ETV Bharat / bharat

पांच मुस्लिम युवकों की पिटाई मामले की होगी CBI जांच, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश, जानें पूरा मामला - Delhi Riots National Anthem Video

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 23, 2024, 3:39 PM IST

Delhi violence case: दिल्ली में राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने पर पांच मुस्लिम युवकों की पिटाई मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान राष्ट्रगान गाने का दबाव बनाने के लिए पुलिस द्वारा पांच मुस्लिम युवकों की पिटाई मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने ये आदेश दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते हैं.

दरअसल, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गुजरात से कुछ वीडियो फुटेज के फॉरेंसिक रिपोर्ट आने बाकी हैं. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट गुजरात में चल रहे फॉरेंसिक जांच पर रोक लगा सकती है. कोर्ट फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं कर सकती है. फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार काफी समय से किया जा रहा है, आखिर ये इंतजार कब खत्म होगा. इसके लिए कुछ समय तय होना चाहिए. पहले दिल्ली से फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था और अब गुजरात से.

दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने लगाई फटकारः कोर्ट ने मुस्लिम युवकों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान कर जांच करने के मामले में भी लचर रवैया अपनाने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि मृतक युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट की संख्या अधिक आई है. एमएलसी में दर्ज चोट की संख्या से कैसे बढ़ गए. कोर्ट ने कहा था कि पुलिस जांच रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां है. पांच युवकों में एक की मौत हो गई, लेकिन चार तो जिंदा है. क्या जिंदा बचे युवकों से उन पुलिसकर्मियों की पहचान कराई गई. आप पूरी दुनिया की जांच करेंगे लेकिन चश्मदीद गवाह से कोई पूछताछ नहीं करेंगे. उन चार युवकों का बयान दर्ज करने की जहमत तक नहीं उठाई, ये किस किस्म की जांच है.

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियोः दरअसल, सोशल मीडिया पर जन-गण-मन नामक एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पांच मुस्लिम युवकों को पुलिसकर्मी घेरे हुए हैं. इस दौरा पुलिस उनसे राष्ट्रगान गाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ये युवक जमीन पर असहाय रूप ये लेटे हुए हैं. पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही है. फैजान नामक युवक को 24 फरवरी 2020 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसे 25 फरवरी 2020 को काफी नाजुक स्थिति में छोड़ा था. उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसकी 26 फरवरी 2020 को मौत हो गई.

जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने का आरोपः याचिका फैजान की मां ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि 25-26 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात को फैजान ने अपनी मां को बताया था कि उसे पुलिस ने प्रताड़ित किया था. याचिका में कहा गया था कि फैजान को ज्योति नगर पुलिस थाने में गैरकानूनी हिरासत में रखा गया और उसका इलाज उपलब्ध करने से इनकार कर दिया गया था. जब उसकी स्थिति खराब होने लगी थी. पुलिस को लगा कि वह नहीं बच पाएगा तो उसे छोड़ा दिया गया. याचिका में कहा गया कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया, लेकिन जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान राष्ट्रगान गाने का दबाव बनाने के लिए पुलिस द्वारा पांच मुस्लिम युवकों की पिटाई मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने ये आदेश दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते हैं.

दरअसल, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गुजरात से कुछ वीडियो फुटेज के फॉरेंसिक रिपोर्ट आने बाकी हैं. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट गुजरात में चल रहे फॉरेंसिक जांच पर रोक लगा सकती है. कोर्ट फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं कर सकती है. फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार काफी समय से किया जा रहा है, आखिर ये इंतजार कब खत्म होगा. इसके लिए कुछ समय तय होना चाहिए. पहले दिल्ली से फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था और अब गुजरात से.

दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने लगाई फटकारः कोर्ट ने मुस्लिम युवकों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान कर जांच करने के मामले में भी लचर रवैया अपनाने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि मृतक युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट की संख्या अधिक आई है. एमएलसी में दर्ज चोट की संख्या से कैसे बढ़ गए. कोर्ट ने कहा था कि पुलिस जांच रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां है. पांच युवकों में एक की मौत हो गई, लेकिन चार तो जिंदा है. क्या जिंदा बचे युवकों से उन पुलिसकर्मियों की पहचान कराई गई. आप पूरी दुनिया की जांच करेंगे लेकिन चश्मदीद गवाह से कोई पूछताछ नहीं करेंगे. उन चार युवकों का बयान दर्ज करने की जहमत तक नहीं उठाई, ये किस किस्म की जांच है.

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियोः दरअसल, सोशल मीडिया पर जन-गण-मन नामक एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पांच मुस्लिम युवकों को पुलिसकर्मी घेरे हुए हैं. इस दौरा पुलिस उनसे राष्ट्रगान गाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ये युवक जमीन पर असहाय रूप ये लेटे हुए हैं. पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही है. फैजान नामक युवक को 24 फरवरी 2020 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसे 25 फरवरी 2020 को काफी नाजुक स्थिति में छोड़ा था. उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसकी 26 फरवरी 2020 को मौत हो गई.

जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने का आरोपः याचिका फैजान की मां ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि 25-26 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात को फैजान ने अपनी मां को बताया था कि उसे पुलिस ने प्रताड़ित किया था. याचिका में कहा गया था कि फैजान को ज्योति नगर पुलिस थाने में गैरकानूनी हिरासत में रखा गया और उसका इलाज उपलब्ध करने से इनकार कर दिया गया था. जब उसकी स्थिति खराब होने लगी थी. पुलिस को लगा कि वह नहीं बच पाएगा तो उसे छोड़ा दिया गया. याचिका में कहा गया कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया, लेकिन जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.