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बजट 2024ः तीन साल के भीतर जमीन के सभी टुकड़ों का बनेगा भू-आधार, केंद्र सरकार करेगी मदद - Land Related Reforms - LAND RELATED REFORMS

Bhu Aadhaar For All Lands: भारत में जमीन से संबंधित रिकार्ड व अन्य समस्याओं का 3 साल के भीतर समाधान किया जायेगा. केंद्र सरकार की ओर से सरकारों को इसके लिए वित्तीय, तकनीकी व संसाधनों के रूप में सहायता दी जायेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इस संबंध में घोषण की गई है. इसके तहत विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN), भू-आधार, जीआईएस मैपिंग के साथ भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण सहित अन्य उपाय उठाए जायेंगे. पढ़े पूरी खबर..Unique Land Parcel Identification Number, Land Related Reforms

Land related reforms
भू-आधार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 23, 2024, 6:21 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 6:30 PM IST

हैदराबादः भारत में जमीन से संबंधित व्यापक पैमाने पर समस्याएं हैं. जमीन का अपडेट दस्तावेज, मालिकाना हक, अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज सहित अन्य समस्याओं के एक ओर बड़े पैमाने पर लॉ-इन-आर्डर की समया व अपराध से पुलिस-प्रशासन परेशान है. वहीं न्यायालयों में बड़े पैमाने पर मामले लंबित है. दूसरी ओर सरकार को व्यापक पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भूमि सुधार के लिए व्यापक कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकारों की ओर से भूमि-संबंधी सुधार, ग्रामीण भूमि-संबंधी कार्यवाहियां और शहरी भूमि-संबंधी कार्यवाहियों के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया है.

भूमि-संबंधी सुधार में राज्य सरकारों का दायित्व

  1. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार के कदम उठाये जायेंगे.
  2. नये सिरे से भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन करना.
  3. इसके तहत शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियमों को कवर करेंगी.
  4. उचित वित्तीय सहायता के माध्यम से अगले 3 सालों के भीतर भूमि-संबंधी सुधार के लिए लक्ष्य को पूरा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार

  1. ग्रामीण क्षेत्र के सभी भूमियों के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार बनाया जायेगा.
  2. कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण कराया जायेगा.
  3. वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण कराया जायेगा
  4. भूमि रजिस्ट्री की स्थापना की जायेगी.
  5. किसानों की रजिस्ट्री से लिंक करना शामिल होगा. इससे कार्य ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं को भी सुगम होगा.

शहरी भूमि-संबंधी सुधार

  1. शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा.
  2. संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए एक आईटी आधारित प्रणाली स्थापित की जाएगी.
  3. ये शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को सुधारने में भी सहायक होंगे.

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जमीन विवाद को कम करने के लिए भूमि सुधार विभाग की तैयारी, 90 दिनों में अधिकारियों को करने होंगे ये काम - Land dispute in Bihar

हैदराबादः भारत में जमीन से संबंधित व्यापक पैमाने पर समस्याएं हैं. जमीन का अपडेट दस्तावेज, मालिकाना हक, अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज सहित अन्य समस्याओं के एक ओर बड़े पैमाने पर लॉ-इन-आर्डर की समया व अपराध से पुलिस-प्रशासन परेशान है. वहीं न्यायालयों में बड़े पैमाने पर मामले लंबित है. दूसरी ओर सरकार को व्यापक पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भूमि सुधार के लिए व्यापक कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकारों की ओर से भूमि-संबंधी सुधार, ग्रामीण भूमि-संबंधी कार्यवाहियां और शहरी भूमि-संबंधी कार्यवाहियों के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया है.

भूमि-संबंधी सुधार में राज्य सरकारों का दायित्व

  1. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार के कदम उठाये जायेंगे.
  2. नये सिरे से भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन करना.
  3. इसके तहत शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियमों को कवर करेंगी.
  4. उचित वित्तीय सहायता के माध्यम से अगले 3 सालों के भीतर भूमि-संबंधी सुधार के लिए लक्ष्य को पूरा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार

  1. ग्रामीण क्षेत्र के सभी भूमियों के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार बनाया जायेगा.
  2. कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण कराया जायेगा.
  3. वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण कराया जायेगा
  4. भूमि रजिस्ट्री की स्थापना की जायेगी.
  5. किसानों की रजिस्ट्री से लिंक करना शामिल होगा. इससे कार्य ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं को भी सुगम होगा.

शहरी भूमि-संबंधी सुधार

  1. शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा.
  2. संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए एक आईटी आधारित प्रणाली स्थापित की जाएगी.
  3. ये शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को सुधारने में भी सहायक होंगे.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 6:30 PM IST
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