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छत्तीसगढ़ में हुई रिकॉर्ड धान खरीदी, 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने बेचा 144.92 लाख मीट्रिक टन धान - धान खरीदी का अंतिम दिन

Bumper paddy purchase in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में इस बार बम्पर धान खरीदी हुई है. प्रदेश में कुल 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने 144.92 लाख मीट्रिक टन धान बेचा है.

Bumper paddy purchase in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में हुई रिकॉर्ड धान खरीदी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 4, 2024, 10:54 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 4 फरवरी को धान खरीदी का अंतिम दिन था. प्रदेश के 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने अब तक धान बेचा है. किसानों ने 144.92 लाख मीट्रिक टन धान बेचा है. प्रदेश में इस साल 37 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान उपार्जित किया गया है. वहीं, धान खरीदी की अवधि बढ़ा दिए जाने ने 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं.

अंतिम रिपोर्ट आना अभी बाकी: दरअसल, छत्तीसगढ़ में किसानों से बीते 96 दिनों से समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी आज खत्म हो गया. प्रदेश में रविवार शाम 7 बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई. उपार्जित धान की ये मात्रा बीते खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में क्रय किए गए 107.53 लाख मीट्रिक टन से 37.39 लाख मीट्रिक टन अधिक है. यानी कि राज्य में इस साल धान खरीदी का यह नया रिकॉर्ड बना है, जबकि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है.

सीएम साय ने बढ़ाई अवधि: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला 1 नवम्बर 2023 से ही शुरू हो चुका था. कुछ किसान खराब मौसम के कारण धान को बचाने के चक्कर में समय पर धान बेच नहीं पाए थे. हालांकि सरकार की ओर से कुछ समय मिलने से किसानों को राहत मिली. किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ धान बेचा है. चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी. हालांकि मुख्यमंत्री साय ने किसानों और किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए अवधि बढ़ाकर 4 फरवरी कर दिया था. इसका फायदा राज्य के ऐसे किसानों को मिला है. जो किसान 31 जनवरी तक अपना धान नहीं बेच पाए थे, उन्होंने बाद में धान बेचा. मुख्यमंत्री के इस फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं.

धान उठाव का काम लगातार जारी: मिली जानकारी के मुताबिक 1 फरवरी से लेकर 4 फरवरी के बीच समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा गया है. हालांकि अंतिम रिपोर्ट आने पर किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेची गई धान की मात्रा स्पष्ट हो पाएगी. किसानों को धान बेचने के एवज में अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.18 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके खिलाफ मिलर्स की ओर से 97.90 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है.

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अंतिम रिपोर्ट आना अभी बाकी: दरअसल, छत्तीसगढ़ में किसानों से बीते 96 दिनों से समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी आज खत्म हो गया. प्रदेश में रविवार शाम 7 बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई. उपार्जित धान की ये मात्रा बीते खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में क्रय किए गए 107.53 लाख मीट्रिक टन से 37.39 लाख मीट्रिक टन अधिक है. यानी कि राज्य में इस साल धान खरीदी का यह नया रिकॉर्ड बना है, जबकि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है.

सीएम साय ने बढ़ाई अवधि: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला 1 नवम्बर 2023 से ही शुरू हो चुका था. कुछ किसान खराब मौसम के कारण धान को बचाने के चक्कर में समय पर धान बेच नहीं पाए थे. हालांकि सरकार की ओर से कुछ समय मिलने से किसानों को राहत मिली. किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ धान बेचा है. चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी. हालांकि मुख्यमंत्री साय ने किसानों और किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए अवधि बढ़ाकर 4 फरवरी कर दिया था. इसका फायदा राज्य के ऐसे किसानों को मिला है. जो किसान 31 जनवरी तक अपना धान नहीं बेच पाए थे, उन्होंने बाद में धान बेचा. मुख्यमंत्री के इस फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं.

धान उठाव का काम लगातार जारी: मिली जानकारी के मुताबिक 1 फरवरी से लेकर 4 फरवरी के बीच समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा गया है. हालांकि अंतिम रिपोर्ट आने पर किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेची गई धान की मात्रा स्पष्ट हो पाएगी. किसानों को धान बेचने के एवज में अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.18 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके खिलाफ मिलर्स की ओर से 97.90 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है.

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