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Watch : राज्यसभा सांसदों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है भाजपा, पूछी पसंद की सीटें

RS mp for lok sabha election : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया है. इसे पूरा करना सत्ताधारी पार्टी का लक्ष्य है. बीजेपी इसके लिए नई रणनीतियां तो तैयार कर ही रही है, साथ ही लोकसभा चुनाव में अपने सभी बड़े चेहरों को मैदान में उतारने की भी तैयारी कर रही है. उसने राज्यसभा सांसदों से भी पसंद की दो लोकसभा सीटों के नाम मांगे हैं, जहां से वह चुनाव लड़ना चाहते हैं. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

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मोदी शाह
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 15, 2024, 10:31 PM IST

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में '400 पार' का लक्ष्य पाने के लिए भाजपा जुटी हुई है. इसके लिए पार्टी ने तय किया है कि जो दो बार या उससे ज्यादा टर्म से राज्यसभा सांसद हैं, उनको रिपीट नहीं किया जाएगा. यदि उम्र और लोकप्रियता के साथ ऐसे नेता संसद में आना भी चाहते हैं तो उन्हें राज्यसभा नहीं बल्कि जनता की कसौटी पर खरा उतरना होगा. यानी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना होगा.

मोदी सरकार के ऐसे वरिष्ठ मंत्री जो राज्यसभा में 2 कार्यकाल तक रह चुके हैं और जिनका कार्यकाल या तो समाप्त हो रहा है या समाप्त होने वाला है, उनको भी चुनाव लड़ने को कहा गया है. इसके लिए राज्यसभा सांसदों से पार्टी ने कम से कम ऐसी तीन लोकसभा सीटों के नाम बताने को कहा है, जहां से वह चुनाव जीत सकते हैं या जहां उनकी लोकप्रियता है. हालांकि इन सीटों पर पार्टी के इंटरनल सर्वे में भी उन्हें खरा उतरना पड़ेगा.

सूत्रों की मानें तो पार्टी के इन सांसदों में से ज्यादातर ने अपनी पसंद की दो सीटें पार्टी को बताई हैं और आखिर में फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है. सूत्रों की मानें तो धर्मेंद्र प्रधान की प्राथमिकता ओडिशा की संबलपुर सीट है और दूसरी ढेंकनाल है.

भूपेंद्र यादव ने हरियाणा की भिवानी महेंद्रगढ़ सीट बताई है. साथ ही राजस्थान की जयपुर ग्रामीण और अलवर सीट जो, रिक्त पड़ीं हैं वो दो सीटें भी बताई हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली प्राथमिकता गुना लोकसभा सीट बताई है जबकि अपनी दूसरी पसंद ग्वालियर सीट बताई है. इसी तरह से मनसुख मांडविया भावनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी दूसरी पसंद सूरत सीट है.

सर्बानंद सोनोवाल ने प्राथमिकता के तौर पर असम की डिब्रूगढ़ और लखीमपुर सीट बताई हैं, क्योंकि वह इन दोनों ही सीट से सांसद रह चुके हैं. इसी तरह राजीव चंद्रशेखर को पार्टी के स्थानीय नेता शशि थरूर के खिलाफ तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़वाना चाहते हैं जबकि खुद उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल की इच्छा पार्टी से जताई है.
वी. मुरलीधरन ने केरल से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. पुरुषोत्तम रूपला ने गुजरात की अमरेली सीट को पहली प्राथमिकता बताया है. पीयूष गोयल मुंबईं की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है.

एल मुरुगन ने को पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है लेकिन वो ए राजा के खिलाफ तमिलनाडु की नीलगिरी से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे. पार्टी उन्हें लोकसभा से भी टिकट दे सकती है.

राज्यसभा सांसद विप्लब देब ने त्रिपुरा लोकसभा सीट की इच्छा जताई है जहां से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी सांसद हैं. देब हरियाणा के प्रभारी भी हैं. बहरहाल उनको टिकट मिलना मुश्किल बताया जा रहा है. सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ की रायपुर, बिलासपुर और कोरबा सीट प्राथमिकता के तौर पर बताई है.

अरुण सिंह ने गाजियाबाद सीट बताई है यहां से वीके सिंह दूसरी बार सांसद हैं. अनिल जैन ने दो सीटें बताई हैं, जिनमें यूपी की फिरोजाबाद और दिल्ली की चांदनी चौक सीट है. हालांकि फैसला पार्टी पर छोड़ा है.

सुरेंद्र नागर ने यूपी की गौतमबुद्धनगर सीट बताई है, जहां से पहले भी वह सांसद रह चुके हैं. हालांकि अब वहां से महेश शर्मा दूसरी बार सांसद हैं. नीरज शेखर ने बलिया सीट को प्राथमिकता दी है. इसी तरह यदि पार्टी शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाती है तो मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से चुनाव लड़वा सकती है.

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में '400 पार' का लक्ष्य पाने के लिए भाजपा जुटी हुई है. इसके लिए पार्टी ने तय किया है कि जो दो बार या उससे ज्यादा टर्म से राज्यसभा सांसद हैं, उनको रिपीट नहीं किया जाएगा. यदि उम्र और लोकप्रियता के साथ ऐसे नेता संसद में आना भी चाहते हैं तो उन्हें राज्यसभा नहीं बल्कि जनता की कसौटी पर खरा उतरना होगा. यानी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना होगा.

मोदी सरकार के ऐसे वरिष्ठ मंत्री जो राज्यसभा में 2 कार्यकाल तक रह चुके हैं और जिनका कार्यकाल या तो समाप्त हो रहा है या समाप्त होने वाला है, उनको भी चुनाव लड़ने को कहा गया है. इसके लिए राज्यसभा सांसदों से पार्टी ने कम से कम ऐसी तीन लोकसभा सीटों के नाम बताने को कहा है, जहां से वह चुनाव जीत सकते हैं या जहां उनकी लोकप्रियता है. हालांकि इन सीटों पर पार्टी के इंटरनल सर्वे में भी उन्हें खरा उतरना पड़ेगा.

सूत्रों की मानें तो पार्टी के इन सांसदों में से ज्यादातर ने अपनी पसंद की दो सीटें पार्टी को बताई हैं और आखिर में फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है. सूत्रों की मानें तो धर्मेंद्र प्रधान की प्राथमिकता ओडिशा की संबलपुर सीट है और दूसरी ढेंकनाल है.

भूपेंद्र यादव ने हरियाणा की भिवानी महेंद्रगढ़ सीट बताई है. साथ ही राजस्थान की जयपुर ग्रामीण और अलवर सीट जो, रिक्त पड़ीं हैं वो दो सीटें भी बताई हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली प्राथमिकता गुना लोकसभा सीट बताई है जबकि अपनी दूसरी पसंद ग्वालियर सीट बताई है. इसी तरह से मनसुख मांडविया भावनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी दूसरी पसंद सूरत सीट है.

सर्बानंद सोनोवाल ने प्राथमिकता के तौर पर असम की डिब्रूगढ़ और लखीमपुर सीट बताई हैं, क्योंकि वह इन दोनों ही सीट से सांसद रह चुके हैं. इसी तरह राजीव चंद्रशेखर को पार्टी के स्थानीय नेता शशि थरूर के खिलाफ तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़वाना चाहते हैं जबकि खुद उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल की इच्छा पार्टी से जताई है.
वी. मुरलीधरन ने केरल से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. पुरुषोत्तम रूपला ने गुजरात की अमरेली सीट को पहली प्राथमिकता बताया है. पीयूष गोयल मुंबईं की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है.

एल मुरुगन ने को पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है लेकिन वो ए राजा के खिलाफ तमिलनाडु की नीलगिरी से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे. पार्टी उन्हें लोकसभा से भी टिकट दे सकती है.

राज्यसभा सांसद विप्लब देब ने त्रिपुरा लोकसभा सीट की इच्छा जताई है जहां से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी सांसद हैं. देब हरियाणा के प्रभारी भी हैं. बहरहाल उनको टिकट मिलना मुश्किल बताया जा रहा है. सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ की रायपुर, बिलासपुर और कोरबा सीट प्राथमिकता के तौर पर बताई है.

अरुण सिंह ने गाजियाबाद सीट बताई है यहां से वीके सिंह दूसरी बार सांसद हैं. अनिल जैन ने दो सीटें बताई हैं, जिनमें यूपी की फिरोजाबाद और दिल्ली की चांदनी चौक सीट है. हालांकि फैसला पार्टी पर छोड़ा है.

सुरेंद्र नागर ने यूपी की गौतमबुद्धनगर सीट बताई है, जहां से पहले भी वह सांसद रह चुके हैं. हालांकि अब वहां से महेश शर्मा दूसरी बार सांसद हैं. नीरज शेखर ने बलिया सीट को प्राथमिकता दी है. इसी तरह यदि पार्टी शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाती है तो मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से चुनाव लड़वा सकती है.

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