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पश्चिम बंगाल: संदेशखाली थाने के बाहर धरने पर बैठे BJP प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पुलिस ने घसीटा - पश्चिम बंगाल संदेशखाली मामला

WB Sandeshkhali Case, BJP State President Sukant, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन शोषण और जमीनों पर कब्जे के आरोपी शाहजहां शेख को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है. गुरुवार को भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार धरने पर बैठे, लेकिन उन्हें पुलिस द्वारा बलपूर्वक हटा दिया गया.

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By PTI

Published : Feb 22, 2024, 9:45 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 10:20 PM IST

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फरार नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरुवार को संदेशखाली थाने के बाहर धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को कानून प्रवर्तकों ने जबरन धरनास्थल से हटाकर नाव में बैठाया और संकटग्रस्त इलाके से रवाना कर दिया.

संदेशखाली में प्रवेश करने की कोशिश के दौरान टाकि के समीप एक प्रदर्शन के दौरान चोट लगने के आठ दिन बाद पुलिस ने मजूमदार को उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त इलाके में जाने की इजाजत दी. इलाके में पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात के बाद मजूमदार सीधा संदेशखाली थाने पहुंचे और कुछ देर बाद ही उन्होंने थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया.

राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि 'जब तक शाहजहां शेख को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मेरा धरना जारी रहेगा. इतने दिन बीतने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.' मजूमदार ने कहा कि वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गयी.

इसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का फैसला किया. पुलिस ने मजूमदार से धरना खत्म करने को कहा, लेकिन जब उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी तो मजूमदार को धरनास्थल से हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया. मजूमदार को बाद में पुलिसकर्मियों के साथ एक नाव में बैठाकर धमाखली नौका घाट भेज दिया गया.

धमाखली पहुंचने के बाद मजूमदार ने दावा किया कि 'मुझे गिरफ्तार किया गया और बाद में निजी जमानत बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया. मैं अभी धमाखली नौका घाट पर हूं, लेकिन जब तक संदेशखाली में गिरफ्तार हमारे सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक मैं यह क्षेत्र नहीं छोड़ूंगा.'

इससे पहले पुलिस ने मजूमदार को संदेशखाली जाने की इजाजत दी, जहां महिलाओं से कथित यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने को लेकर स्थानीय निवासी प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने मजूमदार को इस शर्त पर संदेशखाली जाने की इजाजत दी थी कि उनके साथ सिर्फ सुरक्षाकर्मी ही जा सकते हैं और भाजपा का कोई अन्य नेता उनके साथ नहीं जाएगा. इस शर्त पर नाखुशी जाहिर करने के बाद भी भाजपा नेता को पुलिस की बात मानने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पुलिस के एक अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया कि आप संदेशखाली जा सकते हो. लेकिन आपके साथ सिर्फ हमारे सुरक्षाकर्मियों को जाने की इजाजत होगी और भाजपा का कोई नेता आपके साथ नहीं जाएगा. मजूमदार को गुरुवार को संदेशखाली जाने की इजाजत दी गयी थी. स्थानीय लोगों ने शाहजहां शेख पर 'अत्याचारी' होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से वह फरार है.

पढ़ें: NCST आयोग ने संदेशखाली का किया दौरा, जमीन कब्जाने और उत्पीड़न की मिली 23 शिकायतें

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फरार नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरुवार को संदेशखाली थाने के बाहर धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को कानून प्रवर्तकों ने जबरन धरनास्थल से हटाकर नाव में बैठाया और संकटग्रस्त इलाके से रवाना कर दिया.

संदेशखाली में प्रवेश करने की कोशिश के दौरान टाकि के समीप एक प्रदर्शन के दौरान चोट लगने के आठ दिन बाद पुलिस ने मजूमदार को उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त इलाके में जाने की इजाजत दी. इलाके में पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात के बाद मजूमदार सीधा संदेशखाली थाने पहुंचे और कुछ देर बाद ही उन्होंने थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया.

राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि 'जब तक शाहजहां शेख को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मेरा धरना जारी रहेगा. इतने दिन बीतने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.' मजूमदार ने कहा कि वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गयी.

इसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का फैसला किया. पुलिस ने मजूमदार से धरना खत्म करने को कहा, लेकिन जब उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी तो मजूमदार को धरनास्थल से हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया. मजूमदार को बाद में पुलिसकर्मियों के साथ एक नाव में बैठाकर धमाखली नौका घाट भेज दिया गया.

धमाखली पहुंचने के बाद मजूमदार ने दावा किया कि 'मुझे गिरफ्तार किया गया और बाद में निजी जमानत बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया. मैं अभी धमाखली नौका घाट पर हूं, लेकिन जब तक संदेशखाली में गिरफ्तार हमारे सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक मैं यह क्षेत्र नहीं छोड़ूंगा.'

इससे पहले पुलिस ने मजूमदार को संदेशखाली जाने की इजाजत दी, जहां महिलाओं से कथित यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने को लेकर स्थानीय निवासी प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने मजूमदार को इस शर्त पर संदेशखाली जाने की इजाजत दी थी कि उनके साथ सिर्फ सुरक्षाकर्मी ही जा सकते हैं और भाजपा का कोई अन्य नेता उनके साथ नहीं जाएगा. इस शर्त पर नाखुशी जाहिर करने के बाद भी भाजपा नेता को पुलिस की बात मानने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पुलिस के एक अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया कि आप संदेशखाली जा सकते हो. लेकिन आपके साथ सिर्फ हमारे सुरक्षाकर्मियों को जाने की इजाजत होगी और भाजपा का कोई नेता आपके साथ नहीं जाएगा. मजूमदार को गुरुवार को संदेशखाली जाने की इजाजत दी गयी थी. स्थानीय लोगों ने शाहजहां शेख पर 'अत्याचारी' होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से वह फरार है.

पढ़ें: NCST आयोग ने संदेशखाली का किया दौरा, जमीन कब्जाने और उत्पीड़न की मिली 23 शिकायतें
Last Updated : Feb 22, 2024, 10:20 PM IST
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