नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दे दी. इस पर 75,021 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. योजना के तहत एक करोड़ घरों को छतों पर सौर संयंत्र लगाने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि छतों पर सौर संयंत्र लगाने और एक करोड़ परिवार को हर महीने प्रति परिवार 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की योजना को मंजूरी दी गयी है. प्रत्येक परिवार को एक किलोवाट क्षमता के संयंत्र के लिए 30,000 रुपये और दो किलोवाट क्षमता के संयंत्र के लिए 60,000 रुपये सब्सिडी मिलेगी.
खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंत्रिमंडल की मंजूरी
सरकार ने आगामी खरीफ सत्र के लिए फॉस्फेटिक एवं पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि किसानों को प्रमुख पोषक तत्व डीएपी 1,350 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर मिलती रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएंडके उर्वरकों पर एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के खरीफ सत्र के लिए 'पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी' (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी को मंजूरी दी गई है.' उन्होंने कहा कि आगामी खरीफ सत्र के लिए नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (पी) पर 28.72 रुपये प्रति ग्राम, पोटाश (के) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है.
फॉस्फेटिक उर्वरकों पर सब्सिडी रबी सत्र 2023 के 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर खरीफ सत्र 2024 के लिए 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है. हालांकि, ख़रीफ सत्र 2024 के लिए नाइट्रोजन (एन), पोटाश (के) और सल्फर (एस) पर सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ठाकुर ने कहा, 'इस सब्सिडी के साथ 1,350 रुपये प्रति बोरी (50 किलोग्राम) पर बेची जा रही डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) आगामी खरीफ सत्र में भी उसी भाव पर उपलब्ध होगी.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) भी 1,670 रुपये प्रति बोरी और एनपीके 1,470 रुपये प्रति बोरी मिलेगी. डीएपी पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए मंत्रिमंडल ने एनबीएस योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को भी मंजूरी दी. उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुरूप सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस' के गठन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाघों और अन्य ऐसे वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक वैश्विक नेटवर्क 'इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस' (आईबीसीए) के गठन को मंजूरी दी. इस संस्था का मुख्यालय भारत में होगा. इसमें वन्यजीवों से संबंधित 96 देशों की बहु-एजेंसी संस्था के रूप में आईबीसीए की कल्पना की गई है.
कुल सात वन्यजीवों (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता) में से पांच - बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता - भारत में पाए जाते हैं. मंत्रिमंडल ने 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल की अवधि के लिए आईबीसीए की खातिर 150 करोड़ रुपये की एकमुश्त बजटीय सहायता को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाघों, अन्य वन्यजीवों और इसकी कई लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका पर जोर देते हुए 2019 में 'वैश्विक बाघ दिवस' पर अपने भाषण के दौरान एशिया में अवैध शिकार को रोकने के लिए वैश्विक नेताओं के गठबंधन का आह्वान किया था. आईबीसीए का लक्ष्य संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने में पारस्परिक लाभ के मकसद से विभिन्न देशों के बीच सहयोग सुनिश्चित करना है.
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