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सीबीआई की जांच का केंद्र बना हजारीबाग, नीट पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को समन - NEET paper leak

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 1, 2024, 7:14 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 7:19 PM IST

CBI summons two teachers of Oasis School. नीट पेपर लीक मामले में हजारीबाग जांच का केंद्र बन गया है. सीबीआई की जांच झारखंड के इसी जिले के ईर्दगिर्द घूम रही है. इसी कड़ी में सीबीआई ने ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को समन भेजा है.

CBI summons two teachers in NEET paper leak case in Hazaribag
हजारीबाग का ओएसिस स्कूल भवन (Etv Bharat)

हजारीबागः नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में हजारीबाग जांच का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. सीबीआई हजारीबाग में विशेष रूप से नजर रखकर कई बिंदुओं पर एक साथ जांच कर रही है. वहीं इस मामले में ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को सीबीआई ने समन भेजा है और उन्हें पटना सीबीआई के दफ्तर में हाजिर होने का आदेश जारी किया गया है.

एक तरफ फिर से जांच की सुई हजारीबाग की तरफ घूम गयी है तो दूसरी ओर एक प्रोफेसर की भी तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि सीबीआई उस चेन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए यह जाना जा सके प्रश्न पत्र कैसे और कब लीक हुआ. किस चेन के जरिए सारे प्रश्न पत्र के उत्तर हल किए गए. प्रश्न पत्र और उत्तर छात्रों तक कैसे पहुंचा. इसी चेन की तलाश में सीबीआई हजारीबाग में सक्रिय है. क्योंकि यहां से तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन शामिल है.

हजारीबाग बन गया है फिशिंग जोन

हजारीबाग की बात की जाए तो हाल की दिनों में यह शिक्षा का हब बनता चला गया है. जहां चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद से छात्र बड़ी संख्या में पढ़ाई और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पहुंचते हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग 35 हजार छात्र हजारीबाग में वर्तमान समय में दूसरे जिलों से आकर यहां रह रहे हैं. वहीं यहां 100 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं.

अगर नीट परीक्षा की बात की जाए तो 12 से 15 कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जो नीट की तैयारी कराते हैं. प्रत्येक महीने लगभग 12 से 15 करोड़ रुपए का व्यवसाय होता है. यह एक चारागाह के रूप में हाल के दिनों में विकसित हुआ है. जहां प्रश्न पत्र लीक कराने वाला सिंडिकेट छात्रों को अपने जाल में फंसता है. साथ ही कई कोचिंग सेंटर जो मोटी रकम लेकर बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाते हैं उनसे संपर्क स्थापित करते हैं. इस कारण फिशिंग जोन के रूप में भी जाना जा रहा है. यही कारण है कि सीबीआई के रडार में कई कोचिंग संस्थान भी हैं. सीबीआई कोचिंग सेंटर के परिणाम को भी खंगाल रही है जो कोचिंग सेंटर से लगातार छात्र सफल हो रहे हैं, जहां टॉपर की संख्या अधिक है वो भी इस बार जांच के दायरे में आ सकते हैं.

हजारीबाग के सीपीआई नेता सीटू कुमार भी कहते हैं कि यह जिला शिक्षा का हब बनता जा रहा है जो बेहद खुशी की बात है. इसके साथ ही यहां कोचिंग सेंटर की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है. कई ऐसे माफिया हैं जो यहां सक्रिय भी है. कोचिंग सेंटर का भी जांच होना चाहिए कि उनके सेंटर से कितने लोगों ने हाल के दिनों में सफलता प्राप्त की है. समाजसेवी मनोज गुप्ता कहते हैं कि अगर धुआं निकल रहा है इसका मतलब स्पष्ट है कि आग लगी है. कोचिंग सेंटर पर निगार रखने की जरूरत है. वैसे कोचिंग सेंटर जो काफी नाम कमा चुके हैं और जिनका दावा है कि वह सबसे अधिक सफल अभ्यर्थी दे चुके हैं, उन पर जांच हो. इससे भी एक बड़ा रैकेट का खुलासा हो सकता है.

25 जून को पहली दस्तक

25 जून को हजारीबाग में सीबीआई ने पहली बार इस मामले को लेकर दस्तक दी. उस दिन सीबीआई की कोई भी हरकत प्रकाश में नहीं आई. बड़े ही गोपनीय तरीके से कई जगहों पर सीबीआई जांच करती रही. जिसमें नूतन नगर स्थित ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस, एसबीआई बैंक और ओएसिस स्कूल मुख्य रुप से शामिल रहा.

26 जून 2024

26 जून को हजारीबाग में सीबीआई जांच की खबर पूरे शहर में फैल गई. नीट पेपर लीक से जुड़ा होने के कारण दिल्ली, रांची के लगभग सभी मीडिया इसकी कवरेज के लिए हजारीबाग पहुंच गई. 26 जून को सुबह 9:00 के आसपास इस प्रकरण के मुख्य आरोपी ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह नीट के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक के घर सीबीआई पहुंची. इसके बाद उन्हें 11:00 बजे के आसपास उनके स्कूल ले आई. जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई.

इसी बीच सीबीआई की दूसरी टीम एसबीआई बैंक और ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस में जाकर दो बार जांच पड़ताल की. शाम के 5:45 बजे के आसपास स्कूल के प्राचार्य को लेकर सीबीआई की टीम निकल गई. सीबीआई की टीम चरही गेस्ट हाउस में उन्हें ले आई. जहां रात भर उनसे पूछताछ की गई. इसी बीच दो स्कूल के सदस्य को सीबीआई ने बांड भरवाकर छोड़ भी दिया. 26 जून को ही उस ई रिक्शा चालक से पूछताछ की गई थी. जिसने प्रश्न पत्र कूरियर से बैंक पहुंचाया था. पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.

27 जून 2024

27 जून को सीबीआई की टीम ने उन्हें चरही गेस्ट हाउस से 10:40 में स्कूल ले आई. जहां उनसे 1:00 बजे तक पूछताछ की गई और स्कूल में विभिन्न जानकारियां इकट्ठी की गई. 1:00 बजे के बाद से लेकर रात भर कई लोगों को चरही गेस्ट हाउस लाया गया. अकेले-अकेले अलग-अलग कमरे में सीबीआई ने पूछताछ की. 27 जून को ही यह बताया गया कि सभी से पूछताछ करने के बाद राउंड टेबल फिर से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई.

28 जून 2024

28 जून को सीबीआई 11:00 बजे के आसपास चरही गेस्ट हाउस से स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर रामगढ़ की ओर निकल गई लेकिन रामगढ़ के ठीक पहले से गाड़ी वापस घूम गई. वह गाड़ी फिर से यही से चरही गेस्ट हाउस पहुंच गई. इस दौरान सीबीआई की गाड़ी कई बार गेस्ट हाउस से बाहर निकली और वापस एक दो घंटे में लौट आई. तकरीबन शाम 4:30 में सीबीआई की टीम ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और जमालुद्दीन को लेकर हजारीबाग से निकल गई.

इसी दौरान सीबीआई ने एक दैनिक अखबार के ब्यूरो चीफ को भी पूछताछ के लिए सीसीएल गेस्ट बुला लिया, जो प्रिंसिपल एहसान उल हक का अपना भाई जमालुद्दीन है. हजारीबाग में सीबीआई ने 12 लोगों से पूछताछ की है. जिसमें सभी पांच सेंटर के सेंटर सुपरिटेंडेंट, दो इनविजिलेटर, एक टोटो ड्राइवर, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और दो पत्रकार शामिल हैं. वहीं 6 स्पॉट पर जाकर सीबीआई की टीम ने जांच की है. जिसमें ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के संचालक, दो मजदूर, दो शिक्षक शामिल हैं.

23 जून 2024

इससे पहले 23 जून को बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने हजारीबाग आकर इस मामले की जांच की थी. जिसमें कई लोगों से पूछताछ की गई थी. 24 जून को ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि प्रश्न पत्र लाने में अनियमितता बरती गई. साथ ही उन्होंने बताया था कि एक पैकेट से छेड़छाड़ किया गया है. जिससे प्रतीत होता है कि प्रश्न पत्र लीक इस एनवेलप से हुआ है. उन्होंने इस दौरान बैंक के कार्य प्रणाली और ट्रांसपोर्टेशन पर भी सवाल खड़ा किया था. इसके बाद से ही सीबीआई ने उनके ऊपर दबिश बनाई थी.

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक केस में नया मोड़ः ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को सीबीआई हजारीबाग से ले गई पटना - NEET paper leak

इसे भी पढ़ें- NEET पेपर लीक मामले में पूछताछ से सहमा ई-रिक्शा चालक, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से 50 घंटे पूछताछ कर रही CBI - NEET Paper Leak Case

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग प्रश्न पत्र लीक का केंद्र बिंदु! नीट पेपर लीक को लेकर डॉक्टर, प्रोफेसर सहित एक दर्जन सीबीआई के रडार पर - NEET Paper Leak

हजारीबागः नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में हजारीबाग जांच का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. सीबीआई हजारीबाग में विशेष रूप से नजर रखकर कई बिंदुओं पर एक साथ जांच कर रही है. वहीं इस मामले में ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को सीबीआई ने समन भेजा है और उन्हें पटना सीबीआई के दफ्तर में हाजिर होने का आदेश जारी किया गया है.

एक तरफ फिर से जांच की सुई हजारीबाग की तरफ घूम गयी है तो दूसरी ओर एक प्रोफेसर की भी तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि सीबीआई उस चेन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए यह जाना जा सके प्रश्न पत्र कैसे और कब लीक हुआ. किस चेन के जरिए सारे प्रश्न पत्र के उत्तर हल किए गए. प्रश्न पत्र और उत्तर छात्रों तक कैसे पहुंचा. इसी चेन की तलाश में सीबीआई हजारीबाग में सक्रिय है. क्योंकि यहां से तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन शामिल है.

हजारीबाग बन गया है फिशिंग जोन

हजारीबाग की बात की जाए तो हाल की दिनों में यह शिक्षा का हब बनता चला गया है. जहां चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद से छात्र बड़ी संख्या में पढ़ाई और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पहुंचते हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग 35 हजार छात्र हजारीबाग में वर्तमान समय में दूसरे जिलों से आकर यहां रह रहे हैं. वहीं यहां 100 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं.

अगर नीट परीक्षा की बात की जाए तो 12 से 15 कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जो नीट की तैयारी कराते हैं. प्रत्येक महीने लगभग 12 से 15 करोड़ रुपए का व्यवसाय होता है. यह एक चारागाह के रूप में हाल के दिनों में विकसित हुआ है. जहां प्रश्न पत्र लीक कराने वाला सिंडिकेट छात्रों को अपने जाल में फंसता है. साथ ही कई कोचिंग सेंटर जो मोटी रकम लेकर बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाते हैं उनसे संपर्क स्थापित करते हैं. इस कारण फिशिंग जोन के रूप में भी जाना जा रहा है. यही कारण है कि सीबीआई के रडार में कई कोचिंग संस्थान भी हैं. सीबीआई कोचिंग सेंटर के परिणाम को भी खंगाल रही है जो कोचिंग सेंटर से लगातार छात्र सफल हो रहे हैं, जहां टॉपर की संख्या अधिक है वो भी इस बार जांच के दायरे में आ सकते हैं.

हजारीबाग के सीपीआई नेता सीटू कुमार भी कहते हैं कि यह जिला शिक्षा का हब बनता जा रहा है जो बेहद खुशी की बात है. इसके साथ ही यहां कोचिंग सेंटर की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है. कई ऐसे माफिया हैं जो यहां सक्रिय भी है. कोचिंग सेंटर का भी जांच होना चाहिए कि उनके सेंटर से कितने लोगों ने हाल के दिनों में सफलता प्राप्त की है. समाजसेवी मनोज गुप्ता कहते हैं कि अगर धुआं निकल रहा है इसका मतलब स्पष्ट है कि आग लगी है. कोचिंग सेंटर पर निगार रखने की जरूरत है. वैसे कोचिंग सेंटर जो काफी नाम कमा चुके हैं और जिनका दावा है कि वह सबसे अधिक सफल अभ्यर्थी दे चुके हैं, उन पर जांच हो. इससे भी एक बड़ा रैकेट का खुलासा हो सकता है.

25 जून को पहली दस्तक

25 जून को हजारीबाग में सीबीआई ने पहली बार इस मामले को लेकर दस्तक दी. उस दिन सीबीआई की कोई भी हरकत प्रकाश में नहीं आई. बड़े ही गोपनीय तरीके से कई जगहों पर सीबीआई जांच करती रही. जिसमें नूतन नगर स्थित ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस, एसबीआई बैंक और ओएसिस स्कूल मुख्य रुप से शामिल रहा.

26 जून 2024

26 जून को हजारीबाग में सीबीआई जांच की खबर पूरे शहर में फैल गई. नीट पेपर लीक से जुड़ा होने के कारण दिल्ली, रांची के लगभग सभी मीडिया इसकी कवरेज के लिए हजारीबाग पहुंच गई. 26 जून को सुबह 9:00 के आसपास इस प्रकरण के मुख्य आरोपी ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह नीट के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक के घर सीबीआई पहुंची. इसके बाद उन्हें 11:00 बजे के आसपास उनके स्कूल ले आई. जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई.

इसी बीच सीबीआई की दूसरी टीम एसबीआई बैंक और ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस में जाकर दो बार जांच पड़ताल की. शाम के 5:45 बजे के आसपास स्कूल के प्राचार्य को लेकर सीबीआई की टीम निकल गई. सीबीआई की टीम चरही गेस्ट हाउस में उन्हें ले आई. जहां रात भर उनसे पूछताछ की गई. इसी बीच दो स्कूल के सदस्य को सीबीआई ने बांड भरवाकर छोड़ भी दिया. 26 जून को ही उस ई रिक्शा चालक से पूछताछ की गई थी. जिसने प्रश्न पत्र कूरियर से बैंक पहुंचाया था. पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.

27 जून 2024

27 जून को सीबीआई की टीम ने उन्हें चरही गेस्ट हाउस से 10:40 में स्कूल ले आई. जहां उनसे 1:00 बजे तक पूछताछ की गई और स्कूल में विभिन्न जानकारियां इकट्ठी की गई. 1:00 बजे के बाद से लेकर रात भर कई लोगों को चरही गेस्ट हाउस लाया गया. अकेले-अकेले अलग-अलग कमरे में सीबीआई ने पूछताछ की. 27 जून को ही यह बताया गया कि सभी से पूछताछ करने के बाद राउंड टेबल फिर से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई.

28 जून 2024

28 जून को सीबीआई 11:00 बजे के आसपास चरही गेस्ट हाउस से स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर रामगढ़ की ओर निकल गई लेकिन रामगढ़ के ठीक पहले से गाड़ी वापस घूम गई. वह गाड़ी फिर से यही से चरही गेस्ट हाउस पहुंच गई. इस दौरान सीबीआई की गाड़ी कई बार गेस्ट हाउस से बाहर निकली और वापस एक दो घंटे में लौट आई. तकरीबन शाम 4:30 में सीबीआई की टीम ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और जमालुद्दीन को लेकर हजारीबाग से निकल गई.

इसी दौरान सीबीआई ने एक दैनिक अखबार के ब्यूरो चीफ को भी पूछताछ के लिए सीसीएल गेस्ट बुला लिया, जो प्रिंसिपल एहसान उल हक का अपना भाई जमालुद्दीन है. हजारीबाग में सीबीआई ने 12 लोगों से पूछताछ की है. जिसमें सभी पांच सेंटर के सेंटर सुपरिटेंडेंट, दो इनविजिलेटर, एक टोटो ड्राइवर, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और दो पत्रकार शामिल हैं. वहीं 6 स्पॉट पर जाकर सीबीआई की टीम ने जांच की है. जिसमें ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के संचालक, दो मजदूर, दो शिक्षक शामिल हैं.

23 जून 2024

इससे पहले 23 जून को बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने हजारीबाग आकर इस मामले की जांच की थी. जिसमें कई लोगों से पूछताछ की गई थी. 24 जून को ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि प्रश्न पत्र लाने में अनियमितता बरती गई. साथ ही उन्होंने बताया था कि एक पैकेट से छेड़छाड़ किया गया है. जिससे प्रतीत होता है कि प्रश्न पत्र लीक इस एनवेलप से हुआ है. उन्होंने इस दौरान बैंक के कार्य प्रणाली और ट्रांसपोर्टेशन पर भी सवाल खड़ा किया था. इसके बाद से ही सीबीआई ने उनके ऊपर दबिश बनाई थी.

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक केस में नया मोड़ः ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और एक संदिग्ध को सीबीआई हजारीबाग से ले गई पटना - NEET paper leak

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Last Updated : Jul 1, 2024, 7:19 PM IST
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