नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि भारी बारिश के कारण वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में केरल सरकार को 23 जुलाई को ही चेतावनी दी गई थी और उसी दिन एनडीआरएफ की 9 टीमों को राज्य में भेजा गया था. शाह ने राज्य सभा में कहा कि, केरल सरकार ने शुरुआती चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और एनडीआरएफ बटालियन के आने पर भी सतर्क नहीं हुई. दूसरी तरफ शाह के बयान पर केरल के मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि, यह समय दोषारोपण का नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आपदा की स्थिति में हमें मिलकर इन समस्याओं का सामना करना चाहिए.
हमने 23 तारीख को ही NDRF के दलों को वायनाड भेज दिया था। हमें भू-स्खलन के बारे में पता चल गया था और केरल सरकार को early warning भारत सरकार की ओर से दी गई थी।
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केंद्र की चेतावनी पर केरल सरकार ने ध्यान नहीं दिया, शाह बोले
शाह ने सदन को आश्वासन दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार त्रासदी की इस घड़ी में केरल सरकार और राज्य के लोगों के साथ 'चट्टान' की तरह खड़ी है. उन्होंने केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का भी वादा किया. राज्य सभा में वायनाड भूस्खलन त्रासदी पर अल्पकालिक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में हस्तक्षेप करते हुए, शाह ने स्थिति से निपटने के लिए राज्य और लोगों को केंद्र की मदद और समर्थन का भी आश्वासन दिया. उन्होंने केंद्र सरकार की प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और त्रासदी पर उसकी प्रतिक्रिया पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष की आलोचना की.
जहां तक डिजास्टर मैनेजमेंट का सवाल है, लोगों को बचाने का सवाल है तो मैं कह सकता हूं कि 2014 के पहले इस देश में आपदा का रिस्पॉन्स करने का एक ही तरीका था- वो था बचाव कार्य।
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नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद बचाव के साथ-साथ एडवांस में ही तैयारी करने का काम किया गया, ताकि किसी की… pic.twitter.com/Yy5aTEtG6p
एक सप्ताह पहले दे दी थी चेतावनी
शाह ने कहा कि 30 जुलाई को हुए भूस्खलन से सात दिन पहले ही राज्य को पूर्व चेतावनी भेज दी गई थी. 24 जुलाई को भी एक और चेतावनी दी गई थी. शाह ने कहा, '23 जुलाई को ही एनडीआरएफ की नौ बटालियनें भेजी गईं और 30 जुलाई को तीन और बटालियनें भेजी गईं.'
On 18th July, it was forecasted that Kerala's western coast would face above-normal rainfall. On 25th July, it was forecasted that it would be heavy rain.
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On 23rd July, eight teams of the NDRF were sent to the region.
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केरल में हुए नुकसान को कम किया जा सकता था, शाह बोले
उन्होंने आगे कहा कि ओडिशा और गुजरात सहित कई राज्यों ने चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र द्वारा दी गई प्रारंभिक चेतावनियों का इस्तेमाल किया. गृह मंत्री ने कहा कि अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीमों के वहां उतरते ही सतर्क हो जाती और कार्रवाई करती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि अब तक 133 शव बरामद किए गए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
बता दें कि, केरल के वायनाड में तबाही के बाद आज दूसरे दिन राहत-बचाव अभियान तेज कर दिया गया है. राज्य में दो दिन का राजकीय शोक है. खराब मौसम के कारण कल रात तलाशी रोक दी गई थी. सेना, एनडीआरएफ, पुलिस के जवान बचाव अभियान चला रहे हैं. वायनाड भूस्खलन हादसे में 184 लोगों की मौत हो गई है जबकि 196 लोग घायल बताए गए हैं. वहीं, सैकड़ों लोगों के फंसे होने की खबर है. इसके अलावा, 98 लोग लापता बताए गए हैं. इस बीच ग्रामीणों का कहना है कि 200 से ज्यादा लोग लापता हैं.
अमित शाह के बयान पर केरल सीएम का पलटवार
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम विजयन ने स्पष्ट किया कि केंद्र ने 23 से 29 जुलाई तक कोई रेड अलर्ट जारी नहीं किया था. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भूस्खलन होने से पहले केवल वायनाड जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही रेड अलर्ट की घोषणा की गई थी. हालांकि, सीएम विजयन ने कहा कि अमित शाह ने जो बातें कही है वह एक हद तक सच है. उन्होंने कहा कि, केंद्र ने मौसम की चेतावनी दी थी, लेकिन कोई आपदा चेतावनी जारी नहीं की गई थी.
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