लखनऊ: प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) के बहुचर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. विशेष जज कविता मिश्रा ने दोषी आबिद, जावेद, रंजीत पाल, अब्दुल कवि, गुलहसन व फरहान को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी फरहान पर दो लाख 15 हजार, जबकि अन्य दोषियों पर अलग-अलग एक लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस हत्याकांड मामले का एक आरोपी इसरार अहमद फरार चल रहा है. जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है. जबकि पिछले वर्ष दो आरोपी अतीक अहमद व अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या हो चुकी है.
ये था मामलाः बता दें कि 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े गोलीबारी में हत्या कर दी गई थी. इस गोलीबारी में देवी पाल व संदीप यादव की भी मौत हुई थी. जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. इस बहुचर्चित हत्याकांड से ठीक 16 दिन पहले विधायक राजू पाल की पूजा पाल से शादी हुई थी. पूजा पाल ने हत्या के इस मामले में अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ तथा अन्य को नामजद करते हुए थाना धुमनगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हत्याकांड की सीबीआई जांचः पूजा पाल की ओर से इस मामले में अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने बहस की. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था, जबकि पहले इस मामले की विवेचना स्थानीय पुलिस व बाद में सीबीसीआईडी कर रही थी. सीबीआई ने विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, हत्या की साजिश रचना व आईपीसी की अन्य धाराओं तथा आर्म्स एक्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.
चुनावी रंजिश में हुई थी हत्याः सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि इस हत्याकांड को चुनावी रंजिश में अंजाम दिया गया था. अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिमी विधान सभा से समाजवादी पार्टी का विधायक हुआ करता था. वर्ष 2004 में वह बतौर सपा प्रत्याशी फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हो गया. उसके सांसद होने से इलाहाबाद पश्चिमी विधान सभा की सीट रिक्त हो गई. इस विधान सभा की सीट पर हुए उप चुनाव में बसपा से राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर जीत हासिल की. इसी रंजिश में राजू पाल व दो अन्य की भीषण गोलीबारी में हत्या कर दी गई.