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SC ने कलकत्ता HC की मीडिया गाइडलाइंस के खिलाफ ED की याचिका खारिज की - सुप्रीम कोर्ट रुजिरा बनर्जी याचिका

SC rejects EDs plea against HC order: सुप्रीम कोर्ट ने आज ईडी की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. ईडी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस जांच के दौरान मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी.

Cases related to TMC MP Abhishek Banerjees wife SC rejects EDs plea against HC order
SC ने कलकत्ता HC के मीडिया गाइडलाइंस के खिलाफ ED की याचिका खारिज की
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 7, 2024, 2:23 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल अक्टूबर में पारित एक आदेश के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. इसमें टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ जांच के संबंध में मीडिया को दिशानिर्देश जारी किए गए थे. इस संबंध में उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों को दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसमें आदेश दिया गया था कि आरोपपत्र दाखिल करने से पहले किसी भी व्यक्ति, आरोपी, संदिग्ध या गवाह जहां तक रुजीरा बनर्जी का सवाल है उनके संबंध में जांच विवरण जनता या मीडिया को न बताएं.

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष कहा कि यह वर्चुअल अंतिम आदेश है. राजू ने बताया कि दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर बनर्जी को अंतिम राहत दी गई है. राजू ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए दबाव डाला.

पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि ईडी की याचिका उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ है. वह इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं है. पीठ ने राजू को स्पष्ट कर दिया कि वह या तो ईडी की याचिका खारिज कर देगी या एजेंसी इसे वापस ले सकती है. राजू याचिका वापस लेने पर सहमत हो गये. पिछले साल अक्टूबर में उच्च न्यायालय ने कई दिशानिर्देश जारी किए और जांच एजेंसियों और मीडिया आउटलेट्स को उनका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया.

इसमें कहा गया था कि जहां तक बनर्जी का सवाल है, जांच एजेंसियां (वर्तमान मामले में, ईडी) जनता या मीडिया के सामने किसी व्यक्ति विशेष से पूछताछ, छापेमारी और तलाशी की परिस्थितियों, कारणों और/या विवरण का खुलासा नहीं करेंगी. चाहे वह आरोपी हो, संदिग्ध हो या गवाह हो. उच्च न्यायालय ने कहा था कि मीडिया समाचारों की रिपोर्टिंग करते समय यह सुनिश्चित करेगा कि प्रसारित की जाने वाली सूचना वस्तुनिष्ठ, सटीक हो और ठोस सामग्री और स्रोतों पर आधारित हो.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि मीडिया जांच के दौरान और आरोपपत्र दाखिल करने से पहले जांच या इसके किसी भी पहलू के बारे में समाचारों में जांच से जुड़े किसी भी व्यक्ति की तस्वीरें प्रकाशित नहीं करेगा. उच्च न्यायालय ने रुजिरा बनर्जी की याचिका पर आदेश पारित किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां और मीडिया उनके चरित्र हनन में शामिल हैं. ईडी सहित एजेंसियों द्वारा कथित वित्तीय और अन्य घोटाले की जा रही जांच के बारे में नियमित रूप से जानकारी प्रकाशित करके उनके परिवार को बदनाम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- संदेशखाली मामले में शाहजहां शेख सीबीआई के पंजे में, आज मिलेगी हिरासत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल अक्टूबर में पारित एक आदेश के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. इसमें टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ जांच के संबंध में मीडिया को दिशानिर्देश जारी किए गए थे. इस संबंध में उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों को दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसमें आदेश दिया गया था कि आरोपपत्र दाखिल करने से पहले किसी भी व्यक्ति, आरोपी, संदिग्ध या गवाह जहां तक रुजीरा बनर्जी का सवाल है उनके संबंध में जांच विवरण जनता या मीडिया को न बताएं.

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष कहा कि यह वर्चुअल अंतिम आदेश है. राजू ने बताया कि दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर बनर्जी को अंतिम राहत दी गई है. राजू ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के लिए दबाव डाला.

पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि ईडी की याचिका उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ है. वह इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं है. पीठ ने राजू को स्पष्ट कर दिया कि वह या तो ईडी की याचिका खारिज कर देगी या एजेंसी इसे वापस ले सकती है. राजू याचिका वापस लेने पर सहमत हो गये. पिछले साल अक्टूबर में उच्च न्यायालय ने कई दिशानिर्देश जारी किए और जांच एजेंसियों और मीडिया आउटलेट्स को उनका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया.

इसमें कहा गया था कि जहां तक बनर्जी का सवाल है, जांच एजेंसियां (वर्तमान मामले में, ईडी) जनता या मीडिया के सामने किसी व्यक्ति विशेष से पूछताछ, छापेमारी और तलाशी की परिस्थितियों, कारणों और/या विवरण का खुलासा नहीं करेंगी. चाहे वह आरोपी हो, संदिग्ध हो या गवाह हो. उच्च न्यायालय ने कहा था कि मीडिया समाचारों की रिपोर्टिंग करते समय यह सुनिश्चित करेगा कि प्रसारित की जाने वाली सूचना वस्तुनिष्ठ, सटीक हो और ठोस सामग्री और स्रोतों पर आधारित हो.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि मीडिया जांच के दौरान और आरोपपत्र दाखिल करने से पहले जांच या इसके किसी भी पहलू के बारे में समाचारों में जांच से जुड़े किसी भी व्यक्ति की तस्वीरें प्रकाशित नहीं करेगा. उच्च न्यायालय ने रुजिरा बनर्जी की याचिका पर आदेश पारित किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां और मीडिया उनके चरित्र हनन में शामिल हैं. ईडी सहित एजेंसियों द्वारा कथित वित्तीय और अन्य घोटाले की जा रही जांच के बारे में नियमित रूप से जानकारी प्रकाशित करके उनके परिवार को बदनाम कर रहे हैं.

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