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रेलवे अफसर और कर्मचारियों के यहां CBI की छापेमारी, मकान बंदकर 7 घंटे तक पूछताछ, फिर से चर्चा में स्टोर डिपो - Gorakhpur store depot corruption

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 2, 2024, 10:21 AM IST

गोरखपुर में रेलवे का स्टोर डिपो फिर से चर्चाओं में आ गया है. भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की टीम ने रेलवे के अफसर और कर्मचारियों के यहां छापेमारी की. टीम ने एक को हिरासत में लिया है.

सीबीआई की टीम ने गोरखपुर में कार्रवाई की.
सीबीआई की टीम ने गोरखपुर में कार्रवाई की. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय अपने स्टोर डिपो कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों की वजह से फिर से चर्चा में आ गया है. सीबीआई की टीम ने शनिवार देर शाम स्टोर से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में छापेमारी की. एक अधिकारी को टीम ने हिरासत में लिया है. कुल छह अधिकारी-कर्मचारी के यहां टीम ने छापेमारी की. सीबीआई ने स्टोर डिपो के उन कर्मियों के घर छापेमारी की, जिनका अनियमितता के आरोप में यहां से तबादला हो चुका है.

स्टोर डिपो में खरीद-फरोख्त की शिकायत पर सीबीआई ने नए सिरे से मामला पंजीकृत कर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि स्टोर डिपो में कोविड काल में ही भ्रष्टाचार की बुनियाद पड़ गई थी. वर्ष 2022 में स्टोर डिपो में जेम पोर्टल पर सामान की खरीद, बिक्री के साथ लोकल खरीद में अनियमितता, एक विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचाने के अलावा रेलवे अस्पताल में दवाइयां और उपकरणों के साथ वाहनों के नाम पर हेराफेरी की शिकायत विजिलेंस तक पहुंची थी.

फिलहाल इस छापेमारी के संबंध में रेलवे से जुड़ा कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं. वर्ष 2023 की शुरुआत में स्टोर डिपो में भ्रष्टाचार का मामला दिल्ली रेलवे बोर्ड स्थित विजिलेंस तक पहुंचा था. इस शिकायत के आधार पर विजिलेंस की टीम 23 मार्च 2023 को गोरखपुर में जांच-पड़ताल के लिए पहुंची थी. संबंधित विभाग की फाइलों को खंगालने के साथ उसे वह दिल्ली लेकर चली गई थी. इस मामले में रेलवे बोर्ड ने स्टोर डिपो के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक ऋतुराज का दक्षिण रेलवे में स्थानांतरण कर दिया था.

विजिलेंस की छापेमारी और अधिकारी के स्थानांतरण के बाद मामला कुछ शांत हुआ लेकिन जांच चलती रही. शनिवार को छापेमारी के साथ यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया. सीबीआई की टीम जांच के लिए शहर में ही मौजूद है. स्टोर डिपो से संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उसके रडार पर हैं. कई अन्य से भी टीम पूछताछ कर सकती है. प्रकरण में कई और नाम सामने आ रहे हैं. पूर्व में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली फॉर्म सूक्ति एसोसिएट गोरखपुर के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी ने अनियमितता की शिकायत की थी.

12 सितंबर 2023 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधन केसी जोशी को ₹300000 की रिश्वत लेते पकड़ लिया था. मामले में उन्हें जेल भी हुई थी. इसके बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. अब नए सिरे से मामले की जांच शुरू कर दी गई है. सीबीआई की टीम ने स्टोर डिपो के वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक का घर भी खंगाला है. टीम उन्हें लेकर देर शाम कार्यालय भी पहुंची. टीम फाइलों की जांच-पड़ताल करती रही है.

वर्तमान में दक्षिण रेलवे के तिरुवनंतपुरम में तैनात ऋतुराज सिंह कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के पटखौली गांव के निवासी हैं. यहां भी छापेमारी की गई है. करीब 7 घंटे तक मकान को बंद कर सीबीआई की टीम जांच करती रही है. इस दौरान घर में सिर्फ अधिकारी की बुजुर्ग मां मौजूद थीं. जाच पड़ताल के दौरान टीम ने वोट डालने कुरावल गांव गए यांत्रिक कारखाना के एक कर्मी को भी हिरासत में लिया. अधिकारियों के अलावा एक ठेकेदार से भी पूछताछ की जा रही है.

यह भी पढ़ें : नदी में नहाने गए 3 युवकों की डूबकर मौत, चौथे की बची जान, पिकअप में बैठकर पिकनिक मनाने गए थे

गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय अपने स्टोर डिपो कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों की वजह से फिर से चर्चा में आ गया है. सीबीआई की टीम ने शनिवार देर शाम स्टोर से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में छापेमारी की. एक अधिकारी को टीम ने हिरासत में लिया है. कुल छह अधिकारी-कर्मचारी के यहां टीम ने छापेमारी की. सीबीआई ने स्टोर डिपो के उन कर्मियों के घर छापेमारी की, जिनका अनियमितता के आरोप में यहां से तबादला हो चुका है.

स्टोर डिपो में खरीद-फरोख्त की शिकायत पर सीबीआई ने नए सिरे से मामला पंजीकृत कर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि स्टोर डिपो में कोविड काल में ही भ्रष्टाचार की बुनियाद पड़ गई थी. वर्ष 2022 में स्टोर डिपो में जेम पोर्टल पर सामान की खरीद, बिक्री के साथ लोकल खरीद में अनियमितता, एक विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचाने के अलावा रेलवे अस्पताल में दवाइयां और उपकरणों के साथ वाहनों के नाम पर हेराफेरी की शिकायत विजिलेंस तक पहुंची थी.

फिलहाल इस छापेमारी के संबंध में रेलवे से जुड़ा कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं. वर्ष 2023 की शुरुआत में स्टोर डिपो में भ्रष्टाचार का मामला दिल्ली रेलवे बोर्ड स्थित विजिलेंस तक पहुंचा था. इस शिकायत के आधार पर विजिलेंस की टीम 23 मार्च 2023 को गोरखपुर में जांच-पड़ताल के लिए पहुंची थी. संबंधित विभाग की फाइलों को खंगालने के साथ उसे वह दिल्ली लेकर चली गई थी. इस मामले में रेलवे बोर्ड ने स्टोर डिपो के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक ऋतुराज का दक्षिण रेलवे में स्थानांतरण कर दिया था.

विजिलेंस की छापेमारी और अधिकारी के स्थानांतरण के बाद मामला कुछ शांत हुआ लेकिन जांच चलती रही. शनिवार को छापेमारी के साथ यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया. सीबीआई की टीम जांच के लिए शहर में ही मौजूद है. स्टोर डिपो से संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उसके रडार पर हैं. कई अन्य से भी टीम पूछताछ कर सकती है. प्रकरण में कई और नाम सामने आ रहे हैं. पूर्व में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली फॉर्म सूक्ति एसोसिएट गोरखपुर के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी ने अनियमितता की शिकायत की थी.

12 सितंबर 2023 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधन केसी जोशी को ₹300000 की रिश्वत लेते पकड़ लिया था. मामले में उन्हें जेल भी हुई थी. इसके बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. अब नए सिरे से मामले की जांच शुरू कर दी गई है. सीबीआई की टीम ने स्टोर डिपो के वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक का घर भी खंगाला है. टीम उन्हें लेकर देर शाम कार्यालय भी पहुंची. टीम फाइलों की जांच-पड़ताल करती रही है.

वर्तमान में दक्षिण रेलवे के तिरुवनंतपुरम में तैनात ऋतुराज सिंह कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के पटखौली गांव के निवासी हैं. यहां भी छापेमारी की गई है. करीब 7 घंटे तक मकान को बंद कर सीबीआई की टीम जांच करती रही है. इस दौरान घर में सिर्फ अधिकारी की बुजुर्ग मां मौजूद थीं. जाच पड़ताल के दौरान टीम ने वोट डालने कुरावल गांव गए यांत्रिक कारखाना के एक कर्मी को भी हिरासत में लिया. अधिकारियों के अलावा एक ठेकेदार से भी पूछताछ की जा रही है.

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