नई दिल्ली: सरकार चार साल की देरी के बाद 2025 में जनगणना शुरू करेगी. सोमवार को सूत्रों ने बताया कि यह प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और इसके 2026 तक जारी रहने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा और यह प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की संभावना है.
यह घटनाक्रम कई विपक्षी दलों की जाति जनगणना की मांग के बीच हुआ है. हालांकि, सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है और जनगणना प्रक्रिया की डिटेल अभी सार्वजनिक नहीं की है.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए आमतौर पर हर दस साल में आयोजित की जाने वाली जनगणना 2021 के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा.
जानकारी के मुकताबिक दस साल में होने वाली जनगणना अब अगली बार 2035 में होगी. अभी तक हर दस साल में होने वाली जनगणना दशक के शुरुआत में होती थी जैसे 1991, 2001, 2011 लेकिन अब 2025 के बाद अगली जनगणना 2035, 2045, 2055 इस तरह होगी.
धर्म और सामाजिक वर्ग का सर्वे
आगामी जनगणना में धर्म और सामाजिक वर्ग के साथ-साथ सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना के सामान्य सर्वे शामिल होने की उम्मीद है. हालांकि, सूत्रों का सुझाव है कि अगले साल की जनगणना में सामान्य और एससी-एसटी श्रेणियों के भीतर उप-संप्रदायों का भी सर्वे किया जा सकता है.
देरी से चल रही जनगणना प्रक्रियाओं की तत्काल शुरुआत का संकेत देते हुए जनगणना आयुक्त के रूप में कार्यरत मृत्युंजय कुमार नारायण की सेंट्रल डेपुटेशन को हाल ही में अगस्त 2026 तक बढ़ा दिया गया है.
अमित शाह ने दिए थे संकेत
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दशकीय जनगणना आयोजित करने की संभावना पर इस साल अगस्त में कहा था कि यह उचित समय पर किया जाएगा. एक बार तय होने के बाद मैं घोषणा करूंगा कि यह कैसे किया जाएगा. शाह ने यह भी उल्लेख किया था कि अगली राष्ट्रीय जनगणना मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से पूरी तरह से डिजिटल रूप से की जाएगी.
बता दें कि पिछली जनगणना में भारत की जनसंख्या 121 करोड़ से अधिक दर्ज की गई थी, जो 17.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाती है.