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बूंदी विधायक ने सदन में कहा- 7 से 50 हजार में हो रही बच्चों की खरीद फरोख्त, मंत्री ने दिया ऐसा जवाब की मच गया हंगामा - Proceedings of rajasthan assembly

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 11:28 AM IST

राजस्थान विधानसभा में बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने आदिवासी क्षेत्र में बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया. जिस पर मंत्री खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि जब मां-बाप ही बच्चों को बेच रहे हैं तो कोई क्या कर सकता है. उनके जवाब पर सदन पर जमकर हंगामा हुआ.

BUYING AND SELLING OF CHILDREN
बूंदी विधायक ने सदन में उठाया बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा (Etv bharat gfx Team)
बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा (Video : Etv Bharat)

बूंदी. राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को दो ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जो सभी का ध्यान आकर्षित कर गए. पहला मुद्दा राज्य में भजनलाल सरकार के गठन के बाद महिला उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि का था, जिस पर मंत्री का जवाब सुनकर सभी चौंक गए. दूसरा मुद्दा आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों की खरीद-फरोख्त से संबंधित था, जिस पर मंत्री का जवाब आने के बाद भारी हंगामा मच गया.

बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया : पहला मुद्दा शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने उठाया. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में दलाल सक्रिय हैं जो बच्चों की खरीद-फरोख्त जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. ये दलाल गर्भ में पल रहे बच्चों का भी सौदा कर रहे हैं. छह दिन की बेटियों को 7 -7 हजार रुपए में बेचा गया है और 20 बच्चों को 40 से 50 हजार रुपए में बेचा गया है. ये लोग इन बच्चों का अन्य राज्यों में लाखों में सौदा करते हैं. उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि यह सब उन पांच आदिवासी गांवों में हो रहा है जो एक मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं. पुलिस और अधिकारी इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?

खींवसर बोले - समाज की जागरूकता आवश्यक : इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि बच्चों की खरीद-फरोख्त की घटनाएं बेहद दुखद हैं, लेकिन जब मां-बाप ही बच्चों को बेचने लगे तो कोई क्या कर सकता है?. अब तक कुल सात मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से छह मामले 2023 में और एक मामला 2024 में दर्ज हुआ है. इस समस्या के समाधान के लिए समाज की जागरूकता आवश्यक है. हमारी पुलिस पूरी तरह सतर्क है. इस जवाब के बाद सदन में हंगामा हो गया और नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या आपके मंत्री इसलिए कह रहे थे कि ज्यादा बच्चे पैदा करो?.

इसे भी पढ़ें : विधानसभा में बोले सूरसागर विधायक जोशी- 5 साल जोधपुर में भ्रष्टाचार का नंगा नाच हुआ, सरकार जांच करवाए - Rajasthan Vidhansabha Proceeding

इसी तरह प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने बामनवास विधानसभा क्षेत्र से दूसरा मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि पिछले छह महीनों में राजस्थान में महिला उत्पीड़न के कितने मामले दर्ज हुए और इन अपराधों को रोकने के लिए भजनलाल सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? इस पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि 1 जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक प्रदेश में महिला उत्पीड़न के कुल 20,776 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें सबसे अधिक 881 मामले अलवर में और भरतपुर दूसरे स्थान पर रहा. इस दौरान मंत्री ने महिला अपराधों को रोकने के लिए कांग्रेस सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया, जिसके बाद सदन में काफी हंगामा हुआ.

बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा (Video : Etv Bharat)

बूंदी. राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को दो ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जो सभी का ध्यान आकर्षित कर गए. पहला मुद्दा राज्य में भजनलाल सरकार के गठन के बाद महिला उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि का था, जिस पर मंत्री का जवाब सुनकर सभी चौंक गए. दूसरा मुद्दा आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों की खरीद-फरोख्त से संबंधित था, जिस पर मंत्री का जवाब आने के बाद भारी हंगामा मच गया.

बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया : पहला मुद्दा शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने उठाया. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में दलाल सक्रिय हैं जो बच्चों की खरीद-फरोख्त जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. ये दलाल गर्भ में पल रहे बच्चों का भी सौदा कर रहे हैं. छह दिन की बेटियों को 7 -7 हजार रुपए में बेचा गया है और 20 बच्चों को 40 से 50 हजार रुपए में बेचा गया है. ये लोग इन बच्चों का अन्य राज्यों में लाखों में सौदा करते हैं. उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि यह सब उन पांच आदिवासी गांवों में हो रहा है जो एक मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं. पुलिस और अधिकारी इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?

खींवसर बोले - समाज की जागरूकता आवश्यक : इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि बच्चों की खरीद-फरोख्त की घटनाएं बेहद दुखद हैं, लेकिन जब मां-बाप ही बच्चों को बेचने लगे तो कोई क्या कर सकता है?. अब तक कुल सात मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से छह मामले 2023 में और एक मामला 2024 में दर्ज हुआ है. इस समस्या के समाधान के लिए समाज की जागरूकता आवश्यक है. हमारी पुलिस पूरी तरह सतर्क है. इस जवाब के बाद सदन में हंगामा हो गया और नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या आपके मंत्री इसलिए कह रहे थे कि ज्यादा बच्चे पैदा करो?.

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इसी तरह प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने बामनवास विधानसभा क्षेत्र से दूसरा मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि पिछले छह महीनों में राजस्थान में महिला उत्पीड़न के कितने मामले दर्ज हुए और इन अपराधों को रोकने के लिए भजनलाल सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? इस पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि 1 जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक प्रदेश में महिला उत्पीड़न के कुल 20,776 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें सबसे अधिक 881 मामले अलवर में और भरतपुर दूसरे स्थान पर रहा. इस दौरान मंत्री ने महिला अपराधों को रोकने के लिए कांग्रेस सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया, जिसके बाद सदन में काफी हंगामा हुआ.

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