रायपुर: नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2024 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ शामिल हुए. सबसे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रायपुर पहुंचे. यहां उनका राज्यपाल रमेन डेका और सीएम विष्णुदेव साय ने स्वागत किया. उसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल पर पहुंचे और राज्योत्सव में शामिल हुए. अपने भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति ने कांग्रेस को आपातकाल के बहाने घेरा. उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पर एक के बाद एक कई प्रहार किए. उपराष्ट्रपति ने धर्मांतरण के 'संस्थागत' प्रयासों पर चिंता भी व्यक्त की है.
राज्य अलंकरण सम्मान समारोह: राज्योत्सव के अंतिम दिन राज्य अलंकरण सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. छत्तीसगढ़ की 35 विभूतियों को विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्य अलंकरण समारोह से नवाजा गया. छत्तीसगढ़ की जिन शख्सियतों का सम्मान किया गया वह कला, संस्कृति, शिक्षा, समाजसेवा, पत्रकारिता और अन्य क्षेत्रों से संबंधित हैं.
इन विभूतियों को मिला सम्मान: उपराष्ट्रपति ने राज्य अलंकरण सम्मान समारोह में इन विभूतियों को सम्मानित किया है.
- शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति पुरस्कार: यह पुरस्कार अबूझमाड़ नारायणपुर के निवासी बुटलू राम माथरा को दिया गया है. उन्हें कला संस्कृति और आदिवासी चेतना के उत्थान के लिए यह पुरस्कार मिला है.
- यति यतनलाल पुरस्कार: खैरागढ़ की मनोहर गौशाला को यह पुरस्कार दिया गया. अहिंसा और गौरक्षा के लिए पुरस्कार मिला है.
- गुंडाधुर सम्मान: पंडरिया की छोटी मेहरा को मिला है.
- मिनीमाता सम्मान: दुर्ग जिले के कोहका की सतनामी महिला जागृति समिति को यह पुरस्कार मिला है. महिला उत्थान और जागृति के लिए यह दिया गया है.
- गुरु घासीदास सम्मान: सामाजिक चेतना और दलित उत्थान के क्षेत्र में रायपुर के राजेंद्र रंगीला को यह सम्मान मिला है.
- ठाकुर प्यारेलाल सिंह पुरस्कार: डोंगरगढ़ के शशिकांत द्विवेदी को यह सम्मान दिया गया है. सहकारिता के क्षेत्र में उन्हें यह पुरस्कार मिला है.
- महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान: शिवतराई कोटा निवासी विकास कुमार को यह पुरस्कार मिला है. तीरंदाजी के लिए यह सम्मान दिया गया है.
- पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान : उमेश कश्यप सामाजिक कार्यकर्ता, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर को यह अवॉर्ड मिला है.
- पं. सुन्दरलाल शर्मा सम्मान : डॉ. सत्यभामा आडिल को यह पुरस्कार मिला है.
- चक्रधर सम्मान : पंडित. सुधाकर रामभाऊ शेवलीकर को यह सम्मान मिला है.
- दाऊ मंदराजी सम्मान : पंडीराम मंडावी गढ़बंगाल जिला नारायणपुर को यह अवॉर्ड मिला है.
- डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार : शिवकुमार चंद्रवंशी, खेमराज पटेल गंधराचुंवा को यह पुरस्कार मिला है.
- महाराजा अग्रसेन सम्मान : सियाराम अग्रवाल इस सम्मान से सम्मानित हुए हैं.
- चन्दूलाल चन्द्राकर :स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्रिन्ट मीडिया के क्षेत्र में यह पुरस्कार भोला राम सिन्हा को दिया गया है.
- चन्दूलाल चन्द्राकर : स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार इलेक्ट्रानिक मीडिया के क्षेत्र में मोहन तिवारी को यह पुरस्कार दिया गया है.
- दानवीर भामाशाह सम्मान: रायपुर के सुभाष चंद्र अग्रवाल को यह सम्मान मिला है.
- धन्वंतरि सम्मान: डॉक्टर मनोहर लाल लहेजा आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य के लिए यह सम्मान मिला है.
- बिलासादेवी केवंट मतस्य विकास पुरस्कार: मछली पालन के लिए आरंग के विनोद दास को यह सम्मान दिया गया है.
- भंवरसिंह पोर्ते आदिवासी सेवा सम्मान: आदिवासी सेवा और उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ आदिवासी कल्याण संस्थान के सोनाऊ राम नेताम को यह पुरस्कार मिला है. महाराजा रामानुजप्रताप सिंहदेव स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार: श्रम विभाग की तरफ से श्रम के लिए 3 लोगों को यह सम्मान मिला है. पहला कोरबा एनटीपीसी के सुरेंद्र कुमार राठौर, भिलाई रिसाली की शोभा सिंह और भिलाई के ही ललित कुमार नायक को यह अवॉर्ड दिया गया है.
- लखनलाल मिश्र सम्मान: बिलासपुर के रामनरेश यादव को यह सम्मान दिया गया. अपराध अनुसंधान के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है.
- छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान: संस्कृति विभाग की तरफ से न्यूयॉर्क के आनंद कुमार पांडे को यह सम्मान दिया गया.
- देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार: मुंगेली जिले के साधेलाल रात्रे को यह पुरस्कार दिया गया, पंथी नृत्य के लिए संस्कृति विभाग की तरफ से यह पुरस्कार बांटे गए है.
- लक्ष्मण मस्तूरिया सम्मान: भाटागांव की निर्मला ठाकुर को यह सम्मान दिया गया. छत्तीसगढ़ लोकगीत के क्षेत्र में कार्य के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
- लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार: आंचलिक साहित्य एवं लोक कविता के लिए पीसी लाल यादव को सम्मानित किया गया है.
- किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान: हिंदी छत्तीसगढ़ सिनेमा में निर्देशन के लिए रायपुर भाठागांव के सतीश जैन को यह सम्मान दिया गया है.
इनके अलावा कई अन्य विभूतियों को राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
उपराष्ट्रपति ने आपातकाल के बहाने कांग्रेस को घेरा: राज्योत्सव में अपने मंचीय भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ी ने आपातकाल के बाहने बिना नाम लिए कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को यह जानना चाहिए कि कैसे एक पार्टी के एक नेता ने हमारे देश पर आपातकाल थोपा. उस दौर में कैसे भयावह मंजर थे. प्रेस की आजादी कुचल दी गई थी. लोगों को जेल में बंद कर दिया गया था. सरकार के खिलाफ उठने वाले आवाज को दबाया गया. यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हर साल 25 जून को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया. उसके बाद इसे संवैधानिक हत्या दिवस मनाने का एलान किया गया. अगर आपातकाल नहीं लगा होता तो हम और आगे बढ़ गए होते
"संविधान से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है. एक समय था दुखदायी समय था. किसी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश पर आपातकाल लगा दिया. 21 महीने तक देश में मौलिक अधिकारों पर विराम लग गया. कोर्ट का रास्ता रोका गया. हालात बेहद खराब हो गए थे. 1975 में लाखों लोगों को जेल के सलाखों के पीछे लगा दिया. वो संवैधानिक अहंकार का समय था. आज की पीढ़ी को उस कालखंड की जानकारी होनी चाहिए. ताकि हमें वो दृश्य कभी न देखना पड़े और कभी ऐसे हालात दोहराए न जा सके": जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति, भारत
"छत्तीसगढ़ का योगदान जबरदस्त रूप से रहेगा. देश में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा यहां के लोगों को धनी बनाती है. यहां युवा संपदा भी भरपूर है. अनेक संभावनाएं हैं और सभी की उम्मीदें पूरी हो सकती है. यहां कि खनिज संपदा बस्तर का लौह अयस्क, कोरबा का कोयला और मैनपाट की बाक्साइट औद्यौगिक विकास की प्राणवायु है. 25 फीसदी की इस्पात जरूरत को आपका छत्तीसगढ़ पूरा कर रहा है. इस राज्य धान का कटोरा कहा जाता है." : जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति, भारत
वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि निस्वार्थ सेवा निस्वार्थ होनी चाहिए. निस्वार्थ सेवा में कोई स्वार्थ नहीं होना चाहिए. निस्वार्थ सेवा के नाम पर न केवल लोगों को अलग अलग माध्यमों से लुभाकर उनके दिलों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है, बल्कि आस्था बदलने की भी कोशिश की जा रही है. वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगातार माओवाद को रोकने की कोशिश की. इतिहास हमें याद दिलाता है कि समाज के खिलाफ हथियार उठाने का नतीजा कभी अच्छा नहीं रहा. हमें सावधान रहना होगा कि हमारे युवा गुमराह न हों और अपने जीवन के शानदार साल बर्बाद न करें. यह अच्छी बात है कि आज युवाओं को सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण कई अवसर मिल रहे हैं. उसके बावजूद फिर भी हमें नक्सल खतरे पर अंकुश लगाना होगा.
हमारी संस्कृति पर हमला हो रहा: उपराष्ट्रपति ने लोगों के ध्यान को भारत की संस्कृति के तरफ आकृष्ट किया. उन्होंने कहा कि एक तरह से हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति पर हमला हो रहा है. आस्था बदलने का घिनौना और घृणित काम चल रहा है. हमें इसके प्रति सचेत रहना चाहिए. यह संस्थागत तरीके से हो रहा है. यह धनबल के बल पर हो रहा है. यह एक उद्देश्य के लिए हो रहा है. मासूमियत का शोषण किया जा रहा है और गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं. भारत की आत्मा को जीवित और पवित्र रखने के लिए ऐसी ताकतों को बिना किसी देरी के रोका जाना चाहिए. आदिवासी लोगों को इन तत्वों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. समाज को इस मानसिकता के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए. भारत में सभी को साथ लेकर चलने की संस्कृति है, जहां समाज के हर वर्ग का विशेष स्थान है. इस संस्कृति को हमेशा के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए.
उपराष्ट्रपति ने देश के विकास में छत्तीसगढ़ के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने राज्य सरकार के कार्य की प्रशंसा की है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ को धनी राज्य बताया.