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बीएसएफ प्रमुख भारत-बांग्लादेश सीमा की स्थिति पर गृह मंत्री को सौंपेंगे रिपोर्ट - Bangladesh Unrest

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 8:21 PM IST

BSF DG Indo Bangla border situation: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन और भारी हिंसा के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और उनकी सरकार गिर गई. पड़ोसी देश में हिंसा और राजनीतिक बदलाव के बाद सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक ने पिछले तीन दिनों तक भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा की. उन्होंने बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

BSF DG Indo Bangla border situation
बीएसएफ प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी पश्चिम बंगाल में बल के जवानों से बात करते हुए (ANI)

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह को भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे. ईटीवी भारत को यह जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ डीजी चौधरी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद बुधवार शाम को नई दिल्ली लौट आए हैं.

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा एजेंसी को हाई अलर्ट पर रखा है और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ी दी है. बीएसएफ डीजी ने सोमवार से बुधवार तक पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले और सुंदरबन क्षेत्र के साथ-साथ अगरतला के सालबागान में सीमा मुख्यालय का दौरा किया.

अधिकारी ने कहा कि यात्रा के दौरान चौधरी ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की सुरक्षा और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की. अधिकारी ने बताया कि डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बांग्लादेश में चल रही कानून-व्यवस्था की स्थिति तथा सुरक्षा परिदृश्य पर इसके प्रभावों पर चर्चा की.

कट्टरपंथी समूह भारत के लिए चिंता का कारण...
इस बीच, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि बांग्लादेश में जमात जैसे कट्टरपंथी समूहों का फिर से उभरना भारत के लिए चिंता का बड़ा कारण हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हरकत उल जिहाद ए इस्लामी (हूजी) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आईएसआई समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के लिए परेशानी खड़ी करने की साजिश रचेंगे, खासकर भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आतंक पैदा करेंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है, "इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्तान के समर्थन से भारत विरोधी ताकतें क्षेत्र में शांति को अस्थिर करने की कोशिश कर सकती हैं."

घुसपैठ वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने का सुझाव...
इससे पहले भी असम और पश्चिम बंगाल में हूजी और जेएमबी के सदस्यों की मौजूदगी पाई गई है और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस बात की पूरी संभावना है कि पड़ोसी देश में जिहादी तत्व फिर से उभर सकते हैं. सीमा सुरक्षा एजेंसी द्वारा सीमा पर गश्त को मजबूत और तीव्र करने का सुझाव देते हुए रिपोर्ट में सीमा के घुसपैठ वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने का सुझाव दिया गया है.

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा एजेंसियों ने 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर कम से कम 100 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है, जहां से घुसपैठिए भारत में घुस सकते हैं.

यह भी पढ़ें- 'बांग्लादेश के हालात को लेकर भारत को सतर्क रहने की जरूरत', विशेषज्ञ ने अमेरिका-ब्रिटेन पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह को भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे. ईटीवी भारत को यह जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ डीजी चौधरी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद बुधवार शाम को नई दिल्ली लौट आए हैं.

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा एजेंसी को हाई अलर्ट पर रखा है और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ी दी है. बीएसएफ डीजी ने सोमवार से बुधवार तक पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले और सुंदरबन क्षेत्र के साथ-साथ अगरतला के सालबागान में सीमा मुख्यालय का दौरा किया.

अधिकारी ने कहा कि यात्रा के दौरान चौधरी ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की सुरक्षा और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की. अधिकारी ने बताया कि डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बांग्लादेश में चल रही कानून-व्यवस्था की स्थिति तथा सुरक्षा परिदृश्य पर इसके प्रभावों पर चर्चा की.

कट्टरपंथी समूह भारत के लिए चिंता का कारण...
इस बीच, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि बांग्लादेश में जमात जैसे कट्टरपंथी समूहों का फिर से उभरना भारत के लिए चिंता का बड़ा कारण हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हरकत उल जिहाद ए इस्लामी (हूजी) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आईएसआई समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के लिए परेशानी खड़ी करने की साजिश रचेंगे, खासकर भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आतंक पैदा करेंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है, "इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्तान के समर्थन से भारत विरोधी ताकतें क्षेत्र में शांति को अस्थिर करने की कोशिश कर सकती हैं."

घुसपैठ वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने का सुझाव...
इससे पहले भी असम और पश्चिम बंगाल में हूजी और जेएमबी के सदस्यों की मौजूदगी पाई गई है और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस बात की पूरी संभावना है कि पड़ोसी देश में जिहादी तत्व फिर से उभर सकते हैं. सीमा सुरक्षा एजेंसी द्वारा सीमा पर गश्त को मजबूत और तीव्र करने का सुझाव देते हुए रिपोर्ट में सीमा के घुसपैठ वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने का सुझाव दिया गया है.

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा एजेंसियों ने 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर कम से कम 100 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है, जहां से घुसपैठिए भारत में घुस सकते हैं.

यह भी पढ़ें- 'बांग्लादेश के हालात को लेकर भारत को सतर्क रहने की जरूरत', विशेषज्ञ ने अमेरिका-ब्रिटेन पर उठाए सवाल

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