नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं और 12वीं के परीक्षा फॉर्मेट में बदलाव कर दिया है. यह बदलाव इस साल शुरू हुए नए सत्र 2024-25 में लागू होंगे. सीबीएसई बोर्ड ने कहा है कि इन कक्षाओं के परीक्षा फॉर्मेट में अब लंबे चौड़े उत्तर लिखने के बजाय अब सीबीएसई कॉन्सेप्ट एप्लीकेशन प्रश्नों पर फोकस करेगी. इस फॉर्मेट को लागू करके सीबीएसई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इस फॉर्मेट को बच्चे कितना समझ पा रहे हैं. फॉर्मेट में बदलाव के पीछे सीबीएसई का विचार है कि अब लंबे चौड़े उत्तर लिखने के बजाय बच्चों में रचनात्मक सोच के आधार पर प्रश्नों का जवाब देने की समझ विकसित करने की जरूरत है. इसलिए शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले प्रश्नों की संख्या घटकर काम करने की कवायद की गई है.
फार्मेट में किया गया है ये बदलाव
सीबीएसई के अधिकारियों का कहना है कि फॉर्मेट में बदलाव करके बहुविकल्पीय प्रश्नों, मामले आधारित प्रश्न, एकीकृत प्रश्न या कॉन्सेप्ट एप्लीकेशन जैसे प्रश्नों की संख्या 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है. इसके साथ ही लॉन्ग और शॉर्ट प्रश्नों की संख्या घटाकर 40 प्रतिशत से 30 प्रतिशत कर दी गई है. सीबीएसई के अनुसार, इस बदलाव से छात्रों में रटकर याद करके लिखने से ज्यादा कॉन्सेप्ट की समझ विकसित होगी.
सीबीएसई बोर्ड के निदेशक एकेडमिक जोसेफ इमैनुएल के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों में एफिशिएंसी के आधार पर शिक्षक और छात्रों के लिए अनुकरणीय संसाधनों का विकास शामिल है. उन्होंने कहा कि बोर्ड एक तरह से इस तरह का तंत्र विकसित करने पर ध्यान दे रहा है जिसका उद्देश्य रटने के बजाय समझकर सीखने पर ज्यादा हो. इससे छात्रों की रचनात्मक सोच और समझ विकसित होने में भी मदद मिलेगी. इससे छात्र 21वीं सदी में शिक्षा में हुए बदलाव और बाजार की मांग के अनुसार अपने आप को तैयार कर सकें. बता दें कि सीबीएसई ने नौवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षा के फॉर्मेट में कोई बदलाव नहीं किया है.
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