मुंबई: ट्रेनी आईएएस रहीं पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. दरअसल, पूजा के खिलाफ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ केस दरवाया है. इससे पहले यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने को लेकर नोटिस जारी किया था. यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और विकलांगता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
UPSC has, initiated a series of actions against her, including Criminal Prosecution by filing an FIR with the Police Authorities and has issued a Show Cause Notice (SCN) for cancellation of her candidature of the Civil Services Examination-2022/ debarment from future… pic.twitter.com/ho417v93Ek
— ANI (@ANI) July 19, 2024
UPSC का कहना है कि पूजा फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा में शामिल हुई थी. पूजा ने परीक्षा देने के लिए अपनी असली पहचान छुपाई और फेक पहचान बताकर एग्जाम दिया था. यूपीएससी ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है. इसमें कहा गया है कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के कदाचार की विस्तृत और गहन जांच की है.
UPSC ने दर्ज करवाई FIR
जांच में पता चला कि उसने परीक्षा नियमों के अनुसार अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर धोखाधड़ी की. इसलिए, यूपीएससी ने पुलिस अधिकारियों के पास एफआईआर दर्ज करके उनके खिलाफ आपराधिक मामला सहित कई कार्रवाई शुरू की और उनकी सिविल उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
यूपीएससी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार यूपीएससी अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करता है और अपने संवैधानिक जनादेश का कड़ाई से पालन करता है बिना किसी समझौते के सभी परीक्षाओं सहित सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है.
विश्वास और विश्वसनीयता बरकरार रहे
यूपीएससी ने कहा कि उसने सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता को पूरी तरह से निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ सुनिश्चित किया है. यूपीएससी ने जनता, विशेषकर उम्मीदवारों से विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है कि इस तरह का विश्वास और विश्वसनीयता बरकरार रहे और इसमें कोई समझौता न हो.