रायपुर : लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है.बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कई राज्यों में चुनाव प्रभारी समेत सह प्रभारियों की नियुक्ति की है.इस लिस्ट में यूपी के कई दिग्गज राजनेताओं को जगह मिली है.जिसमें छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से विधायक लता उसेंडी को ओड़िसा राज्य के लिए सह प्रभारी बनाया गया है. इसी के साथ जेपी नड्डा ने चुनाव प्रभारियों समेत सह प्रभारियों को बधाई भी दी है.
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निम्नलिखित राज्यों में प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है। pic.twitter.com/1hpPH4cNsa
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">भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निम्नलिखित राज्यों में प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है। pic.twitter.com/1hpPH4cNsa
— BJP (@BJP4India) January 27, 2024भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निम्नलिखित राज्यों में प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है। pic.twitter.com/1hpPH4cNsa
— BJP (@BJP4India) January 27, 2024
महिला आदिवासी नेता के तौर पर पहचान : बीजेपी नेता लता उसेंडी धाकड़ आदिवासी नेता के तौर पर जानी जाती हैं. लता उसेंडी का जन्म 1 मई 1974 को धौड़ाई गांव में हुआ. इनके पिता का नाम मंगलराम उसेंडी है. कोंडागांव सीट लता उसेंडी को पिता से विरासत में मिली. स्नातक तक की पढ़ाई के बाद लता उसेंडी ने राजनीति में आने का फैसला किया.
लता उसेंडी का सियासी सफर : लता उसेंडी को बीजेपी में पहली बार जिम्मेदारी 1998 में मिली. 1999 में लता उसेंडी पहली बार पार्षद बनीं. साल 2002 में लता उसेंडी को कोंडागांव जिला महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 2003 में बीजेपी से कोंडागांव विधानसभा से चुनाव लड़ा.जिसमें लता उसेंडी को बड़ी जीत मिली. साल 2005 में लता उसेंडी को महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. 2008 में लता उसेंडी फिर कोंडागांव से विधायक चुनी गईं.
2018 में मिली हार, 2023 में किया पलटवार : साल 2018 के चुनाव में लता उसेंडी को कांग्रेस के मोहन मरकाम के हाथों हार मिली.लेकिन लता उसेंडी ने हार से हताश होने के बजाए जमीनी स्तर पर काम करना जारी रखा.जिसका नतीजा ये हुई कि केंद्रीय नेतृत्व ने लता उसेंडी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी है.आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ को देखते हुए लता उसेंडी को 2023 में एक बार फिर कोंडागांव से प्रत्याशी बनाया गया.जिसमें उन्होंने मोहन मरकाम को हराया.