नई दिल्ली : भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त की. एसटी/एससी समुदाय से जुड़े करीब 100 भाजपा सांसदों ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा. बैठक के बाद, मोदी ने एक्स पर कहा, "आज एससी/एसटी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. हमने एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराया."
Met a delegation of SC/ST MPs today. Reiterated our commitment and resolve for the welfare and empowerment of the SC/ST communities. pic.twitter.com/6iLQkaOumI
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2024
बता दें कि 1 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा था कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच भी क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए. प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे भाजपा के राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार ने बताया, "हम सभी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से चिंतित थे. हमें इस मामले पर चिंता व्यक्त करने वाले लोगों के फोन कॉल आ रहे थे." उन्होंने संसद परिसर में कहा, "एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज सुबह प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की."
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ गंभीर चर्चा की और आश्वासन दिया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लागू नहीं होने देगी. उन्होंने कहा, "हम इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं." भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि पीएम को दिए गए ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया है कि क्रीमी लेयर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी को लागू नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के साथ भी यही राय थी. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे इस मामले को देखेंगे और हमें चिंता न करने के लिए कहा, उन्होंने कहा कि इसे एससी और एसटी श्रेणी में लागू नहीं किया जाएगा."
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बदली प्रोफाइल पिक, लोगों से की यह अपील