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भाजपा महिला विरोधी, भगवान राम के बारे में बात करती है लेकिन देवी सीता पर साध लेती है चुप्पी: ममता बनर्जी

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By PTI

Published : Jan 22, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Jan 22, 2024, 8:57 PM IST

CM Mamata Banerjee : अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने भाजपा को महिला विरोधी बताते हुए कहा कि भगवान राम के बारे में तो पार्टी बात करती है लेकिन देवी सीता पर चुप रहती है. पढ़िए पूरी खबर... harmony rally

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले धर्म के राजनीतिकरण का प्रयास करने को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और भगवान राम के बारे में विमर्श से देवी सीता को हटा देने के लिए उसे महिला विरोधी करार दिया.

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा यहां आयोजित मार्च का नेतृत्व करते हुए ममता ने देश में धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को संरक्षित करने में बंगाल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया.

रैली में, अपने समापन संबोधन में उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती. मैं ऐसी परिपाटी के खिलाफ हूं. मुझे भगवान राम की पूजा करने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर आपत्ति है.' ममता ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और पार्टी नेताओं के साथ हाजरा मोड़ से 'सर्व-धर्म सद्भाव' मार्च शुरू किया, जो यहां पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर समाप्त हुआ.

  • West Bengal CM Mamata Banerjee says, "I don't care who worships whom. I have a problem with the unemployment in the country. Where has the country's money gone?..." pic.twitter.com/pWRvepa23A

    — ANI (@ANI) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे (भाजपा) भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन देवी सीता का क्या? वह वनवास के दौरान हमेशा भगवान राम के साथ रहीं. वे उनके बारे में नहीं बोलते क्योंकि वे महिला विरोधी हैं. हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए हमें धर्म के बारे में उपदेश देने की उन्हें कोशिश नहीं करनी चाहिए.'

ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस और वाम मोर्चा को सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी गुट की बैठक के दौरान मैंने भारत नाम का सुझाव दिया था. लेकिन जब भी मैं बैठक में शामिल होती हूं, मुझे लगता है कि वामपंथी इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती, जिनके साथ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया है. उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठकों के दौरान हुए स्पष्ट अपमान का वर्णन किया. ममता ने कहा कि इस तरह के अपमान के बावजूद, मैंने समायोजित किया है और इंडिया ब्लॉक की बैठकों में भाग लिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोके जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल मंदिर जाना पर्याप्त नहीं है. सीएम ने कहा कि जब उन्होंने सीट-बंटवारे में देरी का मुद्दा उठाया और एक और परोक्ष धमकी दी. उन्होंने कहा कि मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है. लेकिन कुछ लोग सीट बंटवारे के बारे में हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर आप भाजपा से नहीं लड़ना चाहते हैं, तो कम से कम मत लड़ो, उन्हें सीटें दे दो.

इस दौरान ममता बनर्जी ने यहां मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरद्वारा जैसे विभिन्न धर्मों के उपासना स्थलों पर गयीं तथा सर्वधर्म रैली की अगुवाई करते हुए धार्मिक सद्भाव के लिए सांकेतिक यात्रा की. विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रमुख सदस्यों के साथ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यहां हाजरा मोड़ से 'संगति मार्च' शुरू किया. उनके साथ उनके भतीजे एवं पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी भी थे.

रैली शुरू करने से पहले, ममता ने दक्षिण कोलकाता में ऐतहासिक कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ अपने दिन की शुरुआत की. उसके बाद हाजरा मोड़ से सर्वधर्म सद्भाव रैली प्रारंभ हुई जो पार्क सर्कस मैदान की ओर गयी. रैली में, ममता ने नीले बार्डर वाली सफेद सूती साड़ी पहन रखी थी. रास्ते में एकत्र भीड़ और लोगों का उन्होंने हाथ जोड़कर अभिवादन किया. मार्च के दौरान दौरान बनर्जी ने गुरद्वारा, गिरिजाघर और पार्क सर्कस मैदान के समीप एक मस्जिद में सिर झुकाकर अपने समावेशी दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया. उनके इस मार्च का लक्ष्य शहर में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना है.

मुख्यमंत्री की इस पहल के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा, 'सुश्री ममता ने हजारा पार्क से रैली शुरू की. हजारों लोग इस रैली में शामिल हुए जो सभी समुदायों को एकजुट कर रही थी और उसका 'सर्व धर्म समभाव' संदेश शहर में प्रतिध्वनित हुई. हम सभी को एकजुट करने वाला हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबना पहले से अधिक मजबूत है.' रैली के दौरान पार्टी का झंडा और राष्ट्रध्वज लिये तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने ममता और रैली के समर्थन में नारे लगाए.

ये भी पढ़ें - प.बंगाल संदेशखाली हमला : राज्य की जांच एजेंसी पर ईडी को संदेह

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले धर्म के राजनीतिकरण का प्रयास करने को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और भगवान राम के बारे में विमर्श से देवी सीता को हटा देने के लिए उसे महिला विरोधी करार दिया.

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा यहां आयोजित मार्च का नेतृत्व करते हुए ममता ने देश में धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को संरक्षित करने में बंगाल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया.

रैली में, अपने समापन संबोधन में उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती. मैं ऐसी परिपाटी के खिलाफ हूं. मुझे भगवान राम की पूजा करने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर आपत्ति है.' ममता ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और पार्टी नेताओं के साथ हाजरा मोड़ से 'सर्व-धर्म सद्भाव' मार्च शुरू किया, जो यहां पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर समाप्त हुआ.

  • West Bengal CM Mamata Banerjee says, "I don't care who worships whom. I have a problem with the unemployment in the country. Where has the country's money gone?..." pic.twitter.com/pWRvepa23A

    — ANI (@ANI) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे (भाजपा) भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन देवी सीता का क्या? वह वनवास के दौरान हमेशा भगवान राम के साथ रहीं. वे उनके बारे में नहीं बोलते क्योंकि वे महिला विरोधी हैं. हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए हमें धर्म के बारे में उपदेश देने की उन्हें कोशिश नहीं करनी चाहिए.'

ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस और वाम मोर्चा को सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी गुट की बैठक के दौरान मैंने भारत नाम का सुझाव दिया था. लेकिन जब भी मैं बैठक में शामिल होती हूं, मुझे लगता है कि वामपंथी इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती, जिनके साथ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया है. उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठकों के दौरान हुए स्पष्ट अपमान का वर्णन किया. ममता ने कहा कि इस तरह के अपमान के बावजूद, मैंने समायोजित किया है और इंडिया ब्लॉक की बैठकों में भाग लिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोके जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल मंदिर जाना पर्याप्त नहीं है. सीएम ने कहा कि जब उन्होंने सीट-बंटवारे में देरी का मुद्दा उठाया और एक और परोक्ष धमकी दी. उन्होंने कहा कि मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है. लेकिन कुछ लोग सीट बंटवारे के बारे में हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर आप भाजपा से नहीं लड़ना चाहते हैं, तो कम से कम मत लड़ो, उन्हें सीटें दे दो.

इस दौरान ममता बनर्जी ने यहां मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरद्वारा जैसे विभिन्न धर्मों के उपासना स्थलों पर गयीं तथा सर्वधर्म रैली की अगुवाई करते हुए धार्मिक सद्भाव के लिए सांकेतिक यात्रा की. विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रमुख सदस्यों के साथ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यहां हाजरा मोड़ से 'संगति मार्च' शुरू किया. उनके साथ उनके भतीजे एवं पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी भी थे.

रैली शुरू करने से पहले, ममता ने दक्षिण कोलकाता में ऐतहासिक कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ अपने दिन की शुरुआत की. उसके बाद हाजरा मोड़ से सर्वधर्म सद्भाव रैली प्रारंभ हुई जो पार्क सर्कस मैदान की ओर गयी. रैली में, ममता ने नीले बार्डर वाली सफेद सूती साड़ी पहन रखी थी. रास्ते में एकत्र भीड़ और लोगों का उन्होंने हाथ जोड़कर अभिवादन किया. मार्च के दौरान दौरान बनर्जी ने गुरद्वारा, गिरिजाघर और पार्क सर्कस मैदान के समीप एक मस्जिद में सिर झुकाकर अपने समावेशी दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया. उनके इस मार्च का लक्ष्य शहर में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना है.

मुख्यमंत्री की इस पहल के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा, 'सुश्री ममता ने हजारा पार्क से रैली शुरू की. हजारों लोग इस रैली में शामिल हुए जो सभी समुदायों को एकजुट कर रही थी और उसका 'सर्व धर्म समभाव' संदेश शहर में प्रतिध्वनित हुई. हम सभी को एकजुट करने वाला हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबना पहले से अधिक मजबूत है.' रैली के दौरान पार्टी का झंडा और राष्ट्रध्वज लिये तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने ममता और रैली के समर्थन में नारे लगाए.

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Last Updated : Jan 22, 2024, 8:57 PM IST
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