देहरादून: भारत और चीन सीमा पर स्थित सेना की चौकियों तक बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई है. उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने काफी समय पहले केंद्र सरकार को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा था. जिस पर अब केंद्र ने मंजूरी दी है. मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में स्थित नीति माणा बॉर्डर पर स्थित आईटीबीपी और सेना की चौकियों तक बिजली की तारें पहुंचाई जा रही हैं. यह काम आने वाले 3 सालों में पूरा किया जाएगा. इसकी शुरुआत इसी साल हो जाएगी.
चमोली जिले के सुमना, गैलडुंग, रिमखिम और गस्तोली के साथ साथ उत्तरकाशी के नेलांग और जादुंग सेना के चेक प्वाइंट तक बिजली की तार में पहुंचाई जाएगी. उत्तराखंड सरकार और सेना लंबे समय से इस प्रयास में जुटे हुए थे. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान होने की वजह से केंद्र सरकार ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकती थी. जिसका अब निर्णय ले लिया गया है. उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने काफी समय पहले केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था. अब जाकर इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चमोली स्थित माणा अंतिम गांव में आने के बाद से ही सीमावर्ती गांव की दशा और दिशा बदलने की कवायद हर विभाग कर रहा है. पीएम मोदी के दौरे के बाद ही ऊर्जा विभाग ने इस कवायद को आगे बढ़ाया था. अब तक इन चौकियों में बैटरी या अन्य माध्यमों से बिजली की व्यवस्था की जाती थी. कई बार बर्फबारी और मौसम खराब होने की वजह से सैनिकों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था. जिसे देखते हुए अब बॉर्डर स्थित सेना की चौकियों तक बिजली की तारें पहुंचाई जा रही हैं.इन सीमावर्ती क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के बाद आसपास के गांवों को भी सुविधा मिलेगी.
पंचायती राज्य मंत्री सतपाल महाराज ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड की सरकार लगातार सीमावर्ती गांवों के विकास को लेकर प्रयास कर रहे हैं. इन गांवों का विकास सामरिक लिहाज से भी जरूरी है. उन्होंने कहा सीमावर्ती चौकियों, गावों में बिजली पहुंचाने से काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया गया है.