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विवादित टिप्पणी मामला: केंद्रीय मंत्री रूपाला बोले, मामले को क्षत्रिय बनाम पाटीदार करने की जरूरत नहीं - Parshottam Rupala

Parshottam Rupala: क्षत्रिय समाज को लेकर केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला की विवादित टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजकोट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला के खिलाफ क्षत्रिय समाज में काफी रोष है. समाज के नेता रूपाला की लोकसभा उम्मीदवारी वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विरोध के बीच दिल्ली से लौटे रूपाला ने कहा कि इस विषय में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

Parshottam Rupala
केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 4, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Apr 4, 2024, 11:09 PM IST

अहमदाबाद: क्षत्रिय समाज को लेकर विवादित टिप्पणी कर फंसे केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला गुरुवार को दिल्ली से अहमदाबाद लौटे. शहर के एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह कैबिनेट की बैठक में भाग लेने गए, जिसका ब्योरा वह साझा नहीं कर सकते. टिप्पणी मामले पर भाजपा नेता ने कहा कि यह मामले को पार्टी के वरिष्ठ नेता देख रहे है, इसलिए उनका टिप्पणी करना उचित नहीं है.

राजकोट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने कहा, मैंने माफी मांग ली है और मीडिया के सामने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं. मैं अब इस विषय पर कुछ और बोलने के पक्ष में नहीं हूं. मामले को क्षत्रिय बनाम पाटीदार करने की कोई जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज से बात हुई है. मैंने भी समाज के नेताओं के साथ बैठक की है और मेरे लिए इस मामले पर अब टिप्पणी करना उचित नहीं है. रूपाला ने आगे कहा कि राजकोट में सर्व समाज उनके समर्थन में है, इसलिए क्षत्रिय समाज को ऐसा नहीं करना चाहिए. क्षत्रिय समाज के नेताओं ने भी मेरा समर्थन किया है. मैं इस मुद्दे पर कुछ भी बोलकर विवाद और बढ़ाना नहीं चाहता हूं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को हुई बैठक पर टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं है.

रूपाला के खिलाफ पद्मिनीबा वाला ने खोला मोर्चा
वहीं, परषोत्तम रूपाला के खिलाफ अब करणी सेना की कार्यकारी सदस्य और भाजपा में हाल ही में शामिल हुईं पद्मिनीबा वाला ने कहा कि जब तब रूपाला का टिकट वापस नहीं लिया जाता है तब तक वो अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगी.

जानें क्या है विवाद
राजकोट सीट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने दावा किया था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे. यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी. उनकी इस टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया. गुजरात में राजपूतों ने रूपाला की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई, क्योंकि तत्कालीन 'महाराजाओं' में ज्यादातर राजपूत थे. राजपूतों के विरोध के बाद अब पाटीदार समुदाय के लोग परषोत्तम रूपाला के समर्थन में उतर आए हैं.

ये भी पढ़ें- भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, रूपाला का टिकट वापस लेने की मांग पर अड़े राजपूत, देशव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी

अहमदाबाद: क्षत्रिय समाज को लेकर विवादित टिप्पणी कर फंसे केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला गुरुवार को दिल्ली से अहमदाबाद लौटे. शहर के एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह कैबिनेट की बैठक में भाग लेने गए, जिसका ब्योरा वह साझा नहीं कर सकते. टिप्पणी मामले पर भाजपा नेता ने कहा कि यह मामले को पार्टी के वरिष्ठ नेता देख रहे है, इसलिए उनका टिप्पणी करना उचित नहीं है.

राजकोट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने कहा, मैंने माफी मांग ली है और मीडिया के सामने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं. मैं अब इस विषय पर कुछ और बोलने के पक्ष में नहीं हूं. मामले को क्षत्रिय बनाम पाटीदार करने की कोई जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज से बात हुई है. मैंने भी समाज के नेताओं के साथ बैठक की है और मेरे लिए इस मामले पर अब टिप्पणी करना उचित नहीं है. रूपाला ने आगे कहा कि राजकोट में सर्व समाज उनके समर्थन में है, इसलिए क्षत्रिय समाज को ऐसा नहीं करना चाहिए. क्षत्रिय समाज के नेताओं ने भी मेरा समर्थन किया है. मैं इस मुद्दे पर कुछ भी बोलकर विवाद और बढ़ाना नहीं चाहता हूं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को हुई बैठक पर टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं है.

रूपाला के खिलाफ पद्मिनीबा वाला ने खोला मोर्चा
वहीं, परषोत्तम रूपाला के खिलाफ अब करणी सेना की कार्यकारी सदस्य और भाजपा में हाल ही में शामिल हुईं पद्मिनीबा वाला ने कहा कि जब तब रूपाला का टिकट वापस नहीं लिया जाता है तब तक वो अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगी.

जानें क्या है विवाद
राजकोट सीट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने दावा किया था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे. यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी. उनकी इस टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया. गुजरात में राजपूतों ने रूपाला की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई, क्योंकि तत्कालीन 'महाराजाओं' में ज्यादातर राजपूत थे. राजपूतों के विरोध के बाद अब पाटीदार समुदाय के लोग परषोत्तम रूपाला के समर्थन में उतर आए हैं.

ये भी पढ़ें- भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, रूपाला का टिकट वापस लेने की मांग पर अड़े राजपूत, देशव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी

Last Updated : Apr 4, 2024, 11:09 PM IST
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