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जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित - स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण

Bill granting reservation to OBC: इस विधेयक के जरिये जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989; जम्मू कश्मीर निगम अधिनियम, 2000 और जम्मू कश्मीर नगर निगम अधिनियम, 2000 में संशोधन का प्रस्ताव है.

Bill granting reservation to OBC
स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2024, 4:14 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के प्रावधान वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा विधेयक पर चर्चा के जवाब के बाद सदन ने 'जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024' को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस विधेयक के जरिये जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989; जम्मू कश्मीर निगम अधिनियम, 2000 और जम्मू कश्मीर नगर निगम अधिनियम, 2000 में संशोधन का प्रस्ताव है.

राय ने चर्चा पर जवाब के दौरान विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर की जनता त्राहिमाम कर रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 'जहां जाइएगा, (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी-मोदी के नारे और मोदी द्वारा किया जा रहा विकास' नजर आएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाये जाने के बाद वहां महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं तथा शांति, सुरक्षा और विकास सहित सामाजिक एवं आर्थिक आयामों में सुधार देखे गये हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सिंचाई परियोजना, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों में बेहतरीन विकास हुआ है तथा सामाजिक कल्याण के लिए कार्य हुआ है.

राय ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि जम्मू कश्मीर में हिंसा, पत्थरबाजी, हत्या एवं अन्य आतंकवादी घटनाओं में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने मोदी सरकार पर भरोसा किया है. उन्होंने कहा कि श्रीनगर के लाल चौक पर मुहर्रम के अवसर पर पहली बार जुलूस निकाला गया, और शारदा मंदिर में दिवाली का मेला आयोजित किया गया है. राय ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों में निष्पक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम करना है.

इससे पहले विभिन्न विपक्षी दलों ने जम्मू कश्मीर में पंचायत निकाय के चुनाव कराये जाने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने की भी पुरजोर मांग की. बाद में सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.

पढ़ें: राज्यों द्वारा आरक्षण के लिए एससी, एसटी में उप-वर्गीकरण के सवाल पर शुरू हुई 'सुप्रीम' सुनवाई

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के प्रावधान वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा विधेयक पर चर्चा के जवाब के बाद सदन ने 'जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024' को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस विधेयक के जरिये जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989; जम्मू कश्मीर निगम अधिनियम, 2000 और जम्मू कश्मीर नगर निगम अधिनियम, 2000 में संशोधन का प्रस्ताव है.

राय ने चर्चा पर जवाब के दौरान विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर की जनता त्राहिमाम कर रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 'जहां जाइएगा, (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी-मोदी के नारे और मोदी द्वारा किया जा रहा विकास' नजर आएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाये जाने के बाद वहां महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं तथा शांति, सुरक्षा और विकास सहित सामाजिक एवं आर्थिक आयामों में सुधार देखे गये हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सिंचाई परियोजना, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों में बेहतरीन विकास हुआ है तथा सामाजिक कल्याण के लिए कार्य हुआ है.

राय ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि जम्मू कश्मीर में हिंसा, पत्थरबाजी, हत्या एवं अन्य आतंकवादी घटनाओं में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने मोदी सरकार पर भरोसा किया है. उन्होंने कहा कि श्रीनगर के लाल चौक पर मुहर्रम के अवसर पर पहली बार जुलूस निकाला गया, और शारदा मंदिर में दिवाली का मेला आयोजित किया गया है. राय ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों में निष्पक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम करना है.

इससे पहले विभिन्न विपक्षी दलों ने जम्मू कश्मीर में पंचायत निकाय के चुनाव कराये जाने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने की भी पुरजोर मांग की. बाद में सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.

पढ़ें: राज्यों द्वारा आरक्षण के लिए एससी, एसटी में उप-वर्गीकरण के सवाल पर शुरू हुई 'सुप्रीम' सुनवाई

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