नई दिल्ली: सेंट्रल रेलवे ने सफाई के लिए इन-हाउस तकनीक अपनाई है. इसके लिए रेलवे ने ट्रैक, स्टेशन और रेलवे परिसर को साफ रखने के लिए बैटरी से चलने वाला पोर्टेबल बैकपैक टाइप वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर पेश किया है. यह वैक्यूम मैंनटेनेंस फ्री है.
इस संबंध में सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों ने कहा, " इन-हाउस बैटरी से चलने वाला पोर्टेबल बैकपैक टाइप वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर को रेलवे की मैकेनिकल ब्रांच ने डेवलप किया है, जो हाईली प्रोडक्टिव, कोस्ट-इफेक्टिव और मेंटेनेंस फ्री है."
बैकपैक वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर के फीचर्स के बारे में बताते हुए मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इसे आसानी कैरी किया जा सकता है. यह रिचार्जेबल बैकपैक है और 20 वोल्ट डीसी बिजली सप्लाई पर काम करता है. इसमें कचरा इकट्ठा करने के लिए एक बास्केट से जुड़ा फ्लेक्सिबल पीवीसी पाइप लगा है.
तेजी से गार्बेज कलेक्ट करती है मशीन
इन-हाउस निर्मित बैकपैक मशीन ले जाने में हल्की है. इसका वजन 7 किलोग्राम और तेजी से गार्बेज कलेक्ट करता है. उदाहरण के लिए, जहां मशीन के बिना 50 मीटर की दूरी तक कचरा इकट्ठा करने में 20 मिनट लगते हैं, वहीं, यह मशीन यह काम 10 मिनट में पूरा कर देती है. अधिकारियों ने बताया कियह एक बार में 50 लीटर कचरा जैसे कागज, कांच, प्लास्टिक, टेट्रा पैक, कपड़ा, एल्युमीनियम फॉयल और बोतलें इकट्ठा कर सकती है.
रेलवे के अनुसार प्रभावी और एनवायरनमेंट फ्रेंडली वेस्ट मैनेजमेंट सुनिश्चित करने के लिए बायो-डिग्रेडेबल और गैर-बायो-डिग्रेडेबल वस्तुओं को अलग-अलग एकत्र किया जाता है.
वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर के फायदे
वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर लाने ले जाने में आसान है. यह उपयोग में सरल है. वैक्यूम गार्बेज कलेक्टर रिचार्जेबल बैटरी से चलता है. इसमें एक स्विच ऑपरेशन और डिस्पोजेबल गार्बेज बैग होता है. यह धूल कणों का फैलाव नहीं होने देता. यह तेज काम करता है और समय के साथ-साथ पैसे भी बचाता है.
रेलवे ने कहा कि वर्तमान में मैकेनिकल ब्रांच ने दो और वैक्यूम क्लीनर सेट डेवलप किए हैं. वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने कहा कि मध्य रेलवे को इस उपलब्धि पर बहुत गर्व है, जो न केवल स्वच्छता के प्रति उसके समर्पण का उदाहरण है, बल्कि पूरे देश में रेलवे सफाई मानकों के स्टैंडर्ड्स को भी बढ़ाता है.
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