरल HC को सौंपेंगे. चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक अगली तारीख तक के लिए टाल दी जाएगी. बता दें कि कागजात आज शाम 5 बजे तक HC रजिस्ट्रार जनरल को सौंप दिए जाएंगे. अगले सोमवार यानि कि 12 फरवरी को मामले पर सुनवाई की जाएगी.

'सुप्रीम फटकार' का स्वागत : सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई करते हुए चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बचाने का काम किया है. सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ और घपलेबाजी करने वाले अफसर पर कार्रवाई का निर्देश स्वागत योग्य है. देश के लोकतंत्र को विरूपित करने का हक किसी को नहीं है, चाहे वो कितने ही बड़े पद पर क्यों न बैठा हो.

सुरजेवाला का निशाना : वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कांग्रेस ने कहा था कि लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हुई और लोग कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है. अब लोकतंत्र के हत्यारों को बदलने का वक्त आ गया है.

Chandigarh Mayor election Case Hearing in Supreme Court Aam Admi Party petition
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साधा निशाना

'तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश' : वहीं चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये पर बोलते हुए AAP के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि BJP ने तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश की. अब साफ हो गया है कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिश की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम आदमी पार्टी के हक में आया है. अगली सुनवाई में सब साफ हो जाएगा. AAP लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी है. BJP की लोकतंत्र विरोधी साजिशों को नाकाम आगे भी करते रहेंगे.

'तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश'

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोप : आपको बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. 16 वोट के साथ बीजेपी के मनोज सोनकर मेयर चुनाव जीत गए थे, वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट रिजेक्ट कर दिए गए थे. इस हार के बाद गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा रोते हुए नज़र आए थे और हाईकोर्ट पहुंच गए थे. उन्होंने चुनाव रद्द कर दोबारा चंडीगढ़ मेयर चुनाव करवाने की याचिका दायर की थी. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूरे मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. लेकिन इसी बीच आम आदमी पार्टी पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.

ये भी पढ़ें: मेयर चुनाव नतीजों के विरोध में चंडीगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन, 'लोकतंत्र शोक सभा' का किया आयोजन

ये भी पढ़ें: एक्शन...रोमांच...इमोशन...ड्रामा...चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिखा सब कुछ, इनसाइड स्टोरी पर क्या बोले पार्षद?

सुप्रीम कोर्ट की फटकार, बताया लोकतंत्र की हत्या

चंडीगढ़/नई दिल्ली : आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव अधिकारी अनील मसीह को फटकार लगाते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लोकतंत्र के साथ मजाक और लोकतंत्र की हत्या करार दिया. अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी.

'लोकतंत्र के साथ मजाक' : सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से वीडियो फुटेज का पेन ड्राइव मांगा. सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले से ही ये निर्देश था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए. सिंघवी ने कोर्ट में बोलते हुए कहा कि‌ हमें चुनाव में पहले से गड़बड़ी की आशंका थी. चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा वीडियो चलाकर सुप्रीम कोर्ट में दिखाया गया. सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से कहा कि आप नए सिरे से चुनाव कराएं. सीजेआई ने कहा कि वीडियो में जो कुछ नज़र आ रहा है, वो लोकतंत्र के साथ मजाक है.

'लोकतंत्र की हत्या' : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चुनाव को सही तरीके से कराने में असफल रहा है. सीजेआई ने चुनाव अधिकारी पर सवाल उठाते हुए वकील मनिंदर सिंह से कहा कि‌ ये स्पष्ट है कि चुनाव के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. वे कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं. वकील साहब ये लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या है. अदालत पूरी घटना से आश्चर्यचकित है. क्या एक रिटर्निंग ऑफिसर का ये बर्ताव सही है. रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उस पर नजर रख रहा है. सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए. रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी करते हैं कि वो रिकॉर्ड सौंप दें.

अरविंद केजरीवाल ने भी जारी किया था वीडियो : आपको बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह और इलेक्शन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था और लिखा था कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोट टैम्परिंग का पूरा वीडियो. मेयर के चुनाव में तो ये लोग रंगे हाथों पकड़े गए, ये वीडियो सामने आ गया। अभी तक देश में ना जाने कितने चुनावों में इन्होंने इस क़िस्म के फ़र्ज़ीवाड़े किए होंगे, ना जाने कितने चुनाव इस तरह बेईमानी से जीते होंगे?

12 फरवरी को सुनवाई : सीजेआई ने आदेश में आगे कहा कि एसजी मेहता का कहना है कि पूरा रिकॉर्ड चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को सौंप दिया गया है. डिप्टी कमिश्नर इसे रजिस्ट्रार जनरल HC को सौंपेंगे. चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक अगली तारीख तक के लिए टाल दी जाएगी. बता दें कि कागजात आज शाम 5 बजे तक HC रजिस्ट्रार जनरल को सौंप दिए जाएंगे. अगले सोमवार यानि कि 12 फरवरी को मामले पर सुनवाई की जाएगी.

'सुप्रीम फटकार' का स्वागत : सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई करते हुए चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बचाने का काम किया है. सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ और घपलेबाजी करने वाले अफसर पर कार्रवाई का निर्देश स्वागत योग्य है. देश के लोकतंत्र को विरूपित करने का हक किसी को नहीं है, चाहे वो कितने ही बड़े पद पर क्यों न बैठा हो.

सुरजेवाला का निशाना : वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कांग्रेस ने कहा था कि लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हुई और लोग कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है. अब लोकतंत्र के हत्यारों को बदलने का वक्त आ गया है.

Chandigarh Mayor election Case Hearing in Supreme Court Aam Admi Party petition
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साधा निशाना

'तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश' : वहीं चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये पर बोलते हुए AAP के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि BJP ने तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश की. अब साफ हो गया है कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिश की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम आदमी पार्टी के हक में आया है. अगली सुनवाई में सब साफ हो जाएगा. AAP लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी है. BJP की लोकतंत्र विरोधी साजिशों को नाकाम आगे भी करते रहेंगे.

'तानाशाही तरीके से मेयर बनाने की कोशिश'

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोप : आपको बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. 16 वोट के साथ बीजेपी के मनोज सोनकर मेयर चुनाव जीत गए थे, वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट रिजेक्ट कर दिए गए थे. इस हार के बाद गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा रोते हुए नज़र आए थे और हाईकोर्ट पहुंच गए थे. उन्होंने चुनाव रद्द कर दोबारा चंडीगढ़ मेयर चुनाव करवाने की याचिका दायर की थी. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूरे मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. लेकिन इसी बीच आम आदमी पार्टी पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.

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Last Updated : Feb 5, 2024, 7:40 PM IST
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