नई दिल्ली: संसद का सत्र चल रहा है मगर कुछ सांसदों ने संविधान को लेकर दिखावा किया तो किसी ने संसदीय गरिमा से बाहर के शब्द का इस्तेमाल किया. ऐसे में भाजपा इमरजेंसी यानी 25 जून 1975 को लगाए गए अपातकाल को याद कर रहा है. कहीं न कहीं लोकसभा के चुनाव प्रचार से शुरू हुआ संविधान और अपातकाल के बीच की बहस संसद सत्र तक पहुंच चुकी है. इस विषय पर भाजपा सांसद और भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने विपक्ष पर तंज कसा है.
भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने कहा की विपक्ष लगातार संविधान की अवमानना कर रहा है. उन्होंने कहा कि, आज जिस तरह से इंडिया गठबंधन के कुछ सांसदों ने संविधान की अवमानना की वो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि, लोकसभा चुनाव प्रचार से ही संविधान और सरकार को लेकर जिस तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं, उसे देखते हुए अब जनता ने भी चुनाव में इस गठबंधन को जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस हार चुकी है और गठबंधन की सभी पार्टियां लगातार संविधान पर भ्रम और झूठी अफवाह फैला रहीं है, जिसे जनता देख रही है.
इस सवाल पर की जो कांग्रेस संविधान की बात कर रही एक संवैधानिक व्यवस्था या परंपरा रही,स्पीकर का पद को संविधानिक होता है उसपर हमेशा से सभी पार्टियों को एक राय होती थी मगर संसदीय इतिहास में ये दूसरी बार जो रहा की विपक्ष ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं, इस पर बोलते हुए भाजपा सांसद ने कहा की विपक्ष को बस सरकार की खिलाफत करनी है, वो संसदीय मर्यादाओं को भी नही देख रहे है. संसद में हंगामा और प्रदर्शन करना रचनात्मक विपक्ष की भूमिका नही है. इसका जनता जवाब देगी.
ये भी पढ़ें: स्पीकर चुनाव के लिए NDA ने बनाई बड़ी रणनीति, गृहमंत्री शाह के साथ बैठक में चर्चा