नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से बीजेपी के लिए 370 और सहयोगियों के साथ 400 सीटों का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीजेपी के रणनीतिकार ही सहयोगी पार्टियों के लिए भी कैंपेन की रणनीति तैयार कर रहे हैं. हालांकि पार्टी अंदरखाने तैयारी कर रही और सहयोगी पार्टियां भी इस मामले में कुछ खुलासा करने को राजी नहीं हैं.
मगर सूत्रों की माने तो ना सिर्फ सहयोगी पार्टी पीएम के नाम पर वोट मांगेगी, बल्कि सहयोगी पार्टी के बड़े नेता अपने प्रभावी क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवार के लिए वोट मांगने जाएंगे. इसी क्रम में ये बात भी निकल कर सामने आई है कि बीजेपी के लिए मुंबई में एमएनएस के नेता राज ठाकरे भी वोट मांगेंगे, क्योंकि मुंबई में मराठी मानुष के तर्ज पर बीजेपी शिवसेना ठाकरे गुट को चुनौती देना चाहती है. साथ ही पार्टी को ये डर भी सता रहा है कि कहीं शिवसेना उद्धव गुट को संवेदना के वोट ना मिल जाए.
इसी तरह बिहार में जदयू के नेता भी बीजेपी के लिए और पीएम के नाम पर वोट मांगेंगे. सूत्रों की माने तो बीजेपी पंजाब में अकाली दल के विकल्प के रूप में बड़े नेताओं की तलाश में थी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों की वजह से उनकी पत्नी परनीत कौर को बीजेपी में शामिल किया गया. सूत्रों की माने तो अन्य राज्यों के सहयोगियों के भी चुनावी कैंपेन और नारों को बीजेपी के रणनीतिकार ही फाइनल हरी झंडी देंगे.
इसी तरह दक्षिण भारत में संभावना है कि पार्टी कुछ और फिल्म स्टार्स को कैंपेन के लिए एलाइन कर सकती है, क्योंकि वहां फिल्म स्टार्स का वोट बैंक पर अच्छा प्रभाव देखा जाता रहा है. इसी तरह बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को भी उत्तर भारत और दक्षिण भारत में प्रमुख मुद्दों में ऊपर रखेगी. जबकि पूर्वोत्तर भारत विकास, सड़कों का निर्माण और बंगाल में भ्रष्टाचार को मुद्दों में सबसे ऊपर रख कर अटैक किया जाएगा.
इस संबंध में बीजेपी के सहयोगी जेडीयू के एक नेता का कहना है कि हर पार्टी का अपना भी जनाधार होता है. लेकिन प्रधानमंत्री काफी लोकप्रिय हैं और ये चुनाव पीएम चुनने के लिए हो रहे हैं, तो जाहिर सी बात है कि हम भी पीएम के नाम पर वोट तो मांगेंगे ही और अपनी उपलब्धियां भी इसमें शामिल होंगी.