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नीट पेपर लीक केस में नया मोड़ः ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को सीबीआई हजारीबाग से ले गई पटना - NEET paper leak

Suspect of NEET paper leak case. नीट पेपर लीक मामले को लेकर सीबीआई की टीम पिछले चार दिन से हजारीबाग में कैंप कर रही है. इस जांच की कड़ी में नया मोड़ उस वक्त आया जब ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को लेकर जांच एजेंसी की टीम हजारीबाग से लेकर पटना निकल गयी है.

CBI team left for Patna from Hazaribag with Oasis School principal and a suspect of NEET paper leak case
हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस में सीबीआई की टीम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 28, 2024, 6:03 PM IST

हजारीबागः नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई की टीम ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक और एक संदिग्ध व्यक्ति को लेकर चरही गेस्ट हाउस से पटना की ओर निकल गई. इससे पहले सीबीआई की टीम ने आरोपियों का ट्रांजिट रिमांड लिया. माना जा रहा है कि देर रात तक सीबीआई की टीम आरोपियों को लेकर पटना पहुंचेगी.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को सीबीआई हजारीबाग से ले गई पटना (ETV Bharat)

सीबीआई की टीम शाम लगभग 4:30 बजे चरही गेस्ट हाउस से दो गाड़ी से उन दोनों को अपने साथ ले गई है. वहीं पुलिस की एक गाड़ी एस्कॉर्ट करते हुए गई है. सीबीआई की टीम ने दो काले ब्रीफकेस और एक आयरन बॉक्स भी अपने साथ यहां से लेकर रवाना हुई है. सूत्रों के मुताबिक ऐसा बताया जाता है कि जिस बक्से से प्रश्न पत्र लीक होने की बात कही जा रही थी उस बक्से को लेकर टीम निकली है. आयरन बॉक्स में कई अहम एविडेंस भी होने की बातें कही जा रही हैं. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक गैजट भी शामिल है.

शुक्रवार को लगभग 11:00 के आसपास सीबीआई की टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को अपने साथ रांची रोड की ओर बढ़ी थी. रामगढ़ के ठीक पहले गाड़ी वापस गेस्ट हाउस लौट आई. दिनभर उनकी गाड़ी एक जगह से दूसरी जगह जाती नजर आई. हालांकि इस मामले में अब तक कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

इससे पूर्व नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई चार दिनों से हजारीबाग में जांच कर रही है. पिछले 60 घंटे से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को सीबीआई की टीम ने अपनी कस्टडी में रखा है. बुधवार की शाम 5:00 बजे सीबीआई ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया था. बीते गुरुवार को भी दिनभर सीबीआई की टीम शहर के विभिन्न इलाकों में पूछताछ और साक्ष्य की तलाश करती रही. एक बार स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को उनके स्कूल के दफ्तर भी लाई थी और वहां भी 2 घंटे पूछताछ की गई.

जिस ई रिक्शा चालक का जिक्र इस पूरे प्रकरण में हो रहा है उसने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी बात रखी है. उन्होंने बताया कि उनका नाम मनोज है और वे ओरिया का रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम मुंशी चांद है. प्रश्न पत्र की डिलिवरी को लेकर मनोज ने बताया कि उक्त दिन नूतन नगर से उसे बुक किया गया था. प्रश्न पत्र पहुंचने के लिए 170 रुपया भुगतान किया गया. चालक नूतन नगर से बैंक प्रश्न पत्र लोड करके बैंक पहुंचाया. उस दौरान ब्लू डार्ट के एक कर्मी टोटो में बैठे हुए थे और दो मोटरसाइकिल से गए थे.

बैंक तक प्रश्न पत्र उतारने के दौरान उसकी गाड़ी का नंबर सीसीटीवी में कैद हो गया. ऐसे में हजारीबाग डीटीओ ऑफिस की मदद से उसका नंबर सीबीआई के हाथ लग गई. डीटीओ कार्यालय से ही उसे फोन गया और उससे गहन पूछताछ की गई. जब मनोज की संलिप्तता नहीं नजर आई तो सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया. सीबीआई की मनोज से पूछताछ से वे काफी डरे हुए हैं और ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. यहां तक कि उन्होंने खुद को अपने घर में ही बंद रखा है और टोटो चलाना भी उसे मंजूर नहीं है. मनोज का कहना है कि उसे हिदायत भी दी गयी है कोई भी बात किसी से साझा ना करें.

इसे भी पढ़ें- NEET पेपर लीक मामले में पूछताछ से सहमा ई-रिक्शा चालक, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से 50 घंटे पूछताछ कर रही CBI - NEET Paper Leak Case

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग प्रश्न पत्र लीक का केंद्र बिंदु! नीट पेपर लीक को लेकर डॉक्टर, प्रोफेसर सहित एक दर्जन सीबीआई के रडार पर - NEET Paper Leak

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस में प्रिंसिपल और सीबीआईः 22 घंटे से कस्टडी में है एहसान उल हक - NEET paper leak

हजारीबागः नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई की टीम ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक और एक संदिग्ध व्यक्ति को लेकर चरही गेस्ट हाउस से पटना की ओर निकल गई. इससे पहले सीबीआई की टीम ने आरोपियों का ट्रांजिट रिमांड लिया. माना जा रहा है कि देर रात तक सीबीआई की टीम आरोपियों को लेकर पटना पहुंचेगी.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को सीबीआई हजारीबाग से ले गई पटना (ETV Bharat)

सीबीआई की टीम शाम लगभग 4:30 बजे चरही गेस्ट हाउस से दो गाड़ी से उन दोनों को अपने साथ ले गई है. वहीं पुलिस की एक गाड़ी एस्कॉर्ट करते हुए गई है. सीबीआई की टीम ने दो काले ब्रीफकेस और एक आयरन बॉक्स भी अपने साथ यहां से लेकर रवाना हुई है. सूत्रों के मुताबिक ऐसा बताया जाता है कि जिस बक्से से प्रश्न पत्र लीक होने की बात कही जा रही थी उस बक्से को लेकर टीम निकली है. आयरन बॉक्स में कई अहम एविडेंस भी होने की बातें कही जा रही हैं. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक गैजट भी शामिल है.

शुक्रवार को लगभग 11:00 के आसपास सीबीआई की टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को अपने साथ रांची रोड की ओर बढ़ी थी. रामगढ़ के ठीक पहले गाड़ी वापस गेस्ट हाउस लौट आई. दिनभर उनकी गाड़ी एक जगह से दूसरी जगह जाती नजर आई. हालांकि इस मामले में अब तक कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

इससे पूर्व नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई चार दिनों से हजारीबाग में जांच कर रही है. पिछले 60 घंटे से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को सीबीआई की टीम ने अपनी कस्टडी में रखा है. बुधवार की शाम 5:00 बजे सीबीआई ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया था. बीते गुरुवार को भी दिनभर सीबीआई की टीम शहर के विभिन्न इलाकों में पूछताछ और साक्ष्य की तलाश करती रही. एक बार स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को उनके स्कूल के दफ्तर भी लाई थी और वहां भी 2 घंटे पूछताछ की गई.

जिस ई रिक्शा चालक का जिक्र इस पूरे प्रकरण में हो रहा है उसने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी बात रखी है. उन्होंने बताया कि उनका नाम मनोज है और वे ओरिया का रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम मुंशी चांद है. प्रश्न पत्र की डिलिवरी को लेकर मनोज ने बताया कि उक्त दिन नूतन नगर से उसे बुक किया गया था. प्रश्न पत्र पहुंचने के लिए 170 रुपया भुगतान किया गया. चालक नूतन नगर से बैंक प्रश्न पत्र लोड करके बैंक पहुंचाया. उस दौरान ब्लू डार्ट के एक कर्मी टोटो में बैठे हुए थे और दो मोटरसाइकिल से गए थे.

बैंक तक प्रश्न पत्र उतारने के दौरान उसकी गाड़ी का नंबर सीसीटीवी में कैद हो गया. ऐसे में हजारीबाग डीटीओ ऑफिस की मदद से उसका नंबर सीबीआई के हाथ लग गई. डीटीओ कार्यालय से ही उसे फोन गया और उससे गहन पूछताछ की गई. जब मनोज की संलिप्तता नहीं नजर आई तो सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया. सीबीआई की मनोज से पूछताछ से वे काफी डरे हुए हैं और ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. यहां तक कि उन्होंने खुद को अपने घर में ही बंद रखा है और टोटो चलाना भी उसे मंजूर नहीं है. मनोज का कहना है कि उसे हिदायत भी दी गयी है कोई भी बात किसी से साझा ना करें.

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