ETV Bharat / bharat

खुद का पत्ता नहीं खुला तो पत्नियों के सहारे 'संसद यात्रा' करना चाह रहे बिहार के ये बाहुबली, जानें कुर्सी का गेम प्लान - Lok Sabha Elections 2024 - LOK SABHA ELECTIONS 2024

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में बाहुबली की एंट्री न हो तो राजनीति का रंग फीका लगने लगता है. इसी रंग को बरकरार रखने के लिए बिहार बाहुबली ने नया गेम प्लान तैयार किया है. इसबार खुद के पत्ते नहीं खुले तो अपनी-अपनी पत्नियों को चुनावी दंगल में उतार दिया है. 4 बाहुबली में कितने लोग अपनी पत्नी के सहारे संसद तक यात्रा कर पाएंगे इसके बारे में राजनीतिक विशेषज्ञ ने खास जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर.

Lok Sabha Elections 2024
Lok Sabha Elections 2024
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 2, 2024, 6:07 AM IST

चुनाव में बाहुबली की पत्नी की एंट्री पर विशेषज्ञ की राय

पटनाः बिहार की राजनीति को बाहुबली का प्रभाव हमेशा से देखने को मिला है. कई ऐसे बाहुबली हुए जो खुद चुनाव न लड़ कर अपनी पत्नी या संबंधी को चुनावी मैदान में उतारते रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में भी चार बाहुबली की पत्नी चुनाव मैदान में हैं. शिवहर से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, सीवान से रमेश कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी, पूर्णिया से अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती व मुंगेर से अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी संसद की यात्रा में जुट गई है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? बाहुबली की पत्नियों को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ संजय कुमार का का मानना है कि इनके ऊपर बाहुबली के साथ-साथ जातीय समीकरण का ठप्पा लगा हुआ है. इनके जाति के लोग इनमें अपना नायक ढूंढते हैं. कई मौके पर उन्होंने इसको परिणाम में भी बदलने का काम किया है. न्यायिक मजबूरी के कारण ये लोग खुद नहीं चुनाव लड़कर अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारे हैं.

"पत्नी भले ही चुनाव लड़ रही हैं लेकिन वह मात्र मुखौटा है. असली चुनाव तो बाहुबली खुद लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब समय बहुत बदल गया है. 21वीं सदी में अभी भी बाहुबल के प्रभाव में आकर लोग वोट करेंगे या विकास के नाम पर वोट करेंगे यह चुनाव परिणाम में देखने को मिल जाएगा. यह जनता पर निर्भर करता है कि उन्हें बाहुबली पसंद है या विकास करने वाले नेता पसंद है." - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

आनंद मोहन नहीं लड़ सकते चुनावः बिहार के चुनावी मैदान में सबसे पहले नंबर पर आनंद मोहन आते हैं. 1996 और 1998 में शिवहर लोकसभा सीट से सांसद रहे. IAS जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल चले गए थे. नियमों के अनुसार आनंद मोहन इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते क्यों कि वो दो साल से अधिक समय तक जेल में बंद थे.

लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ
लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ

आनंद मोहन पत्नी लवली आनंदः आनंद मोहन की रिहाई नीतीश कुमार की सरकार द्वारा जेल मैनुअल में बदलाव के बाद हो पाया. इसलिए इसबार उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद को मैदान में उतारा है. जदयू(नीतीश कुमार) ने शिवहर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. 2019 में लवली आनंद ने राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर हार गई थी. इस बार ठीक चुनाव से पहले लवली आनंद ने राजद को छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गई हैं.

लवली आनंद का क्या कहना है? लवली आनंद का कहना है कि उनके परिवार का राजनीति से पुराना रिश्ता रहा है. वह खुद सांसद रही है उनके पति भी सांसद रह चुके हैं. लवली आनंद ने कहा कि चुनाव जीतने पर उनकी पहली प्राथमिकता होगी शिवहर का विकास करना. एनडीए के 10 वर्षों के शासनकाल में विकास का बहुत काम हुआ है लेकिन जो काम अधूरे हैं उन कामों को पूरा करना.

विजयलक्ष्मी देवीः दूसरे नंबर पर विजयलक्ष्मी देवी भी जदयू के टिकट पर सिवान से चुनाव लड़ने वाली है. बाहुबली नेता रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति CPI ML से शुरू हुई. रमेश सिंह कुशवाहा खुद पूर्व में JDU से विधायक रह चुके हैं. हाल में उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से इस्तीफा देकर पत्नी के साथ जदयू में शामिल हुए. इस बार लोकसभा चुनाव में रमेश सिंह कुशवाहा ने अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी देवी को जनता दल यूनाइटेड का टिकट दिलवा दिया है.

नीतीश कुमार के साथ विजयलक्ष्मी और पति रमेश सिंह कुशवाहा
नीतीश कुमार के साथ विजयलक्ष्मी और पति रमेश सिंह कुशवाहा

विजयलक्ष्मी का दावाः विजयलक्ष्मी ने कहा कि वह सक्रिय रूप से राजनीति में नहीं थी लेकिन वह सामाजिक कार्यों से हमेशा जुड़ी हुई रही हैं. उनके पति ने हमेशा वंचितों की लड़ाई लड़ी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी वर्गों का उनका समर्थन मिल रहा है. उन्होंने दावा किया कि 2 लाख से अधिक मतों से चुनाव जीतेंगी.

1990 वाला धमकः इसबार जदयू और राजद ने दो-दो बाहुबली की पत्नी को टिकट दिया है. जदयू ने आनंद मोहन और रमेश सिंह कुशवाहा और राजद ने अवधेश मंडल और अशोक महतो की पत्नी को टिकट दिया है. वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का मानना है कि 1990 के दशक में जो बाहुबलियों को लेकर राजनीति में देखने को मिलता था उसकी धमक 2024 में दिख रही है. राजनीतिक दल राजनीति से अपराधीकरण को हटाने की बात करती है. लेकिन यह चिंता राजनीतिक दलों की नहीं आम लोगों की है.

"जिन चार बाहुबली की पत्नी चुनावी मैदान में वह बाहुबली के अलावा जातीय समीकरण को देखते हुए चुनावी मैदान में उतरी हैं. बाहुबलियों को लेकर अब कोई भी राजनीतिक दल से अछूती नहीं रही है. जिन चारों बाहुबलियों की पत्नी आज चुनावी मैदान में हैं उनके बारे में बिहार के लोगों को सब पता है." -अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

अवेधश मंडल की पत्नी बीमा भारतीः तीसरे नंबर पर बीमा भारती हैं. बीमा भारती हाल में जदयू से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुई हैं. राजद की टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. अवधेश मंडल के खिलाफ हत्या और अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज हैं इसलिए वे खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसलिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है. अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती पांच बार विधायक रह चुकी हैं. विधायक रहते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुई.

बीमा भारती और उनके पति अवधेश मंडल
बीमा भारती और उनके पति अवधेश मंडल

बीमा भारती का दावाः बीमा भारती भारती का मानना है कि उन्होंने निर्दलीय से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वहां की जनता ने पांच बार उन्हें विधानसभा भेजने का काम किया. इस बार सामाजिक न्याय के मसीहा लालू प्रसाद यादव का आशीर्वाद लेकर पूर्णिया में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उनका विश्वास है कि वह चुनाव जीतेंगे और महिलाओं पिछड़ों दलितों वंचितों की हक की लड़ाई आगे भी जारी रखेंगी.

अनीता देवीः चौथे नंबर पर अनीता देवी चुनाव लड़ रही है. 2024 लोकसभा चुनाव में अनीता कुमारी राजद के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ रही हैं. अनीता कुमारी नवादा के बाहुबली नेता अशोक महतो की पत्नी हैं. 2023 में अशोक महतो 17 साल जेल काटने के बाद जेल से रिहा हुए थे. 2001 के नवादा जेल ब्रेक कांड में दोषी पाए गए थे. पिछले साल ही रिहा हुए हैं. आनंद मोहन की तरह ये भी चुनाव लड़ नहीं सकते. इसी कारण से उन्होंने हाल में अनिता देवी शादी कर अपनी पत्नी को राजद से टिकट दिलवाया और चुनाव मैदान में उतार दिया.

अनीता देवी अपने पति अशोक महतो के सथा
अनीता देवी अपने पति अशोक महतो के साथ

क्या कहती हैं अनीता देवीः अनीता देवी का कहना है कि उनके पति पिछड़ों एवं वंचितों की लड़ाई के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया. अनीता देवी का मानना है कि 2024 के चुनाव में एक तरफ उनकी जीत होगी. पति के संघर्ष का लाभ उनको इस चुनाव में मिलेगा.

यह भी पढ़ेंः

चुनाव में बाहुबली की पत्नी की एंट्री पर विशेषज्ञ की राय

पटनाः बिहार की राजनीति को बाहुबली का प्रभाव हमेशा से देखने को मिला है. कई ऐसे बाहुबली हुए जो खुद चुनाव न लड़ कर अपनी पत्नी या संबंधी को चुनावी मैदान में उतारते रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में भी चार बाहुबली की पत्नी चुनाव मैदान में हैं. शिवहर से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, सीवान से रमेश कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी, पूर्णिया से अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती व मुंगेर से अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी संसद की यात्रा में जुट गई है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? बाहुबली की पत्नियों को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ संजय कुमार का का मानना है कि इनके ऊपर बाहुबली के साथ-साथ जातीय समीकरण का ठप्पा लगा हुआ है. इनके जाति के लोग इनमें अपना नायक ढूंढते हैं. कई मौके पर उन्होंने इसको परिणाम में भी बदलने का काम किया है. न्यायिक मजबूरी के कारण ये लोग खुद नहीं चुनाव लड़कर अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारे हैं.

"पत्नी भले ही चुनाव लड़ रही हैं लेकिन वह मात्र मुखौटा है. असली चुनाव तो बाहुबली खुद लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब समय बहुत बदल गया है. 21वीं सदी में अभी भी बाहुबल के प्रभाव में आकर लोग वोट करेंगे या विकास के नाम पर वोट करेंगे यह चुनाव परिणाम में देखने को मिल जाएगा. यह जनता पर निर्भर करता है कि उन्हें बाहुबली पसंद है या विकास करने वाले नेता पसंद है." - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

आनंद मोहन नहीं लड़ सकते चुनावः बिहार के चुनावी मैदान में सबसे पहले नंबर पर आनंद मोहन आते हैं. 1996 और 1998 में शिवहर लोकसभा सीट से सांसद रहे. IAS जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल चले गए थे. नियमों के अनुसार आनंद मोहन इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते क्यों कि वो दो साल से अधिक समय तक जेल में बंद थे.

लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ
लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ

आनंद मोहन पत्नी लवली आनंदः आनंद मोहन की रिहाई नीतीश कुमार की सरकार द्वारा जेल मैनुअल में बदलाव के बाद हो पाया. इसलिए इसबार उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद को मैदान में उतारा है. जदयू(नीतीश कुमार) ने शिवहर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. 2019 में लवली आनंद ने राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर हार गई थी. इस बार ठीक चुनाव से पहले लवली आनंद ने राजद को छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गई हैं.

लवली आनंद का क्या कहना है? लवली आनंद का कहना है कि उनके परिवार का राजनीति से पुराना रिश्ता रहा है. वह खुद सांसद रही है उनके पति भी सांसद रह चुके हैं. लवली आनंद ने कहा कि चुनाव जीतने पर उनकी पहली प्राथमिकता होगी शिवहर का विकास करना. एनडीए के 10 वर्षों के शासनकाल में विकास का बहुत काम हुआ है लेकिन जो काम अधूरे हैं उन कामों को पूरा करना.

विजयलक्ष्मी देवीः दूसरे नंबर पर विजयलक्ष्मी देवी भी जदयू के टिकट पर सिवान से चुनाव लड़ने वाली है. बाहुबली नेता रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति CPI ML से शुरू हुई. रमेश सिंह कुशवाहा खुद पूर्व में JDU से विधायक रह चुके हैं. हाल में उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से इस्तीफा देकर पत्नी के साथ जदयू में शामिल हुए. इस बार लोकसभा चुनाव में रमेश सिंह कुशवाहा ने अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी देवी को जनता दल यूनाइटेड का टिकट दिलवा दिया है.

नीतीश कुमार के साथ विजयलक्ष्मी और पति रमेश सिंह कुशवाहा
नीतीश कुमार के साथ विजयलक्ष्मी और पति रमेश सिंह कुशवाहा

विजयलक्ष्मी का दावाः विजयलक्ष्मी ने कहा कि वह सक्रिय रूप से राजनीति में नहीं थी लेकिन वह सामाजिक कार्यों से हमेशा जुड़ी हुई रही हैं. उनके पति ने हमेशा वंचितों की लड़ाई लड़ी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी वर्गों का उनका समर्थन मिल रहा है. उन्होंने दावा किया कि 2 लाख से अधिक मतों से चुनाव जीतेंगी.

1990 वाला धमकः इसबार जदयू और राजद ने दो-दो बाहुबली की पत्नी को टिकट दिया है. जदयू ने आनंद मोहन और रमेश सिंह कुशवाहा और राजद ने अवधेश मंडल और अशोक महतो की पत्नी को टिकट दिया है. वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का मानना है कि 1990 के दशक में जो बाहुबलियों को लेकर राजनीति में देखने को मिलता था उसकी धमक 2024 में दिख रही है. राजनीतिक दल राजनीति से अपराधीकरण को हटाने की बात करती है. लेकिन यह चिंता राजनीतिक दलों की नहीं आम लोगों की है.

"जिन चार बाहुबली की पत्नी चुनावी मैदान में वह बाहुबली के अलावा जातीय समीकरण को देखते हुए चुनावी मैदान में उतरी हैं. बाहुबलियों को लेकर अब कोई भी राजनीतिक दल से अछूती नहीं रही है. जिन चारों बाहुबलियों की पत्नी आज चुनावी मैदान में हैं उनके बारे में बिहार के लोगों को सब पता है." -अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

अवेधश मंडल की पत्नी बीमा भारतीः तीसरे नंबर पर बीमा भारती हैं. बीमा भारती हाल में जदयू से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुई हैं. राजद की टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. अवधेश मंडल के खिलाफ हत्या और अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज हैं इसलिए वे खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसलिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है. अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती पांच बार विधायक रह चुकी हैं. विधायक रहते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुई.

बीमा भारती और उनके पति अवधेश मंडल
बीमा भारती और उनके पति अवधेश मंडल

बीमा भारती का दावाः बीमा भारती भारती का मानना है कि उन्होंने निर्दलीय से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वहां की जनता ने पांच बार उन्हें विधानसभा भेजने का काम किया. इस बार सामाजिक न्याय के मसीहा लालू प्रसाद यादव का आशीर्वाद लेकर पूर्णिया में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उनका विश्वास है कि वह चुनाव जीतेंगे और महिलाओं पिछड़ों दलितों वंचितों की हक की लड़ाई आगे भी जारी रखेंगी.

अनीता देवीः चौथे नंबर पर अनीता देवी चुनाव लड़ रही है. 2024 लोकसभा चुनाव में अनीता कुमारी राजद के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ रही हैं. अनीता कुमारी नवादा के बाहुबली नेता अशोक महतो की पत्नी हैं. 2023 में अशोक महतो 17 साल जेल काटने के बाद जेल से रिहा हुए थे. 2001 के नवादा जेल ब्रेक कांड में दोषी पाए गए थे. पिछले साल ही रिहा हुए हैं. आनंद मोहन की तरह ये भी चुनाव लड़ नहीं सकते. इसी कारण से उन्होंने हाल में अनिता देवी शादी कर अपनी पत्नी को राजद से टिकट दिलवाया और चुनाव मैदान में उतार दिया.

अनीता देवी अपने पति अशोक महतो के सथा
अनीता देवी अपने पति अशोक महतो के साथ

क्या कहती हैं अनीता देवीः अनीता देवी का कहना है कि उनके पति पिछड़ों एवं वंचितों की लड़ाई के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया. अनीता देवी का मानना है कि 2024 के चुनाव में एक तरफ उनकी जीत होगी. पति के संघर्ष का लाभ उनको इस चुनाव में मिलेगा.

यह भी पढ़ेंः

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.