पटना : मकर संक्रांति के बाद बिहार की सियासी हवाओं का रुख बदल रहा है. चर्चा है कि नीतीश कुमार फिर एक बार पलटी मारने वाले हैं. लेकिन उन्हें 'खेला स्टार्ट' करने के लिए एक 'किक' की जरूरत थी, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' से सम्मानित करके नीतीश को महागठबंधन से मुक्ति पाने के लिए एक मजबूत 'किक' दे दिया. अगले दिन वो 'किक' काम कर गई. हुआ भी वही, नीतीश ने मंच से परिवारवाद का राग छेड़कर बिना नाम लिए लालू यादव को टार्गेट कर दिया.
परिवारवाद पर नीतीश का प्रहार : दरअसल, 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती थी. उनकी शताब्दी जयंती से पहले केंद्र सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की घोषणा की. इस घोषणा पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना की और नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि वो कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों को लेकर सियासत की डगर में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने खुद को कर्पूरी ठाकुर का बड़ा अनुयायी बताया और कहा कि इसी वजह से उन्होंने परिवारवाद को आगे नहीं बढ़ाया. मंच से नीतीश ने ये भी कह दिया कि प्रधानमंत्री नीतीश ने मुझे तो फोन नहीं किया लेकिन कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को फोन करके उन्हें बधाई दी है.
"जब से कर्पूरी जी का निधन हुआ तभी से हमलोग भारत रत्न की मांग कर रहे थे. केंद्र ने इसकी घोषणा की है, जो बहुत अच्छी बात है. कर्पूरी जी ने बिहार में अतिपिछड़ों के लिए बहुत काम किए. कर्पूरी ठाकुर हमें भी खूब मानते थे. मैने अपने बेटे को आगे नहीं बढ़ाया लेकिन अपने भाई (कर्पूरी ठाकुर के बेटे) को आगे बढ़ाने काम किया. आज ये राज्यसभा में सांसद हैं. मंत्री भी रहे हैं." -नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
रोहिणी के ट्वीट से बढ़ी तल्खी : नीतीश कुमार के इस बयान पर लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य बिफर गईं. उन्होंने भी बिना नीतीश का नाम लिए परिवारवाद को लेकर शायराना अंदाज में निशाना साध दिया. हालांकि जब रोहिणी आचार्य के ट्वीट पर विवाद गहराया तो उन्होंने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया. रोहिणी आचार्य ने अपने डिलीट किए हुए ट्वीट में नीतीश की पल पल बदलती सियासी विचारधारा और समाजवादी पुरोधा बनने पर टार्गेट किया.
रोहिणी ने दिखाया नीतीश को आइना : रोहिणी ने परिवारवाद पर नीतीश के प्रहार को खीझ बताया और उसे अप्रत्यक्ष तौर पर बेटे की 'योग्यता' से जोड़ दिया. अपनी कमियों को देखने की नसीहत देते हुए रोहिणी ने किसी दूसरे पर कीचड़ उछालने को 'बदतमीजी' तक करार दे दिया. यही नहीं लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट के माध्यम से नीतीश की नीयत पर भी सवाल खड़े कर दिए. यही वजह है विवाद बढ़ने पर ट्वीट होने के चंद घंटे के अंदर उसे डिलीट भी करना पड़ा.
'बिहार में खेला होने वाला है' : अचनाक नीतीश के बदले तेवर से बिहार की सियासत में गर्माहट आ गई. मांझी और दूसरे NDA के लीडर ये कहते रहे हैं कि 25 जनवरी के पहले बिहार में खेला शुरू होगा. हर कोई इसको लेकर ये समझ नहीं पा रहा था कि क्या वाकई में बिहार की सियासत करवट ले रही है? जिस तरह से नेताओं के रुख नजर आ रहे हैं उससे ये जरूर कहा जा सकता है कि बिहार में जरूर कुछ बड़ा होने वाला है.
एक 'किक' से स्टार्ट हुई 'पलटनीति' : बीजेपी के जो नेता कल तक नीतीश को किसी भी कीमत पर बीजेपी में आने के खिलाफ थे उनके तेवर भी शर्तों के साथ नरम पड़ते दिख रहे हैं. वहीं महागठबंधन से सीएम नीतीश लगातार दूरी बनाते दिख रहे हैं. सार्वजनिक स्थानों पर कैबिनेट बैठकों में भी इस दूरी का असर दिखने लगा है. आज हुई कैबिनेट की ब्रीफिंग तक नहीं हुई. नीतीश पास रहकर भी बॉडी लेंग्वेज से दूर नजर आते हैं. ठीक वैसा ही जैसी आज से दो साल पहले नीतीश ने बीजेपी से 'छुटकारे के वक्त' किया था.
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