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नीतीश-नायडू के बिना भी सरकार बना सकते हैं पीएम मोदी, करना होगा ये काम - LOK SABHA ELECTION 2024

Lok Sabha Election 2024: BJP को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है और वह अपने सहयोगियों की बदौलत बहुमत के आंकड़े को पार कर रही है, ऐसे में सवाल बना हुआ है कि अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया, तो क्या होगा?

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नीतीश-नायडू के बिना भी बन सकती है एनडीए की सरकार (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 6, 2024, 10:01 AM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का ऐलान हो चुका है. इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने 292 सीटों पर जीत दर्ज की हैं. इसमें जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की 28 सीटें भी शामिल हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिले हैं. ऐसे में सबकी नजरें अब एनडीए में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू पर टिकी हैं.

दरअसल, चुनाव में जेडीयू के खाते में 12 और टीडीपी के खाते में 16 सीटें आई हैं. इस तरह दोनों दलों ने कुल 28 सीट पर जीत दर्ज की है. मौजूदा स्थिति में इन दोनों दलों की अहमियत काफी बढ़ गई है. इसके अलावा इस बार निर्दलीय और छोटी-छोटी पार्टियों के 17 सांसदों पर भी सबकी नजर रहेगी. ये सांसद ना एनडीए का हिस्सा है और ना इंडिया ब्लॉक का. हालांकि ये सांसद भी सरकार का भविष्य तय कर सकते हैं.

कौन हैं ये सांसद?
इन सासंदों में पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव, नगीना से जीतने वाले चंद्रशेखर आजाद, पंजाब के फरीदकोट से जीतने वाले सबरजीत सिंह खालसा, अमृतपाल सिंह, दमन और दीव से जीतने वाले निर्दलीय पटेल उमेशभाई, सांगली के विशाल पाटिल और बारामूला से जीतने वाले इंजीनियर राशिद के नाम शामिल हैं.

नीतीश-नायडू ने छोड़ा BJP का साथ तो क्या होगा?
बता दें कि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है और वह अपने सहयोगियों की बदौलत बहुमत के आंकड़े को पार कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतिश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया, तो क्या होगा?

लोकसभा की कुल 543 सीटों हैं. इनमें से अकेले बीजेपी के पास 240 हैं. एनडीए के पास 294 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा है. यानी कि एनडीए के पास बहुमत से 22 सांसद ज्यादा हैं. ऐसे में अगर सिर्फ चंद्रबाबू नायडू बीजेपी का साथ छोड़ते हैं, तो एनडीए के आंकड़ा घटकर 278 रह जाएगा, जो बहुमत से ज्यादा है. वहीं, अगर नीतिश कुमार भी बीजेपी से अलग हो जाते हैं तो एनडीए के पास सिर्फ 266 रह जाएंगी, जो कि बहुमत के आंकड़े से 6 कम हैं.

बिना नायडू-नीतीश बन पाएगी सरकार
अगर नीतीश और नायडू दोनों ही बीजेपी का साथ छोड़ देते हैं, ऐसे में तो एनडीए बहुमत के आंकड़े को पार ही नहीं कर पाएगा. इस स्थिति में बीजेपी को 6 सीट की जरूरत होगी. इन सीटों की भरपाई वह छोटे-छोटे दलों या फिर निर्दलीय सांसदों के साथ मिलकर कर सकती है. गौरतलब है कि इस चुनाव में कुल सात निर्दलीय सांसदों ने जीत दर्ज की है. बाकी सांसद छोटो-छोटे दलों के हैं, जो जरूरत पड़ने पर बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें- NDA की बैठक में पीएम मोदी को चुना गया नेता, 7 जून को हो सकती है संसदीय दल की बैठक

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का ऐलान हो चुका है. इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने 292 सीटों पर जीत दर्ज की हैं. इसमें जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की 28 सीटें भी शामिल हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिले हैं. ऐसे में सबकी नजरें अब एनडीए में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू पर टिकी हैं.

दरअसल, चुनाव में जेडीयू के खाते में 12 और टीडीपी के खाते में 16 सीटें आई हैं. इस तरह दोनों दलों ने कुल 28 सीट पर जीत दर्ज की है. मौजूदा स्थिति में इन दोनों दलों की अहमियत काफी बढ़ गई है. इसके अलावा इस बार निर्दलीय और छोटी-छोटी पार्टियों के 17 सांसदों पर भी सबकी नजर रहेगी. ये सांसद ना एनडीए का हिस्सा है और ना इंडिया ब्लॉक का. हालांकि ये सांसद भी सरकार का भविष्य तय कर सकते हैं.

कौन हैं ये सांसद?
इन सासंदों में पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव, नगीना से जीतने वाले चंद्रशेखर आजाद, पंजाब के फरीदकोट से जीतने वाले सबरजीत सिंह खालसा, अमृतपाल सिंह, दमन और दीव से जीतने वाले निर्दलीय पटेल उमेशभाई, सांगली के विशाल पाटिल और बारामूला से जीतने वाले इंजीनियर राशिद के नाम शामिल हैं.

नीतीश-नायडू ने छोड़ा BJP का साथ तो क्या होगा?
बता दें कि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है और वह अपने सहयोगियों की बदौलत बहुमत के आंकड़े को पार कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतिश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया, तो क्या होगा?

लोकसभा की कुल 543 सीटों हैं. इनमें से अकेले बीजेपी के पास 240 हैं. एनडीए के पास 294 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा है. यानी कि एनडीए के पास बहुमत से 22 सांसद ज्यादा हैं. ऐसे में अगर सिर्फ चंद्रबाबू नायडू बीजेपी का साथ छोड़ते हैं, तो एनडीए के आंकड़ा घटकर 278 रह जाएगा, जो बहुमत से ज्यादा है. वहीं, अगर नीतिश कुमार भी बीजेपी से अलग हो जाते हैं तो एनडीए के पास सिर्फ 266 रह जाएंगी, जो कि बहुमत के आंकड़े से 6 कम हैं.

बिना नायडू-नीतीश बन पाएगी सरकार
अगर नीतीश और नायडू दोनों ही बीजेपी का साथ छोड़ देते हैं, ऐसे में तो एनडीए बहुमत के आंकड़े को पार ही नहीं कर पाएगा. इस स्थिति में बीजेपी को 6 सीट की जरूरत होगी. इन सीटों की भरपाई वह छोटे-छोटे दलों या फिर निर्दलीय सांसदों के साथ मिलकर कर सकती है. गौरतलब है कि इस चुनाव में कुल सात निर्दलीय सांसदों ने जीत दर्ज की है. बाकी सांसद छोटो-छोटे दलों के हैं, जो जरूरत पड़ने पर बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं.

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