बेंगलुरु : कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने रविवार को कहा कि शहर के एक रेस्तरां में हुए विस्फोट के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए पुलिस व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता, आसन्न चुनाव और राज्य में स्थायी सरकार होने के कारण बेंगलुरु आने वाले निवेशकों में आतंक पैदा करने जैसे पहलुओं पर भी जांच कर रही है. शुक्रवार को पूर्वी बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड में रामेश्वरम कैफे में विस्फोट हुआ. टोपी, मास्क और चश्मा पहने आया एक व्यक्ति इस मामले में मुख्य संदिग्ध है और अभी तक उसका सुराग नहीं मिला है.
गृह मंत्री ने बताया कि मामले को हल करने के लिए आठ दल काम कर रहे हैं और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA), राष्ट्रीय सुरक्षा समूह (NSG) और आसूचना ब्यूरो (IB) इन दलों की मदद कर रहे हैं. परमेश्वर ने बताया कि इस पहलू से भी जांच की जा रही है कि क्या यह विस्फोट आसन्न चुनाव के मद्देनजर बेंगलुरु को आतंकित करने के लिए किया गया. उन्होंने कहा, 'चुनाव नजदीक आ रहे हैं. क्या कोई संगठन इसके पीछे है या बेंगलुरु को असुरक्षित दिखाने के लिए लोगों को आतंकित करने के वास्ते कुछ अन्य उद्देश्य हैं....'
मंत्री ने कहा, 'चूंकि एक स्थायी सरकार होने के कारण कई निवेशक यहां आ रहे हैं तो यह निवेशकों को बेंगलुरु आने से रोकने या कुछ अन्य अज्ञात वजहों के कारण किया गया हो सकता है.' परमेश्वर ने बताया कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी ईर्ष्या के कारण ऐसा करा सकते हैं. इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रामेश्वरम कैफे की 11 इकाई हैं और मालिक इसकी 12वीं इकाई स्थापित करने की योजना बना रहे थे जिसके लिए अग्रिम राशि का भुगतान भी कर दिया गया था.
उन्होंने कहा, 'हम इस मामले को हल कर लेंगे. हम इसे छोड़ेंगे नहीं. चाहे यह मामला कितना भी मुश्किल हो, लेकिन हमारा विभाग इसका पर्दाफाश करेगा.' गृह मंत्री ने लोगों से केवल उनके, पुलिस और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा जारी बयानों पर भरोसा करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. मंगलुरु में 19 नवंबर 2022 को एक प्रेशर कुकर विस्फोट के संबंध में पूछे प्रश्न पर परमेश्वर ने कहा कि वहां वैसे ही विस्फोटक और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया गया जैसा कि मंगलुरु में किया गया था लेकिन इसकी तुलना का मतलब यह नहीं है कि वही गिरोह रामेश्वरम कैफे में विस्फोट के पीछे है.
उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से बैटरी और टाइमर का इस्तेमाल किया गया, उससे समानता लगती है. हमें इसे (जांच) आगे ले जाना होगा. हम नहीं जानते कि उसी संगठन ने यह किया है या उन्हीं लोगों ने यह किया है.' मंत्री ने यह भी कहा कि यह कम तीव्रता का विस्फोट था क्योंकि इसमें इस्तेमाल विस्फोटक कम तीव्रता वाले थे और बल्कि विस्फोटकों की मात्रा भी कम हो सकती है. अगर विस्फोटकों की मात्रा अधिक होती तो विस्फोट की तीव्रता भी ज्यादा होती.
उन्होंने कहा कि अगर विस्फोट के बाद छर्रे ऊपर की तरफ न जाकर इधर-उधर (क्षैतिज रूप से) बिखरते तो ज्यादा नुकसान हो सकता था. उन्होंने स्पष्ट किया, 'मैंने भी दौरा किया...और वहां बोल्ट तथा कीलें देखीं. वे सभी बिखरे हुए थे. अगर बम के छर्रे क्षैतिज रूप से बिखरते तो कई लोगों को नुकसान पहुंचता. इससे मौत भी हो सकती थी. शुक्र है कि बम के छर्रे ऊपर की ओर गए...' संदिग्ध के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस ने 40 से 50 सीसीटीवी फुटेज एकत्र की है.
परमेश्वर ने कहा, 'ऐसी सूचना मिली है कि वह एक बस से आया..उस समय वहां से 26 बसें गुजरी थीं. हमने सभी 26 बसों की जांच की. हमने उस बस को ढूंढ लिया जिसमें उसने यात्रा की थी. उसने टोपी, मास्क और चश्मा पहना हुआ था. हमें उसकी स्पष्ट तस्वीर नहीं मिल रही है.'
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