नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो अधिकारियों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक महाराष्ट्र के नागपुर में महाप्रबंधक- परियोजना निदेशक हैं. वर्तमान में मध्य प्रदेश के हरदा में तैनात हैं. उनके खिलाफ 20 लाख रुपये की कथित रिश्वतखोरी से जुड़ा मामला है. सीबीआई अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अब तक कथित रिश्वत राशि सहित 1.10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अरविंद काले (एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक), ब्रिजेश कुमार साहू (उप महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक) के रूप में की गई है. अनिल बंसल और कुणाल बंसल (दोनों एक निजी कंपनी के निदेशक), सी कृष्णा कथित तौर पर रिश्वत देने का काम करता था. छत्तर सिंह लोधी एक निजी कंपनी का कर्मचारी है.
आरोपियों के नागपुर, भोपाल और हरदा सहित विभिन्न कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली जा रही है. सीबीआई ने एक विज्ञप्ति में दावा किया कि अब तक ट्रैप मनी सहित 1.10 करोड़ रुपये की नकदी, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं. सीबीआई का आरोप है कि भोपाल स्थित एक निजी कंपनी एनएचएआई अधिकारियों को कथिर रूप से रिश्वत देता था. निजी कंपनी अपने कर्मचारियों के माध्यम से यह काम करवात था. रिश्वत के एवज में एनएचएआई अधिकारी निर्माण कार्य को लेकर सर्टिफिकेट और बिल जारी किया करते थे.
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार निजी कंपनी का एक कर्मचारी कथित तौर पर लंबित बिलों को आगे बढ़ाने और प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने सहित लंबित मामलों को निपटाने के लिए महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक के साथ नियमित संपर्क में था. यह भी आरोप लगाया गया कि निजी कंपनी का कर्मचारी नागपुर और मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों में लोक सेवकों को रिश्वत देता था. सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया और आगे की जांच जारी है.