नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की सुरक्षा केंद्र सरकार ने बढ़ा दी है. गृह मंत्रालय (MHA) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदा 'जेड+' सशस्त्र सुरक्षा को और अधिक मजबूत उन्नत सुरक्षा संपर्क (ASL) प्रोटोकॉल में बढ़ाकर उनकी सुरक्षा को मजबूत किया है. बता दें कि एएसएल सिक्युरिटी जेड-प्लस से कई गुना बेहतर और मजबूत होती है. वहीं इसके प्रोटोकॉल में स्थानीय एजेंसियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसमें वे सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करती हैं.
इस अपग्रेड में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) कर्मियों द्वारा वर्तमान में प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा उपायों को बढ़ाना शामिल है. एएसएल दर्जा मिलने से भागवत की सुरक्षा का स्तर गृह मंत्री अमित शाह के बराबर हो गया है.
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को किसी भी खतरे से बचाने के लिए मल्टी लेयर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी. जिन जगहों पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रुकेंगे, यात्रा करेंगे, मुलाकात करेंगे, वहां बेहद सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. साथ ही, सभी जगहों पर एक दिन पहले जाकर उनकी जांच की जाएगी.
इस सुरक्षा को मिलने के साथ ही मोहन भागवत उन 10 लोगों में शामिल हो गए हैं जिन्हें सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा 'जेड+' सशस्त्र सुरक्षा दी गई है. वर्तमान में, सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा कुल 200 सुरक्षा प्राप्त लोगों को सुरक्षा कवर दिया जा रहा है.
आरएसएस प्रमुख की सुरक्षा में वृद्धि हाल ही में किए गए आकलन के जवाब में की गई है, जिसमें कमज़ोरियों का खुलासा किया गया है, खासकर गैर-बीजेपी दलों के नेतृत्व वाले राज्यों में. इतना ही नहीं रिपोर्ट में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों सहित विभिन्न संगठनों से खतरों को उजागर किया गया है, और भागवत के बढ़ते जोखिम के बारे में खुफिया जानकारी का हवाला दिया गया है.
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