नई दिल्ली : केंद्र ने गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की. न्यायमूर्ति खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्विटर पर एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं."
In exercise of the power conferred by the Constitution of India, Hon’ble President, after consultation with Hon’ble Chief Justice of India, is pleased to appoint Shri Justice Sanjiv Khanna, Judge of the Supreme Court of India as Chief Justice of India with effect from 11th…
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) October 24, 2024
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, CJI चंद्रचूड़ ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया था. न्यायमूर्ति खन्ना कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस खन्ना उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी. जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े ईडी केस में अंतरिम जमानत दी थी.
जस्टिस खन्ना संविधान पीठ का भी हिस्सा रहे हैं, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा था. वह उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था. जस्टिस खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन कराया. उन्होंने शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी कॉम्प्लेक्स में जिला अदालतों में और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्रों में प्रैक्टिस की.
जस्टिस खन्ना ने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबा कार्यकाल बिताया. 2004 में, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में, उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला. उन्हें 18 जनवरी, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला. न्यायमूर्ति खन्ना वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के शासी परिषद के सदस्य हैं.
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