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केंद्र ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को सिमी को प्रतिबंधित समूह घोषित करने का अधिकार दिया - Union Home Ministry

SIMI banned group under UAPA : आतंकवादी समूह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को प्रतिबंधित समूह घोषित करने का अधिकार केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दे दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

SIMI banned group under UAPA
UAPA के तहत SIMI प्रतिबंधित समूह
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By PTI

Published : Feb 5, 2024, 9:35 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आतंकवादी समूह 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) को आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने का अधिकार दे दिया. केंद्र सरकार ने 29 जनवरी को सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.

आतंकी संगठन पर प्रतिबंध को विस्तारित करते हुए सरकार ने कहा था कि समूह देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 42 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि धारा 7 और 8 के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का इस्तेमाल राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों द्वारा भी गैरकानूनी संगठन सिमी के संबंध में किया जाएगा.

दस राज्य सरकारों-आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश ने यूएपीए के तहत सिमी को गैर कानूनी संगठन घोषित करने के लिए सिफारिश की है. सिमी को पहली बार 2001 में गैरकानूनी घोषित किया गया था। उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी और तब से समय-समय पर प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है. गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सिमी अपनी विध्वंसक गतिविधियां जारी रखे हुए है और अपने से जुड़े लोगों को फिर से संगठित कर रहा है जो अब भी फरार हैं.

ये भी पढ़ें - केंद्र सरकार ने आतंकवादी समूह 'सिमी' पर प्रतिबंध पांच वर्ष के लिए बढ़ाया

नई दिल्ली : केंद्र ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आतंकवादी समूह 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) को आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने का अधिकार दे दिया. केंद्र सरकार ने 29 जनवरी को सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.

आतंकी संगठन पर प्रतिबंध को विस्तारित करते हुए सरकार ने कहा था कि समूह देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 42 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि धारा 7 और 8 के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का इस्तेमाल राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों द्वारा भी गैरकानूनी संगठन सिमी के संबंध में किया जाएगा.

दस राज्य सरकारों-आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश ने यूएपीए के तहत सिमी को गैर कानूनी संगठन घोषित करने के लिए सिफारिश की है. सिमी को पहली बार 2001 में गैरकानूनी घोषित किया गया था। उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी और तब से समय-समय पर प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है. गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सिमी अपनी विध्वंसक गतिविधियां जारी रखे हुए है और अपने से जुड़े लोगों को फिर से संगठित कर रहा है जो अब भी फरार हैं.

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