रांची: मिशन झारखंड को लेकर बीजेपी इन दिनों रणनीति बनाने में जुटी है. जिसके तहत विधानसभा चुनाव में पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है. बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व को उम्मीद है कि बड़े चेहरे को चुनाव मैदान में उतारे जाने का लाभ पार्टी को जरूर मिलेगा.
जिन चेहरे को उतारने की तैयारी की जा रही है उसमें प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, आशा लकड़ा, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, समीर उरांव, नीलकंठ सिंह मुंडा, सीता सोरेन, गीता कोड़ा, बरकुंवर गगरई, जेबी तुबिद, डॉ अरुण उरांव, पूर्व विधायक शिवशंकर उड़ांव, यदुनाथ पांडे, रबिन्द्र पांडे, रबिन्द्र राय, सीपी सिंह, रामटहल चौधरी सहित कई बड़े नाम शामिल है.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह के अनुसार संगठन का शीर्ष नेतृत्व चुनाव का निर्णय सर्वोपरि होगा. बड़े चेहरे स्वभाविक रुप से जनता के बीच प्रभावी होंगे जिसका लाभ चुनाव में देखने को मिलेगा.
पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का बीजेपी का है लक्ष्य
झारखंड में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है. इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटी है. कार्यक्रम के साथ-साथ चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ आने वाले समय में सरकार बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके लिए राज्य की सभी 28 जनजाति सीटों को हर हाल में जीतने के लिए स्ट्रेटेजी बनाई गई है.
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज दो ट्रायबल सीट पर जीत मिली थी. जनजातीय सीटों के बाद बीजेपी की नजर सामान्य सीट पर भी है. जहां से उसे लगातार असफलता हाथ लगी है. इन सीटों से पार्टी के बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की गई है. इस फैसले से मुख्यधारा से हटे बड़े नेताओं की नाराजगी भी दूर होगी और संगठनात्मक रूप से पार्टी को मजबूती भी मिलने की उम्मीद है. इन सब के बीच गठबंधन होने पर एनडीए के सहयोगी दल आजसू एवं अन्य दलों पर भी बीजेपी को उम्मीद है कि कुछ सीटें जरूर मिल जायेगी. वर्तमान में आजसू के पास तीन सीटें हैं.
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