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भाजपा ने यूपी में राज्यसभा के लिए सात कैंडिडेट उतारे, पिछड़ों और अति पिछड़ों को रिझाने का हर संभव प्रयास - राज्यसभा चुनाव सुधांशु त्रिवेदी

भाजपा ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सात उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. काफी लंबी चर्चाओं के बावजूद कुमार विश्वास का नाम इस सूची में नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2024, 7:57 PM IST

Updated : Feb 12, 2024, 8:44 AM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए सात उम्मीदवारों की घोषणा की है. जिसमें भाजपा ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया है. खास तौर पर पिछड़े वर्ग को अपने साथ रखने के लिए भाजपा ने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी है. भाजपा ने लंबे समय से साथ दे रहे और दूसरे दल से आए हुए मजबूत नेताओं को भी मौका दिया है. पिछली बार जो 9 राज्यसभा सांसद बनाए गए थे, उनमें से केवल एक को ही रिपीट किया गया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के अलावा सभी को दोबारा मौका नहीं मिला. सात में से चार नेता पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से हैं. एक ब्राह्मण, एक क्षत्रिय और एक जैन यानी वैश्य समुदाय से है.

उम्मीदवारों पर नजर

आरपीएन सिंह - आरपीएन सिंह कुशीनगर के रहने वाले हैं. कांग्रेस के लंबे समय तक नेता रहे. केंद्रीय मंत्री रहे. आरपीएन सिंह एक राज परिवार से आते हैं . कुशीनगर देवरिया क्षेत्र में उनकी पकड़ बहुत मजबूत है. कुर्मी जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

सुधांशु त्रिवेदी- सुधांशु ब्राह्मण हैं. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का यह दूसरा कार्यकाल होगा. वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नजदीक माने जाते हैं.

साधना सिंह- मुगलसराय से भारतीय जनता पार्टी की विधायक और चंदौली की रहने वाली साधना सिंह को राज्यसभा का टिकट भारतीय जनता पार्टी ने दिया है. महिला व्यापार मंडल से जुड़ी साधना सिंह सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहती हैं और संघ से भी उनका जुड़ाव है. इसलिए पार्टी ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होने इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद किया है.

राज्यमंत्री डा. संगीता बलवंत- पिछड़े वर्ग की बिंद जाति से हैं. वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी. वह लोकसभा चुनाव प्रचार को सिरगिथा में सभा को संबोधित करने पहुुंचे थे. इसी मंच पर डा. संगीता ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. डा. संगीता को भाजपा में शामिल कराने में उस समय लोकसभा प्रत्याशी और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का अहम रोल रहा था. इससे पहले डा. संगीता बलवंत बसपा में थीं, लेकिन पार्टी की नीतियों से क्षुब्ध होकर वे भाजपा में आईं.

अमरपाल मौर्य- अति पिछड़े वर्ग से आते हैं. वह ऊंचाहार विधानसभा चुनाव क्षेत्र से पिछली बार विधानसभा चुनाव हार गए थे. वह भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान में प्रदेश महामंत्री हैं. राज्यसभा में संसद बनाकर पार्टी ने उनका कद और ऊंचा कर दिया है.

चौधरी तेजवीर सिंह- जाट समुदाय से आते हैं और मथुरा के पुराने नेता हैं. दो बार के सांसद रह चुके हैं. 1959 में उनका जन्म हुआ और भारतीय जनता पार्टी से लगातार जुड़े रहे हैं.

नवीन जैन - नवीन जैन वैसे तो जैन हैं, मगर उन्हें वैश्य समुदाय का भी प्रतिनिधि माना जाता है. आगरा के पूर्व महापौर रहे हैं. वह लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते रहे हैं.

यह भी पढ़ें :सोनिया के वर्चस्व को भाजपा देगी चुनौती, ठाकुर-ब्राह्मण में से एक विकल्प की तलाशना, सपा नेता पर भी नजर

यह भी पढ़ें :भाजपा ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर, सीएए पर लगाया दांव

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए सात उम्मीदवारों की घोषणा की है. जिसमें भाजपा ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया है. खास तौर पर पिछड़े वर्ग को अपने साथ रखने के लिए भाजपा ने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी है. भाजपा ने लंबे समय से साथ दे रहे और दूसरे दल से आए हुए मजबूत नेताओं को भी मौका दिया है. पिछली बार जो 9 राज्यसभा सांसद बनाए गए थे, उनमें से केवल एक को ही रिपीट किया गया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के अलावा सभी को दोबारा मौका नहीं मिला. सात में से चार नेता पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से हैं. एक ब्राह्मण, एक क्षत्रिय और एक जैन यानी वैश्य समुदाय से है.

उम्मीदवारों पर नजर

आरपीएन सिंह - आरपीएन सिंह कुशीनगर के रहने वाले हैं. कांग्रेस के लंबे समय तक नेता रहे. केंद्रीय मंत्री रहे. आरपीएन सिंह एक राज परिवार से आते हैं . कुशीनगर देवरिया क्षेत्र में उनकी पकड़ बहुत मजबूत है. कुर्मी जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

सुधांशु त्रिवेदी- सुधांशु ब्राह्मण हैं. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का यह दूसरा कार्यकाल होगा. वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नजदीक माने जाते हैं.

साधना सिंह- मुगलसराय से भारतीय जनता पार्टी की विधायक और चंदौली की रहने वाली साधना सिंह को राज्यसभा का टिकट भारतीय जनता पार्टी ने दिया है. महिला व्यापार मंडल से जुड़ी साधना सिंह सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहती हैं और संघ से भी उनका जुड़ाव है. इसलिए पार्टी ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होने इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद किया है.

राज्यमंत्री डा. संगीता बलवंत- पिछड़े वर्ग की बिंद जाति से हैं. वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी. वह लोकसभा चुनाव प्रचार को सिरगिथा में सभा को संबोधित करने पहुुंचे थे. इसी मंच पर डा. संगीता ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. डा. संगीता को भाजपा में शामिल कराने में उस समय लोकसभा प्रत्याशी और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का अहम रोल रहा था. इससे पहले डा. संगीता बलवंत बसपा में थीं, लेकिन पार्टी की नीतियों से क्षुब्ध होकर वे भाजपा में आईं.

अमरपाल मौर्य- अति पिछड़े वर्ग से आते हैं. वह ऊंचाहार विधानसभा चुनाव क्षेत्र से पिछली बार विधानसभा चुनाव हार गए थे. वह भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान में प्रदेश महामंत्री हैं. राज्यसभा में संसद बनाकर पार्टी ने उनका कद और ऊंचा कर दिया है.

चौधरी तेजवीर सिंह- जाट समुदाय से आते हैं और मथुरा के पुराने नेता हैं. दो बार के सांसद रह चुके हैं. 1959 में उनका जन्म हुआ और भारतीय जनता पार्टी से लगातार जुड़े रहे हैं.

नवीन जैन - नवीन जैन वैसे तो जैन हैं, मगर उन्हें वैश्य समुदाय का भी प्रतिनिधि माना जाता है. आगरा के पूर्व महापौर रहे हैं. वह लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते रहे हैं.

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Last Updated : Feb 12, 2024, 8:44 AM IST
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