दिल्ली: शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कई युवा चेहरों को नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड से सम्मानित किया. भारत मंडपम में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की लोक गायिका मैथिली ठाकुर को भी सम्मानित किया. मैथिली ठाकुर को कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया.
पीएम मोदी ने मैथिली ठाकुर का किया सम्मान: पीएम मोदी ने मंच पर मैथिली ठाकुर को सम्मानित किया और उनकी जमकर प्रशंसा की. अवार्ड देने के दौरान पीएम मोदी ने कहा मैथिली नमस्ते, आज कुछ सुनाई दो औरों को क्या. क्योंकि लोग मेरा सुनसुन कर थक जाते हैं. मोदी के खास अंदाज को देख कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के साथ ही लोक गायिका भी हंस पड़ीं. मैथिलि ने अपनी सुरीली आवाज में महाशिवरात्री के मौके पर भगवान शिव का भजन सुनाया.
"मैंने मन की बात में एक बार एक जर्मन बच्ची का उल्लेख किया था. जन्म से उसको आंखें नहीं हैं, उसने हिंदुस्तान को देखा नहीं है. मैं हैरान हूं कि दक्षिण भारत की भाषा में इतना तेजी से वो बात करती है. पिछले दिनों वो बच्ची आई थी, मैं उससे मिला. बच्ची ने मुझे तमिल में शिव भजन सुनाया. संगीत की क्या ताकत होती है, जर्मनी के सिवाए बच्ची को कोई भाषा मालूम नहीं है. लेकिन उसके पास अद्भुत प्रभाव है वहीं प्रभाव परमात्मा ने आपको (मैथिली ठाकुर ) भी दी है."- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे..': उसके बाद मैथिल ने सबसे पहले लोगों को महाशिवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. फिर पीएम मोदी के आग्रह पर भगवान शंकर का भजन गाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. मैथिली ने डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे, प्रेम मगन नाचे भोला, भोला, डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे, भजन सुनाया. इस दौरान मैथिली ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी ली.
क्या है 'नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड': प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कई युवाओं को पहली बार नेशनल क्रिएटर्स पुरस्कार से सम्मामित किया है. देश में पहली बार दिए गए इस अवार्ड के लिए लगभग 1.5 लाख नामांकन हुए थे और तकरीबन 10 लाथ वोट डाले गए. सामाजिक परिवर्तन की वकालत, पर्यावरण स्थिरता, शिक्षा, गेमिंग, संगीत सहित अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए इस अवार्ड की शुरुआत की गई है.
कौन हैं मैथिली ठाकुरः लोक गायिका मैथिली ठाकुर को आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है. मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी के बेनीपट्टी में हुआ था. मैथिली का बचपन संगीत के वातावरण में गुजरा है. यही कारण है कि उनका लोक गीत को लेकर काफी इंटरेस्ट रहा है. मैथिली के पिता रमेश ठाकुर हैं, जो संगीत की शिक्षा देते हैं. उनकी मां का नाम पूजा ठाकुर है. लोक गायिका के परिवार में मैथिली के अलावा बड़े भाई रिषभ ठाकुर और छोटे भाई अयाची भी हैं. मैथिली को हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अलावा लोक संगीत का प्रशिक्षण उनके पिता और दादा से प्राप्त हुआ है.
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