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हरियाणा की इन लोकसभा सीटों पर बड़े उलटफेर की संभावना, कांग्रेस बिगाड़ सकती है BJP का 'खेल' - HARYANA 5 SEATS POLITICAL EQUATION

Haryana 5 Seats Political Equation: हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार बड़े उलटफेर होने की संभावना जताई जा रही है. बीजेपी ने 2019 में प्रदेश की सभी 10 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार समीकरण बदले दिख रहे हैं. किसान, अग्निवीर जैसे बड़े मुद्दे और एंटी इनकंबेंसी को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक हरियाणा में चौंकाने वाले नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं. आइये आपको बताते हैं कि हरियाणा की वो कौन सी सीटें हैं जो बीजेपी से छिन सकती हैं.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 21, 2024, 6:02 PM IST

Updated : May 21, 2024, 7:07 PM IST

Haryana 5 Seats Political Equation
हरियाणा में 5 सीटों के समीकरण (Photo- Etv Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान है. हरियाणा में कांग्रेस का दावा है कि इस बार वो क्लीव स्वीप करेगी. यानि सभी दस सीटों पर जीत हासिल करेगी. कांग्रेस ऐसा पहले कर भी चुकी है. लेकिन बीजेपी कह रही है कि वो 2019 का इतिहास दोहरायेगी, जब सभी 10 सीटों पर कमल खिला था. उधर राजनीतिक जानकार कहते हैं कि बीजेपी के ये दाव इस बार पूरे होने की संभावना कम है, क्योंकि हरियाणा की कई लोकसभा सीटों पर मुकाबला कड़ा है.

रोहतक सीट पर बीजेपी के अरविंद शर्मा को चुनौती

rohtak lok sabha seat
रोहतक लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा की सबसे हॉट सीट है रोहतक. रोहतक लोकसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी के अरविंद शर्मा और कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा आमने-सामने हैं. 2019 में दीपेंद्र हुड्डा केवल 7503 वोट से हार गये थे. रोहतक लोकसभा सीट में आने वाली 9 विधानसभा सीटों में से 8 में दीपेंद्र हुड्डा जीते थे. आखिरी दौर की गिनती में वो केवल एक विधानसभा सीट में हार गये थे. इस बार माना जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा इस सीट पर फिर से विजयी पताका फहरा सकते हैं. रोहतक सीट पर इनेलो ने उम्मीदवार नहीं उतारे. वहीं बीएसपी उम्मीदवार ने कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को समर्थन देते हुए नाम वापस ले लिया है. 2019 में रोहतक में बीएसपी को 38 हजार 364 वोट मिले थे.

रोहतक सीट भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ मानी जाती है. रोहतक (चार विधानसभा सीट) लोकसभा क्षेत्र में झज्जर (4 विधानसभा सीट) जिला भी आता है. दोनों जिलों की 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं रेवाड़ी जिले की एक विधानसभा सीट कोसली भी रोहतक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिस पर बीजेपी का कब्जा है. रोहतक सीट के झज्जर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रैली कर चुके हैं.

सिरसा लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला

sirsa lok sabha seat
सिरसा लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा में कड़े मुकाबले वाली दूसरी सीट सिरसा बताई जा रही है. यहां मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर बीजेपी ने कांग्रेस से आये अशोक तंवर को टिकट दिया. अशोक तंवर के खिलाफ कांग्रेस की पुरानी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा लड़ रही हैं. सैलजा सिरसा से दो बार (1991, 1996) लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. अशोक तंवर सिरसा से 2009 में सांसद बने थे. लेकिन 2014 और 2019 में वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं. राजनीतिक जानकार अशोक तंवर के मुकाबले कुमारी सैलजा को ज्यादा मजबूत मान रहे हैं. इसकी बड़ी वजह है कि अशोक तंवर टिकट मिलने के पहले तक खांटी कांग्रेस रहे हैं, वहीं वो एंटी इनकंबेंसी का भी सामना कर रहे हैं. उनकी लोकप्रियता भी कुमारी सैलजा के मुकाबले कम है. यही वजह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता यहां प्रचार के लिए आ चुके हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 20 मई को आये. वहीं चर्चा है कि 23 मई को पीएम मोदी की भी सिरसा में रैली होगी.

सोनीपत बीजेपी के लिए आसान नहीं

sonipat lok sabha seat
सोनीपत लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा के जाटलैंड में आने वाली सोनीपत लोकसभा सीट भी इस बार बीजेपी के लिए चुनौती बनी है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर राई से विधायक मोहनलाल बड़ौली को मैदान में उतारा है. उनके मुकाबले कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं. सोनीपत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है. सोनीपत की 6 में से 4 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि 2 बीजेपी के पास. सोनीपत में आने वाली जींद की 3 विधानसभा सीटों में से एक बीजेपी, एक कांग्रेस और एक जेजेपी के पास हैं. मोहनलाल बड़ौली आरएसएस के पुराने नेता हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में वो पहली बार लड़ रहे हैं. यहां उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी से कड़ी टक्कर मिल रही है. सतपाल ब्रह्मचारी संत हैं. सोनीपत में उनका अच्छा जनाधार बताया जाता है. बीजेपी के दिग्गज नेताओं की सोनीपत पर भी खास नजर है. पीएम मोदी खुद सोनीपत में 18 मई को रैली कर चुके हैं.

हिसार लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला

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हिसार लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हिसार लोकसभा सीट पर बीजेपी ने देवीलाल के बेटे और रानिया विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रहे रणजीत चौटाला को टिकट दिया है. उनके सामने हिसार से 2 बार सांसद रह चुके जयप्रकाश को कांग्रेस ने उतारा है. हिसार लोकसभा सीट पर करीब दो दशक बाद भजनाल परिवार चुनाव से बाहर है. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के लिए प्रचार तो कर रहे हैं लेकिन कई बार टिकट ना मिलने का दुख भी जता चुके हैं. कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं. माना जा रहा था कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं देवीलाल परिवार की नैना चौटाला जेजेपी से और सुनैना चौटाला इनेलो से चुनावी मैदान में हैं. कुल मिलाकर हिसार सीट पर देवीलाल परिवार की तीन लोग मैदान में हैं. इसलिए चौटाला परिवार के नाम पर भी वोट में बंटवारा हो सकता है, जिसका फायदा कांग्रेस के जयप्रकाश को मिल सकता है. शायद यही वजह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह हिसार में भी रैली कर चुके हैं. 2019 में हिसार सीट पर बीजेपी के चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह जीते थे. जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.

अंबाला लोकसभा सीट पर आर-पार

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अंबाला लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

अंबाला लोकसभा क्षेत्र में भी इस बार कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. यहां से बीजेपी के टिकट पर दिवंगत रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया चुनाव लड़ रही हैं. वहीं कांग्रेस ने वरुण चौधरी मुलाना को मैदान में उतारा है. राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि अंबाला में वरुण मुलाना का प्रचार काफी अच्छा जा रहा है. इसीलिए बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी ने प्रचार की कमान संभाली. मोदी ने हरियाणा में पहली रैली अंबाला लोकसभा क्षेत्र में 18 मई को की. हलांकि 2019 में अंबाला सीट पर बीजेपी के रतनलाल कटारिया ने कुमारी सैलजा को 3 लाख 42 हजार 345 वोट से हराया था. लेकिन 2024 में हालात बदले हुए बताये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- एक क्लिक में जानें हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों का हाल, 25 मई को होना है मतदान
ये भी पढ़ें- हरियाणा में नाथ संप्रदाय का कितना असर? UP CM योगी आदित्यनाथ की रैली बदल सकती है समीकरण
ये भी पढ़ें- हरियाणा में अगले एक हफ्ते BJP के दिग्गज नेताओं की ताबड़तोड़ रैली, प्रचार के आखिरी दिन मोदी खेलेंगे मास्टर स्ट्रोक

चंडीगढ़: हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान है. हरियाणा में कांग्रेस का दावा है कि इस बार वो क्लीव स्वीप करेगी. यानि सभी दस सीटों पर जीत हासिल करेगी. कांग्रेस ऐसा पहले कर भी चुकी है. लेकिन बीजेपी कह रही है कि वो 2019 का इतिहास दोहरायेगी, जब सभी 10 सीटों पर कमल खिला था. उधर राजनीतिक जानकार कहते हैं कि बीजेपी के ये दाव इस बार पूरे होने की संभावना कम है, क्योंकि हरियाणा की कई लोकसभा सीटों पर मुकाबला कड़ा है.

रोहतक सीट पर बीजेपी के अरविंद शर्मा को चुनौती

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रोहतक लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा की सबसे हॉट सीट है रोहतक. रोहतक लोकसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी के अरविंद शर्मा और कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा आमने-सामने हैं. 2019 में दीपेंद्र हुड्डा केवल 7503 वोट से हार गये थे. रोहतक लोकसभा सीट में आने वाली 9 विधानसभा सीटों में से 8 में दीपेंद्र हुड्डा जीते थे. आखिरी दौर की गिनती में वो केवल एक विधानसभा सीट में हार गये थे. इस बार माना जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा इस सीट पर फिर से विजयी पताका फहरा सकते हैं. रोहतक सीट पर इनेलो ने उम्मीदवार नहीं उतारे. वहीं बीएसपी उम्मीदवार ने कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को समर्थन देते हुए नाम वापस ले लिया है. 2019 में रोहतक में बीएसपी को 38 हजार 364 वोट मिले थे.

रोहतक सीट भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ मानी जाती है. रोहतक (चार विधानसभा सीट) लोकसभा क्षेत्र में झज्जर (4 विधानसभा सीट) जिला भी आता है. दोनों जिलों की 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं रेवाड़ी जिले की एक विधानसभा सीट कोसली भी रोहतक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिस पर बीजेपी का कब्जा है. रोहतक सीट के झज्जर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रैली कर चुके हैं.

सिरसा लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला

sirsa lok sabha seat
सिरसा लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा में कड़े मुकाबले वाली दूसरी सीट सिरसा बताई जा रही है. यहां मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर बीजेपी ने कांग्रेस से आये अशोक तंवर को टिकट दिया. अशोक तंवर के खिलाफ कांग्रेस की पुरानी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा लड़ रही हैं. सैलजा सिरसा से दो बार (1991, 1996) लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. अशोक तंवर सिरसा से 2009 में सांसद बने थे. लेकिन 2014 और 2019 में वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं. राजनीतिक जानकार अशोक तंवर के मुकाबले कुमारी सैलजा को ज्यादा मजबूत मान रहे हैं. इसकी बड़ी वजह है कि अशोक तंवर टिकट मिलने के पहले तक खांटी कांग्रेस रहे हैं, वहीं वो एंटी इनकंबेंसी का भी सामना कर रहे हैं. उनकी लोकप्रियता भी कुमारी सैलजा के मुकाबले कम है. यही वजह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता यहां प्रचार के लिए आ चुके हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 20 मई को आये. वहीं चर्चा है कि 23 मई को पीएम मोदी की भी सिरसा में रैली होगी.

सोनीपत बीजेपी के लिए आसान नहीं

sonipat lok sabha seat
सोनीपत लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हरियाणा के जाटलैंड में आने वाली सोनीपत लोकसभा सीट भी इस बार बीजेपी के लिए चुनौती बनी है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर राई से विधायक मोहनलाल बड़ौली को मैदान में उतारा है. उनके मुकाबले कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं. सोनीपत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है. सोनीपत की 6 में से 4 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि 2 बीजेपी के पास. सोनीपत में आने वाली जींद की 3 विधानसभा सीटों में से एक बीजेपी, एक कांग्रेस और एक जेजेपी के पास हैं. मोहनलाल बड़ौली आरएसएस के पुराने नेता हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में वो पहली बार लड़ रहे हैं. यहां उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी से कड़ी टक्कर मिल रही है. सतपाल ब्रह्मचारी संत हैं. सोनीपत में उनका अच्छा जनाधार बताया जाता है. बीजेपी के दिग्गज नेताओं की सोनीपत पर भी खास नजर है. पीएम मोदी खुद सोनीपत में 18 मई को रैली कर चुके हैं.

हिसार लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला

hisar lok sabha seat
हिसार लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

हिसार लोकसभा सीट पर बीजेपी ने देवीलाल के बेटे और रानिया विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रहे रणजीत चौटाला को टिकट दिया है. उनके सामने हिसार से 2 बार सांसद रह चुके जयप्रकाश को कांग्रेस ने उतारा है. हिसार लोकसभा सीट पर करीब दो दशक बाद भजनाल परिवार चुनाव से बाहर है. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के लिए प्रचार तो कर रहे हैं लेकिन कई बार टिकट ना मिलने का दुख भी जता चुके हैं. कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं. माना जा रहा था कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं देवीलाल परिवार की नैना चौटाला जेजेपी से और सुनैना चौटाला इनेलो से चुनावी मैदान में हैं. कुल मिलाकर हिसार सीट पर देवीलाल परिवार की तीन लोग मैदान में हैं. इसलिए चौटाला परिवार के नाम पर भी वोट में बंटवारा हो सकता है, जिसका फायदा कांग्रेस के जयप्रकाश को मिल सकता है. शायद यही वजह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह हिसार में भी रैली कर चुके हैं. 2019 में हिसार सीट पर बीजेपी के चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह जीते थे. जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.

अंबाला लोकसभा सीट पर आर-पार

AMBALA LOK SABHA SEAT
अंबाला लोकसभा सीट (Photo- ETV Bharat)

अंबाला लोकसभा क्षेत्र में भी इस बार कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. यहां से बीजेपी के टिकट पर दिवंगत रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया चुनाव लड़ रही हैं. वहीं कांग्रेस ने वरुण चौधरी मुलाना को मैदान में उतारा है. राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि अंबाला में वरुण मुलाना का प्रचार काफी अच्छा जा रहा है. इसीलिए बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी ने प्रचार की कमान संभाली. मोदी ने हरियाणा में पहली रैली अंबाला लोकसभा क्षेत्र में 18 मई को की. हलांकि 2019 में अंबाला सीट पर बीजेपी के रतनलाल कटारिया ने कुमारी सैलजा को 3 लाख 42 हजार 345 वोट से हराया था. लेकिन 2024 में हालात बदले हुए बताये जा रहे हैं.

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Last Updated : May 21, 2024, 7:07 PM IST
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