नई दिल्ली: दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने 2025-26 के लिए 6 रबी फसलों के लिए नई एमएसपी जारी की है. गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. अब गेहूं पर एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए रबी फसलों के MSP में वृद्धि की है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके.
कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मसूर के लिए MSP में सबसे अधिक 425 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. रेपसीड और सरसों के लिए एमएसपी में 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है. गेहूं और कुसुम के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है. जौ और चने के लिए एमएसपी में क्रमशः 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है.
- गेहूं की एमएसपी - 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये
- जौ की एमएसपी - 1850 रुपये से बढ़ाकर 1980 रुपये
- चना की एमएसपी - 5440 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये
- मसूर की एमएसपी - 6425 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये
- रैपीसीड/सरसों की एमएसपी - 5650 रुपये से बढ़ाकर 5950 रुपये
- कुसुम की एमएसपी - 5800 रुपये से बढ़ाकर 5940 रुपये
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रबी फसलों के इस बढ़े हुए एमएसपी से किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और विभिन्न प्रकार की फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा.
Central Government notifies MSP for 6 crops in Rabi marketing season for 2025-26.
— ANI (@ANI) October 16, 2024
Wheat - Rs 2425 from Rs 2275
Barley - Rs 1980 from Rs 1850
Gram - Rs 5650 from Rs 5440
Lentil - Rs 6700 from 6425
Rapeseed/Mustard - Rs 5950 from Rs 5650
Safflower - Rs 5940 from Rs 5800 pic.twitter.com/Poqn53RtXj
वाराणासी में गंगा नदी पर नया पुल बनाने को मंजूरी
वहीं, केंद्रीय कैबिनेट ने वाराणसी में गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण को मंजूरी दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'मालवीय पुल 137 साल पुराना है. अब नया पुल बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें निचले डेक पर 4 रेलवे लाइनें और ऊपरी डेक पर 6-लेन का राजमार्ग होगा. यातायात क्षमता के मामले में यह दुनिया के सबसे बड़े पुलों में गिना जाएगा."
उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित परियोजना अन्य क्षेत्रों को जोड़कर और परिवहन नेटवर्क को बढ़ाकर रसद दक्षता में सुधार करेगी, जिससे सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखलाएं और त्वरित आर्थिक विकास होगा. इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2,642 करोड़ रुपये है और इसे चार वर्षों में पूरा किया जाएगा. पुल निर्माण के दौरान लगभग 10 लाख दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा.
#WATCH | Delhi: Union Minister Ashwini Vaishnaw says, " malviya bridge is 137-year-old...now, it has been decided to build a new bridge that will have 4 railway lines on the lower deck and a 6-lane highway on the upper deck...this will be counted among biggest bridges in the world… pic.twitter.com/klpf5fid9a
— ANI (@ANI) October 16, 2024
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना ट्रेनों के आवागमन को आसान बनाएगी और भीड़भाड़ को कम करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा. यह परियोजना उत्तर प्रदेश के वाराणसी और चंदौली जिलों से होकर गुजरती है.
27.83 एमटीपीए माल ढुलाई की उम्मीद
वैष्णव ने बताया कि इससे भीड़भाड़ से राहत के अलावा 27.83 एमटीपीए माल ढुलाई की उम्मीद है. उन्होंने बताया, "उत्तर प्रदेश के 2 जिलों को कवर करने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 30 किलोमीटर की वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने और CO2 उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा.
यह भी पढ़ें- केंद्रीय कर्मचारियों को मिला दिवाली गिफ्ट...3 फीसदी बढ़ा DA, कैबिनेट का फैसला