गया: बिहार के गया और औरंगाबाद लोकसभा सीट पर कल शुक्रवार को मतदान होना है. चुनाव के दौरान मतदानकर्मी और सुरक्षाबलों को जानमाल की क्षति ना हो, इसके लिए पहली बार जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों को बूथ तक पहुंचाया है.गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर स्थित छकरबंधा पहाड़ी का इलाका प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के गढ़ के रूप में जाना जाता है.
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता: गया जिले के छकरबंधा पहाड़ी पर स्थित सभी बूथों पर मतदान कर्मियों को इस बार पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भेजा गया है. छकरबंधा पहाड़ी के सभी बूथों पर मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भेजा गया है. यह छकरबंधा पहाड़ी गया और औरंगाबाद जिले के सीमावर्ती इलाके पर स्थित है. छकरबंधा पहाड़ी का बड़ा भाग गया जिले में आता है, तो कुछ हिस्सा औरंगाबाद जिले में आता है.
"गया के छकरबंधा पहाड़ी पर स्थित सभी बूथों पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान कर्मियों को पहुंचाया गया है. गया पुलिस के द्वारा बेहतर सुरक्षा करते हुए छकरबंधा थाना के कई मतदान केंद्र पर उनके वास्तविक मतदान भवन में ही इस बार मतदान कराया जा रहा है. इससे आम नागरिकों में काफी खुशी का माहौल है." - आशीष भारती, एसएसपी गया
पहली बार हेलीकॉपटर से भेजे गये मतदानकर्मी: बता दें कि कभी यही इलाका नक्सलियों का मुख्य जोन रहा है, लेकिन नक्सलियों की पकड़ अब ढीली हुई है और पहली बार इस पहाड़ी के सभी बूथों पर मतदान के लिए हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मियों को भेजा गया है. वहीं चुनावी इतिहास में संभव होता है. पहली बार यहां वास्तविक मतदान केंद्रो दो पर वोट डाले जाएंगे. छकरबंधा पहाड़ी से नक्सली गतिविधियों का संचालन बिहार और झारखंड के लिए होता था. कई बड़ी नक्सली घटनाएं छकरबंधा पहाड़ी से जुड़ी हुई है.
कांटे की है टक्कर: लोकसभा चुनाव के पहले फेज में आज गया और औरंगाबाद लोकसभा सीट पर मतदान होना है. गया लोकसभा सीट पर एनडीए प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और राजद प्रत्याशी सह बोधगया विधायक सह पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत के बीच कांटे की टक्कर है. वहीं औरंगाबाद लोकसभा सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह और राजद प्रत्याशी सह पूर्व टिकारी विधायक अभय कुशवाहा के बीच है.
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