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रविशंकर प्रसाद ने ममता सरकार पर उठाए सवाल, क्यों होती है केवल बंगाल में हिंसा - BJP central team - BJP CENTRAL TEAM

BJP central team in Kolkata over post poll violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं को कथित रूप से डराने- धमकाने के आरोपों के बीच बीजेपी की एक टीम कोलकाता पहुंची. आरोप है कि धमकी के चलते पश्चिम बंगाल में करीब 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा.

WB-VIOLENCE
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (ANI VIDEO)
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By PTI

Published : Jun 17, 2024, 7:54 AM IST

कोलकाता: लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद और बिप्लब कुमार देब सहित भाजपा की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम रविवार शाम यहां पहुंची. टीम ने चुनाव बाद हुई हिंसा के कुछ कथित पीड़ितों से मुलाकात की. उनके बारे में भाजपा ने दावा किया कि उन्हें पार्टी ने यहां राज्य मुख्यालय के निकट एक घर में आश्रय दिया है.

प्रसाद ने दावा किया कि राज्य में चुनाव के बाद हो रही कथित हिंसा से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ राज्य की जनता भी भयभीत है. लोकसभा सांसद ने दो दिवसीय दौरे पर शहर पहुंचने पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, 'देश भर में चुनाव हुए, लेकिन हिंसा केवल पश्चिम बंगाल में हुई.' पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'अगर ममता जी लोकतंत्र में विश्वास करती हैं, तो उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.'

प्रसाद ने कहा कि वह पंचायत चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल आए थे. उन्होंने दावा किया कि तब भी राज्य में हिंसा हुई थी और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के बाद भी यही दोहराया जा रहा है. प्रसाद ने कहा, 'देश में कहीं भी ऐसी हिंसा नहीं होती. बिप्लब कुमार देब ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कथित हिंसा और धमकी के कारण पश्चिम बंगाल में करीब 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा.

उन्होंने कहा कि टीम भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के निर्देशन में आई है. उन्होंने कहा, 'प्रभावित लोगों और पार्टी नेतृत्व से बात करने के बाद हम उन्हें रिपोर्ट देंगे.' त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री देब ने कहा कि पार्टी नेतृत्व पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा रहेगा और लोकतंत्र को बचाने के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेगा.

उन्होंने कहा कि 2018 में पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से त्रिपुरा में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई यह दिखा दे कि वहां ऐसी कोई घटना हुई है तो वह राजनीति छोड़ देंगे. राज्य का दौरा करने वाली चार सदस्यीय टीम के संयोजक देब ने कहा, 'हम पश्चिम बंगाल में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान पीड़ितों से बात करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे.'

टीम में भाजपा सांसद बृजलाल और कविता पाटीदार भी शामिल हैं. बाद में टीम के सदस्यों ने यहां माहेश्वरी भवन में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों से मुलाकात की, जहां बताया गया कि हिंसा और धमकी के बाद वे शरण लिए हुए थे. दावा किया जाता है कि वे दक्षिण बंगाल के विभिन्न स्थानों से आए हैं, जिसमें बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है. इसके अंतर्गत संदेशखली स्थित है. उन्होंने टीम के सदस्यों को अपनी कथित पीड़ा सुनाई.

भाजपा नेतृत्व ने कथित पीड़ितों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी कि वे सुरक्षित अपने घर वापस जा सकें. कथित पीड़ितों से बात करने के बाद, प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ से इन लोगों की सुरक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है ताकि वे सुरक्षित अपने घर वापस जा सकें. वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ने कहा, 'हमने अपने कानूनी प्रकोष्ठ से पीड़ितों के नाम नोट करने और उनके लिए सुरक्षा की मांग करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है.'

उन्होंने कहा कि सभी को अपने घरों में रहने का अधिकार है, लेकिन कथित पीड़ितों को राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा, 'चाहे प्रधानमंत्री हों, केंद्रीय गृह मंत्री हों या पार्टी अध्यक्ष, हम सभी उनके (कथित पीड़ितों) साथ हैं.' माहेश्वरी भवन का दौरा करने के दौरान सड़क के डिवाइडर पर एक अज्ञात वस्तु मिलने के स्थान के पास बम की अफवाह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अगर यह हमें डराने के लिए किया गया है, तो यह सफल नहीं होगा.'

खोजी कुत्तों के साथ एक पुलिस दल ने गोल आकार की छोटी वस्तु की जांच की और उसके बाद उसे ले गया. बाद में कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बम निरोधक दस्ते ने पुष्टि की है कि यह बम नहीं था. टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के खिलाफ चुनाव के बाद हिंसा का आरोप झूठा है.

उन्होंने कहा, 'आरोप मनगढ़ंत हैं.' उन्होंने दावा किया कि वहां रहने वाले लोग किसी अत्याचार के शिकार नहीं थे. भाजपा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हिंसा और धमकी दी जा रही है. भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 12 पर जीत हासिल की है, जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी 29 सीटों पर विजयी हुई है और कांग्रेस ने एक सीट जीती है.

ये भी पढ़ें- प. बंगाल में भाजपा नेता को पुलिस ने राजभवन में प्रवेश करने से रोका, जानें क्या है पूरा मामला - SUVENDU ADHIKARI

कोलकाता: लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद और बिप्लब कुमार देब सहित भाजपा की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम रविवार शाम यहां पहुंची. टीम ने चुनाव बाद हुई हिंसा के कुछ कथित पीड़ितों से मुलाकात की. उनके बारे में भाजपा ने दावा किया कि उन्हें पार्टी ने यहां राज्य मुख्यालय के निकट एक घर में आश्रय दिया है.

प्रसाद ने दावा किया कि राज्य में चुनाव के बाद हो रही कथित हिंसा से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ राज्य की जनता भी भयभीत है. लोकसभा सांसद ने दो दिवसीय दौरे पर शहर पहुंचने पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, 'देश भर में चुनाव हुए, लेकिन हिंसा केवल पश्चिम बंगाल में हुई.' पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'अगर ममता जी लोकतंत्र में विश्वास करती हैं, तो उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.'

प्रसाद ने कहा कि वह पंचायत चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल आए थे. उन्होंने दावा किया कि तब भी राज्य में हिंसा हुई थी और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के बाद भी यही दोहराया जा रहा है. प्रसाद ने कहा, 'देश में कहीं भी ऐसी हिंसा नहीं होती. बिप्लब कुमार देब ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कथित हिंसा और धमकी के कारण पश्चिम बंगाल में करीब 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा.

उन्होंने कहा कि टीम भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के निर्देशन में आई है. उन्होंने कहा, 'प्रभावित लोगों और पार्टी नेतृत्व से बात करने के बाद हम उन्हें रिपोर्ट देंगे.' त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री देब ने कहा कि पार्टी नेतृत्व पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा रहेगा और लोकतंत्र को बचाने के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेगा.

उन्होंने कहा कि 2018 में पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से त्रिपुरा में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई यह दिखा दे कि वहां ऐसी कोई घटना हुई है तो वह राजनीति छोड़ देंगे. राज्य का दौरा करने वाली चार सदस्यीय टीम के संयोजक देब ने कहा, 'हम पश्चिम बंगाल में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान पीड़ितों से बात करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे.'

टीम में भाजपा सांसद बृजलाल और कविता पाटीदार भी शामिल हैं. बाद में टीम के सदस्यों ने यहां माहेश्वरी भवन में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों से मुलाकात की, जहां बताया गया कि हिंसा और धमकी के बाद वे शरण लिए हुए थे. दावा किया जाता है कि वे दक्षिण बंगाल के विभिन्न स्थानों से आए हैं, जिसमें बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है. इसके अंतर्गत संदेशखली स्थित है. उन्होंने टीम के सदस्यों को अपनी कथित पीड़ा सुनाई.

भाजपा नेतृत्व ने कथित पीड़ितों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी कि वे सुरक्षित अपने घर वापस जा सकें. कथित पीड़ितों से बात करने के बाद, प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ से इन लोगों की सुरक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है ताकि वे सुरक्षित अपने घर वापस जा सकें. वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ने कहा, 'हमने अपने कानूनी प्रकोष्ठ से पीड़ितों के नाम नोट करने और उनके लिए सुरक्षा की मांग करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है.'

उन्होंने कहा कि सभी को अपने घरों में रहने का अधिकार है, लेकिन कथित पीड़ितों को राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा, 'चाहे प्रधानमंत्री हों, केंद्रीय गृह मंत्री हों या पार्टी अध्यक्ष, हम सभी उनके (कथित पीड़ितों) साथ हैं.' माहेश्वरी भवन का दौरा करने के दौरान सड़क के डिवाइडर पर एक अज्ञात वस्तु मिलने के स्थान के पास बम की अफवाह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अगर यह हमें डराने के लिए किया गया है, तो यह सफल नहीं होगा.'

खोजी कुत्तों के साथ एक पुलिस दल ने गोल आकार की छोटी वस्तु की जांच की और उसके बाद उसे ले गया. बाद में कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बम निरोधक दस्ते ने पुष्टि की है कि यह बम नहीं था. टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के खिलाफ चुनाव के बाद हिंसा का आरोप झूठा है.

उन्होंने कहा, 'आरोप मनगढ़ंत हैं.' उन्होंने दावा किया कि वहां रहने वाले लोग किसी अत्याचार के शिकार नहीं थे. भाजपा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हिंसा और धमकी दी जा रही है. भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 12 पर जीत हासिल की है, जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी 29 सीटों पर विजयी हुई है और कांग्रेस ने एक सीट जीती है.

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